अंग्रेजी भाषा रोजगार प्रदान करने में सबसे अव्वल: डॉ बीरबल झा
भारत सरकार को चाहिए की अपने देश के अधिक से अधिक युवाओं को...
आगरा। बाजारीकरण के दौर में पूरी दुनिया में अंग्रेजी जानने वालों की मांग बहुत ही तेजी से बढ़ गई है। अंग्रेजी आज व्यापर की भाषा बन गई है । अंग्रेजी को स्किल के रूप में जाना जाता है। आज भारत के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में भारत सरकार को चाहिए की अपने देश के अधिक से अधिक युवाओं को अंग्रेजी के साथ ही तकनीकी प्रशिक्षण देकर पूरी दुनिया में अपने मानव संसाधन का इस्तेमाल करे।
अंग्रेजी जानने के बाद कार्य का दायरा काफी बढ़ जाता है। हिंदी या किसी अन्य भाषा मैं आप काम करते हैं तो आप क्षेत्र विशेष में सिमट कर रह जाते हैं पर यदि आप अंग्रेजी में काम करते हैं तो आपका दायरा अंतरराष्ट्रीय हो जाता है साथ ही आपकी मांग भी बाजार में बढ़ जाती है। इससे जहां एक ओर बेरोजगारी की समस्या दूर होगी वहीं विदेशी मुद्रा का भी अर्न होगा और लोगों के जीवन में खुशहाली भी आएगी। आज चीन अंग्रेजी भाषा पर पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा खर्च कर रहा है।
देश के चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में आज कल 'जनसुराज' के बैनर तले लोगों के बीच जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा है कि जिन्हें भी अंग्रेजी बोलना -लिखना आता है और उनके पास एक स्मार्ट फ़ोन है तो उनके लिए घर बैठे ही हम दस हज़ार रुपये पार्ट टाइम जॉब के रूप में प्रतिमाह व्यवस्था कर देंगे । बिहार में बेरोजगारी और पलायन की बड़ी समस्या है।
इस बाबत देश के जानें -माने शिक्षाविद एवं ''ब्रिटिश लिंग्वा'' के प्रबंध निदेशक डॉक्टर बीरबल झा से जब हमने बात की तो उन्होंने प्रशांत किशोर की बातों से सहमति जताई। ''उन्होंने कहा कि जो बात प्रशांत किशोर आज कह रहे हैं ये बात तो मैं तक़रीबन ढाई दशक पहले से कह रहा हूं। आप अपने समाज में आस- पास ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा अंग्रेजदा जो परिवार है उनकी आर्थिक स्थिति हिंदी भाषियों की अपेक्षा समाज में बेहतर है। हम तो चाहते हैं समाज के हासिये के लोग भी अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर समाज के मुख्य धारा से जुड़े और अपने जीवन को संवारे। और देश के विकास में अपनी महती भूमिका निभायें।प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है।''
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