कानपुर मेट्रोः स्वदेशी कॉटन मिल के पास कट एण्ड कवर शाफ्ट से ‘आजाद‘ टनल बोरिंग मशीन हुई लॉन्च।

Jul 15, 2024 - 19:28
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कानपुर मेट्रोः स्वदेशी कॉटन मिल के पास कट एण्ड कवर शाफ्ट से ‘आजाद‘ टनल बोरिंग मशीन हुई लॉन्च।
  • 2.4 किमी के आखिरी स्ट्रेच पर कानपुर सेंट्रल तक बनाएगी टनल 

कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-1 (आईआईटी से नौबस्ता) के अंतर्गत आज स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक लगभग 2.4 किमी लंबे स्ट्रेच पर टनल निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इस दिशा में आज स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट से ‘आजाद‘ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) को लॉन्च किया गया। 

विदित हो कि मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक टनल निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अब कानपुर मेट्रो का अगला लक्ष्य कानपुर सेंट्रल स्टेशन से स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप एरिया तक लगभग 2.4 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड स्ट्रेच में टनल का निर्माण करना है। इसके लिए सबसे पहले ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन के मिडिल शील्ड, फ्रंट शील्ड, टेल शील्ड, कटर हेड आदि विभिन्न हिस्सों को स्वदेशी कॉटन मिल के निकट स्थित लगभग 13 मीटर गहरे लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारा या लोअर किया गया। लोअरिंग के बाद मशीन के इन सभी भागों को संरेखित करने और यांत्रिक घटकों, तारों आदि से जोड़ने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद आज इसे ‘अप-लाइन‘ पर कानपुर सेंट्रल की दिशा में लॉन्च कर दिया गया।

लॉन्च होने के बाद ’आजाद’ टीबीएम मशीन अपने इनिशियल या प्रारंभिक ड्राइव में लगभग 95 मीटर टनल का निर्माण करेगी। इस दौरान मशीन का बैकअप सिस्टम यूनिट या कंट्रोल रूम, जहां मशीन की सभी सहायक प्रणालियां मौजूद होती हैं, शाफ्ट के बाहर से ही कार्य करेगा। 

 समय की बचत के लिए ’ड्रैगिंग’ प्रणाली का उपयोग 

‘आजाद‘ टीबीएम मशीन एक बार लॉन्च होने के बाद जमीन के अंदर ही अंदर टनल निर्माण करते हुए कानपुर सेंट्रल के रीट्रीवल शाफ्ट तक पहुंचेगी। खास बात यह है कि कानपुर सेंट्रल के रास्ते पर पड़ने वाले दो स्टेशनों; ट्रांसपोर्ट नगर और झकरकटी में टनल बोरिंग मशीन को बाहर निकालकर दोबारा लॉन्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि ड्रैगिंग प्रणाली का उपयोग करते हुए इन्हें दोनों स्टेशनों के अंदर एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचाया जाएगा। आमतौर पर मशीनों को भूमिगत मेट्रो स्टेशन के अंदर से ड्रैग नहीं किया जाता, बल्कि स्टेशन के छोर पर रिट्रीवल शाफ्ट तैयार कर बाहर निकाला जाता है और फिर दूसरे छोर पर बने लॉन्चिंग शाफ़्ट से दोबारा लॉन्च किया जाता है। इस प्रणाली के उपयोग से समय की बचत होती है।

इस प्रणाली के साथ यह चुनौती होती है कि जिस भूमिगत मेट्रो स्टेशन के अंदर से टीबीएम को ड्रैग किया जाना है, उसके प्लैटफ़ॉर्म लेवल का निर्माण पूरा हो चुका हो। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के सिविल इंजीनियरों ने इस चुनौती को पार करते हुए ऐसी योजना बनाई है, जिसके तहत टनल बोरिंग मशीन के पहुँचने से पहले दोनों भूमिगत मेट्रो स्टेशन के प्लैटफॉर्म लेवल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और मशीन को स्टेशन पर बाहर निकालने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

इस अवसर पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक  सुशील कुमार ने कहा कि, “कानपुर मेट्रो द्वारा आज स्वदेशी कॉटन मिल के निकट स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक टनल निर्माण के लिए ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन को लॉन्च कर दिया गया है। इस स्ट्रेच पर दोनों टनल का निर्माण हो जाने के बाद कॉरिडोर-1 के टनलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा।

मुझे खुशी है कि कानपुर मेट्रो की टीम शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले और व्यस्ततम इलाकों के नीचे से टनल निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दे रही है। समय की बचत के लिए हमारी टीम आपसी तालमेल और सहयोग से टनल निर्माण के साथ ही ट्रैक और स्टेशन का निर्माण भी कर रही है। सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी साथ-साथ किया जा रहा है। हमें पूरा विश्वास है कि कॉरिडोर-1 के बैलेंस सेक्शन पर निर्माण कार्यों की यह गति जारी रहेगी और सभी सिविल निर्माण कार्य सुनियोजित ढंग से पूरे किए जाएंगे।”

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वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। चुन्नीगंज-नयागंज और कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के अलावा लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) के दोनों सेक्शन का निर्माण कार्य भी आरंभ हो चुका है।

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