मध्यप्रदेश न्यूज़: जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 3करोड़ 35 लाख का डेम।
- ठेकेदार की मनमानी ग्रामीणों की पुरखों के जमाने से3 कास्त की जा रही जमीन से भी कर लिया अवैध उत्खनन ,देता है ग्रामीणों को धमकियां,मुआवजा मिल गया तुम लोगो को अब जो चाहे मैं कर सकता है तुम कौन हो रोकने वाले,जिला पंचायत सदस्य ने कहा मौके पर जाकर करवाएंगे काम बंद।
मध्यप्रदेश के बैतूल में जलसंसाधन विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शासन के करोड़ो रुपयों की बंदरबाट करने में लगा है ठेकेदार अधिकारियों की आंखों के सामने ठेकेदार कर रहा खुला भ्रष्टाचार आपको बता दें कि भीमपुर ब्लॉक के सिंगार चावड़ी ग्राम में जल संसाधन विभाग द्वारा 3 करोड़ 35 लाख की लागत से डेम का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।
जिसमें ठेकेदार की मनमानी के चलते जबरन किसानों की जमीन से बिना अनुमति के अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है ग्रामीणों की पुरखों के समय से कास्त की जा रही जमीन को भी ठेकेदार मनमाने ढंग से खुदाई कर बर्बाद कर रहा है आवाज उठाने पर ठेकेदार जेसीबी चढ़ा देने तक कि धमकी ग्रामीणों को देने से नही डरता ग्रामीणों का आरोप है कि हमारी जमीन से जबरन अवैध उत्खनन का कार्य किया जा रहा है।
वहीं छोटे घास की जमीन पर अवैध उत्खनन कर शासन को लाखों रुपयों का चूना लगाया जा रहा है ठेकेदार कहता है कि मुआवजा मिल गया न तुम लोगों को अब मैं इस जमीन से जो चाहे करू मुझे कोई नही रोक सकता वहीं वेस्ट वियर के पत्थर और वेस्ट मटेरियल भी डेम में लाकर डाल दिये गए है इससे डेम तो वैसे ही भरा गया है।
अब ऐसे डेम में कितना पानी रुकेगा यह भी एक बड़ा प्रश्न है इस मामले की जानकारी लगते ही जिला पंचायत सदस्य ने इस भ्रष्टाचार के मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है उनका कहना है कि मुझे भी डेम के संबंध में जानकारी मिली है ग्रामीणों के साथ मे ठेकेदार द्वारा गुंडागर्दी की जा रही है जिसे बर्दास्त नही किया जाएगा और मौके पर जाकर काम को बंद करवाया जाएगा।
शासन का पैसा है तो कार्य भी शासन की मंशानुरूप होना चाहिए लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी वहीं आपको बता दें कि डेम निर्माण से पूर्व ही सबसे पहला काम बोर्ड लगाना होता है जो कि अब तक मौके पर नही लगाया गया और डेम की पिचिंग का कार्य भी जेसीबी मशीन से ही किया गया है वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि हमारी जमीन के बदले में कम मुआवजा सरकार द्वारा दिया गया है इतनी राशि मे कहीं और जमीन मिल पाना मुश्किल है।
इस पूरे डेम निर्माण की जांच की जाए तो शासन को भारी मात्रा में राजस्व की हानि हो रही है ये बात भी सामने आ जायेगी अब देखना यह है कि मामले में उच्चस्तरीय जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जाती है या इसी तरह शासन के करोड़ो रुपयों को मिली भगत से चट कर लिया जाएगा।
शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
What's Your Reaction?