कोलकाता रेप-मर्डर केस: कोर्ट के सवालों के जबाव नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, आरोपी संजय की मां ने कहा- मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया

Aug 23, 2024 - 23:57
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कोलकाता रेप-मर्डर केस: कोर्ट के सवालों के जबाव नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, आरोपी संजय की मां ने कहा- मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया

Kolkata Doctor Rape Murder Case Update:
कोलकाता रेप-मर्डर केस में रोजाना नए नए मोड़ आ रहे हैं। इसी बीच आरोपी संजय रॉय की मां ने कहा, जो किया वो समझेगा. इस घटना में एक आदमी नहीं हैं, बल्कि कई आदमी है. मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया है, वह बेकसूर है। आरोपी की मां ने बताया कि उसके बेटे ने एक ही शादी की थी, उसकी चार शादी नहीं हुई है। जहां संजय रॉय की मां रहती हैं वहीं पास में उनकी बड़ी बहन भी रहती है। उन्होंने बताया कि संजय की दो शादी हुई थी। उन्होंने कहा कि रेप और हत्या मामले का जानकारी उन्होंने टीवी के माध्यम से मिली। आरोपी की बहन ने कहा कि अगर उसने कुछ गलत किया है तो उसे सजा मिले। कोलकाता रेप मामले के मुख्य आरोप संजय रॉय को शुक्रवार को सियालदह कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इससे पहले सीबीआई की टीम ने मुख्य आरोप के साथ-साथ आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के पूर्व प्रिंसिपल और चार डॉक्टर्स के पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसकी इजाजत गुरुवार (22 अगस्त 2024) को दे दी गई। सीबीआई की टीम अब तक ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में अब तक 73 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई को इस बात का शक है कि संजय रॉय और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने अब तक जो भी बयान दिया है, वह पूरी तरह से सही नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने कहा, मामले की सूचना मिलने से लेकर रिपोर्ट लिखने तक पुलिस ने हर बात में ढिलाई बरती। यहां तक कि घटनास्थल को भी सुरक्षित नहीं किया गया। उधर कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से हैवानियत और मर्डर के मामले में 14 घंटे की देरी से एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर ममता सरकार सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ममता सरकार से पूछा कि एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी क्यों हुई। सुप्रीम ने घटना की सूचना की पुलिस की जनरल डायरी एंट्री, अप्राकृतिक मौत की प्रविष्टि और एफआईआर दर्ज करने के समय में विसंगतियों पर बंगाल सरकार पर प्रश्नों की बौछार करते हुए इसे गंभीर मामला करार दिया। जस्टिस पार्डीवाला ने कहा कि उन्होंने 30 वर्षों के करियर में ऐसा नहीं देखा। कोर्ट के सवालों पर कई बार बंगाल की पैरोकारी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल निरुत्तर दिखे। कोलकाता हाईकोर्ट में दायर याचिका में मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने बताया, उन लोगों को तीन घंटे तक इंतजार कराया गया। इसके बाद बॉडी देखने की इजाजत दी गई।

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पीड़िता की मां ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को देखने के लिए अस्पताल प्रशासन से विनती की, उनके सामने रोईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पुलिस की टाइमलाइन के मुताबिक, माता-पिता को अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद सेमिनार कक्ष में ले जाया गया। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने भी कोर्ट में कहा कि माता-पिता को इंतजार नहीं कराया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने सवाल उठाया कि अप्राकृतिक मौत के तौर पर मामला दर्ज हुआ। अस्पताल प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दर्ज क्यों नहीं की। सीबीआई ने कोलकाता पुलिस के इस तथ्य को नकार दिया। सीबीआई की ओर से कहा गया कि हमने पांच दिन बाद जांच शुरू की। अपराध स्थल को बदल दिया गया है, इसलिए जांच करने में चुनौती आ रही है। एफआईआर भी अंतिम संस्कार के बाद  11:45 बजे दर्ज की गई थी। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कोर्ट में कहा कि शव मिलने के करीब 14 घंटे देरी से एफआईआर दर्ज क्यों की गई। ऐसे मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल को तुरंत कॉलेज आना चाहिए था और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देना चाहिए था, ऐसा क्यों नहीं हुआ। कोलकाता पुलिस के मुताबिक, क्राइम सीन को सुबह 10:30 बजे सीज कर लिया गया था, यानी शव मिलने के करीब एक घंटे बाद। 15 अगस्त को अस्पताल में भीड़ के घुसने और तोड़फोड़ करने के बाद भी कोलकाता पुलिस ने जोर देकर कहा कि अपराध स्थल सुरक्षित था।

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