कोलकाता: एंटी रेप बिल पास, बीजेपी ने किया समर्थन, ममता ने विधेयक को ऐतिहासिक बताया

ममता ने इस विधेयक को ऐतिहासिक और अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक के जरिए उनकी सरकार ने पीड़िता और उनके परिजन को त्वरित और प्रभावी न्याय उपलब्ध कराने के लिहाज से केंद्रीय कानून में मौजूद कमियों को दूर करने का प्रयास किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की ओर से मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए नारे लगाने पर ममता ने कहा कि क्या होगा अगर मैं उन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ नारे लगाऊं, जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर असामान्य रूप से अधिक है जबकि पश्चिम बंगाल में प्रताड़ित महिलाओं को अदालत में न्याय मिल रहा है।

Sep 4, 2024 - 00:36
Sep 4, 2024 - 00:41
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कोलकाता: एंटी रेप बिल पास, बीजेपी ने किया समर्थन, ममता ने विधेयक को ऐतिहासिक बताया

हाईलाइट्स:-:

  • ममता ने पीएम और गृह मंत्री पर आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा देने की बात कही
  • ममता ने कहा कि विपक्ष राज्यपाल से कहे कि वह बिना किसी देरी के इस विधेयक पर हस्ताक्षर करें।
  • कहा- महिलाओं से संबंधित करीब 7,000 मामले अभी भी अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं।

कोलकाता।
'अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक' मंगलवार को ममता बनर्जी की सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा ने पास कर दिया। ममता ने इस विधेयक को ऐतिहासिक और अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि इस प्रस्तावित विधेयक के जरिए उनकी सरकार ने पीड़िता और उनके परिजन को त्वरित और प्रभावी न्याय उपलब्ध कराने के लिहाज से केंद्रीय कानून में मौजूद कमियों को दूर करने का प्रयास किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की ओर से मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए नारे लगाने पर ममता ने कहा कि क्या होगा अगर मैं उन्हीं कारणों से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ नारे लगाऊं, जिनके लिए आप मेरे खिलाफ नारे लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर असामान्य रूप से अधिक है जबकि पश्चिम बंगाल में प्रताड़ित महिलाओं को अदालत में न्याय मिल रहा है।

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टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग करती हूं जो देशभर में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले प्रभावी कानूनों को लागू करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बलात्कार मानवता के खिलाफ अभिशाप है और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सामाजिक सुधारों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद हम यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस में विशेष अपराजिता टास्क फोर्स गठित करेंगे कि बलात्कार के मामलों में जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते थे कि केंद्र मौजूदा कानूनों में संशोधन करे और अपराधियों को कड़ी सजा और पीड़ितों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कठोर धाराएं शामिल करे। केंद्र ने इसके लिए कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया। इसलिए हमने पहले कदम उठाया। एक बार अगर यह लागू हो जाता है तो यह विधेयक देश के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।

बनर्जी ने इस संबंध में हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए दो पत्रों को भी पेश किया, जिनमें से एक केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की ओर से उनके पहले पत्र पर दिए गए जवाब की प्रतिक्रिया थी। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के सरकारी अस्पताल में लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला उफान पर है। डॉक्टर समेत सामाजिक संगठन से जुड़े लोग और राजनीतिक दल लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते ममता बनर्जी की सरकार बैकपुट पर है। इस बीच मंगलवार को ममता बनर्जी की सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा ने रेप और हत्या के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान वाला बिल पास कर दिया। 'अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक' का बीजेपी ने भी समर्थन किया। विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होगी, क्योंकि इसमें केंद्रीय कानूनों में कुछ प्रावधानों को संशोधित करने का प्रस्ताव है। ऐसे में ममता बनर्जी ने केंद्र को निशाने पर ले लिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि प्रधानमंत्री वह काम नहीं कर सके जो उनकी सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री महिलाओं की सुरक्षा में कोई पहल नहीं कर सके, इसलिए उन्हें और केंद्रीय गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।

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सुवेंदु अधिकारी के एक सवाल का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 88 फास्ट ट्रैक अदालत हैं। इन अदालतों की संख्या के लिहाज से राज्य पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए 50 से अधिक विशेष अदालतें हैं। इन अदालतों ने अब तक दर्ज 3,92,620 मामलों में से 3,11,479 का निपटारा किया है। महिलाओं से संबंधित करीब 7,000 मामले अभी भी अदालतों के समक्ष विचाराधीन हैं। ममता ने आरोप लगाया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) पारित किए जाने से पहले पश्चिम बंगाल से विचार-विमर्श नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हम केंद्र में नयी सरकार बनने के बाद इस पर चर्चा चाहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष राज्यपाल से कहे कि वह बिना किसी देरी के इस विधेयक पर हस्ताक्षर करें। उन्होंने कहा कि इसका प्रभावी क्रियान्वयन राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। ममता ने आरजी कर अस्पताल की लेडी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या पर दुख जताते हुए कहा कि हम सीबीआई से न्याय चाहते हैं और दोषी के लिए फांसी चाहते हैं।

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