टेक्नोलॉजी के जरिए दिखेगा राम मंदिर का इतिहास, संगमरमर से बनेंगी राम दरबार समेत 13 मन्दिरों की मूर्तियां।

Jun 3, 2024 - 19:11
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टेक्नोलॉजी के जरिए दिखेगा राम मंदिर का इतिहास, संगमरमर से बनेंगी राम दरबार समेत 13 मन्दिरों की मूर्तियां।

राम मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर से बने रामदरबार की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही परकोटे में बनने वाले 6 मंदिर और जन्मभूमि परिसर में शेषावतार, सप्त ऋषियों के मन्दिरों के गर्भगृह में मूर्तियों के निर्माण की तैयारी भी शुरू हो गई है। इन मूर्तियों को भी संगमरमर की शिलाओं से बनाया जाएगा। जिसकी डिजाइन प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के द्वारा तैयार किया जा रहा है।

राम मंदिर पर प्रथम तल के बाद के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया तो वहीं मंदिर के 800 मीटर की परिधि में बनाये जा रहे परकोटे में भी छह मंदिरों के निर्माण कार्य की समीक्षा प्रत्येक माह में किया जा है। रविवार की शाम मूर्तिकारों के साथ भी मंथन किया गया था। 

अगले दिन की बैठक से पूर्व निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्रा ने कहा कि निर्माण का एक लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 तक मंदिर पूर्ण होना है। मंदिर के निर्माण की समीक्षा की विशेष बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण है। वह यह है कि जो सप्त मंदिर है उसे हम अक्टूबर माह तक पूरा करना चाहेंगे। वहीं दूसरा जो महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि 25 वर्ष पुराने शेषावतार मंदिर की पुरानी आधारशिला परीक्षण में उपयुक्त नही पाया गया। 

जिस पर निर्णय लिया गया की आधारशिला को नए सिरे से रखी जाए साथ ही परिसर में ऑडिटोरियम के लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह में फाउंडेशन का कार्य शुरू हो जाएगा। जिसे लगभग 12 महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। जहां भगवान राम से संबंधित सभी कार्यक्रम संपन्न किए जाएंगे। वहीं पर साधु संतों के लिए एक विश्रामालय का निर्माण भी किया जाएगा।

सरयू तट स्थित अंतरराष्ट्रीय श्रीराम कथा संग्रहालय में म्यूजियम को टेक्नोलॉजी के जरिए दिखाई जाने का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि नए सिरे से गैलरी के निर्माण का कार्य 9 माह में पूर्ण कर लिया जाए। जिसके म्यूजियम में भगवान राम से सम्बंधित सभी वस्तुएं टेक्नोलॉजी से नई शैली में दिखाने का प्रयास किया जाएगा। वहां मंदिर की खुदाई में मिले अवशेषों को भी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कितने संघर्षों के बाद मंदिर का निर्माण हुआ है। 500 वर्षों का जो संघर्ष रहा है उसे भी म्यूजियम के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया जाएगा

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