असामान्य आदतो से मानसिक रोगों की होती शुरुआत - डॉ. आरती
- आपसी बातचीत से आधा होता अवसाद - मनोचिकित्सक
- अनोखी आदत और घटनाओ से होती मानसिक रोगों की शुरुआत
बाराबंकी। प्रत्येक मनुष्य का आचरण या व्यवहार अलग-अलग होता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति असामान्य व्यवहार करने लगे तो परिवार का दायित्व है कि उसके लक्षणाे पर ध्यान दे। समय रहते मनोचिकित्सक से उपचार कराकर बड़ी समस्या से निजात मिल सकेगी। जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक कक्ष में मनोचिकित्सक डॉ. आरती यादव बताती है कि मनुष्य की प्रत्येक मानसिक बीमारी के शुरुआती लक्षण होते है। ऐसा व्यक्ति जो कोई भी सामान फेंकने असमर्थ होता तो उसे होर्डिंग डिसऑर्डर जिसे हिंदी में संग्रह विकार कहते है।
इस बीमारी की शुरुआत इस्तेमाल में ना आने वाली वस्तुओ को एकत्रित करने लगता है। हटाने को कहने पर घबराहट बेचैनी होती है। कोई हटाने की कोशिश करता है तो उस पर आक्रामक हो जाते है। अक्सर इतना सामान एकत्र कर लेते है कि घर भर जाता है और लोगो से दूरी बना लेते है। कई मामलो में सामान के ढेर के नीचे दबकर उनकी मौत हो जाती है।
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पूरी तरह से स्वस्थ हो सकते है
होर्डिंग डिसऑर्डर बीमारी में दूसरे लक्षण ज्यादा सफाई करना, बार-बार गैस सिलेंडर और ताला चेक करना जैसे लक्षण होते है। जिसका दवा और काउंसलिंग से ईलाज सम्भव है।
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मानसिक अवसाद से जुड़ी हत्या और आत्महत्या
आत्महत्या दो कारणों से होती है, अवसाद होने पर आत्महत्या के विचार आते है। तब वो आत्महत्या करने का सामान एकत्र करते है। ऐसे में परिवार के लोगो को सतर्क हो जाना चाहिए।दूसरा अवसाद में मेनिया के कारण जब दुसरो को नुकसान नहीं पहुंचा पाने वाला स्वयं आत्महत्या कर लेता है। छात्र परीक्षा में और प्रतियोगी करियर में सफलता नहीं पाने की दशा में हत्या और आत्महत्या की संभावना होती है।
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अपनो का रखे ध्यान
अपने लोग अपनों के प्रत्येक व्यवहार का ध्यान रखे। कोई भी समस्या या परेशानी होने की दशा में परिवार या दोस्तों बात साँझा करने से आधा अवसाद बातचीत से ठीक हो जाता है। एक दूसरे की मदद किसी बड़ी समस्या को आने से रोक सकती है।
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