मसूरी में रिटायर्ड इंजीनियर गिरीश खंडूरी जंगलों की पडी लड़कियों और पेड़ों की जड़ों से बना रहे आकर्षक आकृतियां, 12 बार अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से हो चुके है सम्मानित।

रिपोर्टर सुनील सोनकर
मसूरी न्यूज़: पहाडों की रानी मसूरी में जगलों, सडक किनारे पडी बेकार जड़ों, लकडिया से रिटार्यर इंजीनियर गिरीश खंडूरी पिछले 40 सालों से विभिनन प्रकार की कलाकृतियां बनाने का काम कर रहे है जिसका उनके पास एक बडा कलेक्षन एकत्रित हो गया है।
जिसको लेकर उनके द्वारा समय समय पर विभिन्न जगहों पर प्रर्दषनी लगाकर युवाओं को प्राकृति से जुडने के साथ बेकार पडी लकडिया ओर जडों से कलाकृतिया बनाने के लिये प्रेरित कर रहे है। वह उनके द्वारा कभी भी उनके द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों को नही बेचा गया। मसूरी के एक होटल के सभागार में गिरीश खंडूरी द्वारा बनाये गए कलाकृतिया की प्रर्दषनी लगाई गई जो लोगो के लिये आक्रर्शण कर केन्द्र बना रहा है।
गिरीश खंडूरी ने बताया कि जगल ओर सडक किनारे पुरानन पडी लकडिया और जडों के कलाकृति बनाने का बचपन से शौक रहा है। जब भी वे कहीं जाते तो रास्ते में पड़ी पेड़ों की जड़ों लकडिया को उठाकर घर पर ले आते और उसको उसी स्वरूप् में तराष कर विभिन्न प्रकार की आकृति बनाते थे और देखते ही देखते उनके पास कलाकृतियों का एक बडा कनेक्षन एकत्रित हो गया जिसमें भगवान षिव, गणेष, डायनासोर, मनृश्य के विभिन्न रूप् आदि।
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उन्होंने बताया कि उनकी मां के साथ उने 8 बहन भाई भी विभिनन क्षेत्र में कलाकार है जिनसे प्रेरित होकर उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की कलाकृतिया तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक तीन सौ से अधिक आकृति पिछले चालीस सालों में बनायी हैं। उन्होंने बताया कि उनका मकसद है कि देश के युवा को उनकी द्वारा हासिल विधा को सिखाएं जिससे उनको रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके। उन्होंने य बताया कि रिटायरमेंट के बाद और अधिक कलाकृतियां बना रहे है ओर उनके द्वारा अब तक 12 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है ।
बाइट गिरीश खंडूरी रिटायर्ड इंजीनियर एवं कलाकार
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