CBI ने केजरीवाल के खिलाफ आरोप-पत्र किया दाखिल, केजरीवाल को बनाया मुख्य साजिशकर्ता

नई दिल्ली।
दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ने वाली हैं। CBI ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2021-22 की शराब नीति में भ्रष्टाचार की जांच पूरी कर ली है। इसके साथ ही CBI ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। CBI ने 29 जुलाई को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाले में अपने अंतिम आरोप पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित पांच अन्य को नामित किया था। CBI ने कहा कि केजरीवाल आपराधिक षड्यंत्र (शराब नीति मामले में) के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में सामने आए हैं। केजरीवाल के करीबी विजय नायर आबकारी नीति में उनके अनुकूल प्रावधान शामिल करने के लिए विभिन्न शराब निर्माताओं और व्यापारियों से संपर्क कर रहे थे। आंध्र प्रदेश के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी ने मार्च 2021 में केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने दिल्ली मुख्यमंत्री से दिल्ली में शराब के कारोबार में मदद देने का अनुरोध किया।
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केजरीवाल ने उनसे बीआरएस नेता के कविता से संपर्क करने को कहा क्योंकि वह उनकी टीम के साथ काम कर रही थीं। इंडोस्पिरिट्स (जिसमें कविता और रेड्डी के बेटे की हिस्सेदारी थी) को दिया गया एल1 लाइसेंस सिसोदिया के स्पष्ट निर्देश पर नियमों का उल्लंघन करके दिया गया था। आबकारी नीति पर निर्णय लेने के लिए मंत्रियों के समूह की फरवरी 2021 में हुई 8-10 बैठकों का कोई उचित विवरण तैयार नहीं किया गया था। मई 2021 में कोविड-19 महामारी के पीक पर रहने के बावजूद नई आबकारी नीति को बहुत जल्दबाजी में संसाधित और अनुमोदित किया गया। केजरीवाल ने रेड्डी से आप को फाइनेंशियल हेल्त देने को भी कहा था। सीबीआई का कहना है कि इस तथ्य की पुष्टि रिकॉर्ड में मौजूद उस समय के डॉक्यूमेंट मैटिरियल से होती है। कविता ने रेड्डी से कहा कि AAP के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जानी चाहिए, जो मार्च 2021 तक दिए जाने चाहिए।
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