कैप्टन अंशुमान सिंह ने देशहित में शहीद होकर स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गौरवगाथा, कीर्तिचक्र (मरणोपरांत) लेने पहुंची पत्नी स्मृति सिंह हुईं भावुक , राष्ट्रपति ने बंधाया ढांढस।

Jul 6, 2024 - 20:53
Jul 6, 2024 - 21:30
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कैप्टन अंशुमान सिंह ने देशहित में शहीद होकर स्वर्णिम अक्षरों में लिखी गौरवगाथा, कीर्तिचक्र (मरणोपरांत) लेने पहुंची पत्नी स्मृति सिंह हुईं भावुक , राष्ट्रपति ने बंधाया ढांढस।

राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानकर स्वयं को न्यौछावर करने की भावना ही हमारे सैनिकों द्वारा युगों - युगों तक सुनाई जाने वाली गौरवगाथा का नया अध्याय लिखने के लिए प्रेरित करती है। देवरिया के शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह ने पिछले वर्ष 2023 को सियाचिन में बंकर में आग लगने के कारण फंसे हुए जवानों को बचाने के लिए जलते हुए बंकर में प्रवेश कर के कुछ जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जवानों को बचाते हुए आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। जिससे डॉ कैप्टन अंशुमन सिंह ने खुद के प्राणों की चिंता न करते हुए खुद के प्राण न्यौछावर कर दिए। आग में फंसकर शहीद होकर एक स्वर्णिम गाथा समय के पन्नों पर अंकित कर गए।

उन्हें सेना के कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर उनकी पत्नी स्मृति सिंह और मां को  महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान शहीद पत्नी स्मृति सिंह की आंखों से दर्द के आंसू छलकते रहे। सम्मान लेते हुए उनके आंसुओं को देखते हुए उस भवन में मौजूद हर शख़्स की आंखे नम थी। स्मृति सिंह को भावुक होने पर राष्ट्रपति ने उन्हें भावुक देखकर ढांढस बंधाया।

अपना गम नहीं छुपा पाईं शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति

बता दें कि राष्ट्रपति भवन में शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की वीर गाथा सुनाई गई। बताया गया कि कैसे कैप्टन ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए और अपनी जान की चिंता नहीं करते हुए देश के लिए कुर्बानी दी। जब राष्ट्रपति भवन में कैप्टन अंशुमान सिंह की वीरगाथा सुनाई जा रही थी, उस दौरान उनकी पत्नी स्मृति सिंह अपना दुख छुपा नहीं पाईं. इस दौरान वह काफी भावुक नजर आईं. मगर उनके चेहरे पर गर्व भी साफ देखा जा सकता था। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति को कीर्ति चक्र दिया और उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। 

सियाचिन ग्लेशियर पर कैसे शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह

दरअसल ये पूरा मामला 19 जुलाई 2023 के दिन का है. 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर में सेना के बंकरों में अचानक आग लग गई थी। इसमें कई सैनिक भी फंस गए। तेज हवाओं की वजह से लगातार आग बढ़ती जा रही थी। इसी बीच आग मेडिकल सेंटर तक पहुंच गई, जहां जीवन रक्षक दवाइयां रखी हुई थी।

ये देखते ही कैप्टन अंशुमान सिंह बंकर में घुस गए और वहां से 4 जवानों को बाहर निकाल लिया। इस दौरान उन्होंने मेडिकल सेंटर को भी बचाने की कोशिश की और वह सफल भी हुए। मगर इस दौरान वह खुद आग की चपेट में आ गए। इलाज के दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए। 

"ऐसे शहीद और उनके परिवारों को हृदय से नमन"

source-  Ministry of Defence

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