उफ ये गर्मी और बिजली कटौती बनी आम जनमानस की मुसीबत।
रायबरेली। इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। इसके लिए लोकल फाल्ट भी जिम्मेदार है। जिसे लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है। बिजली विभाग गर्मियों में बिजली सप्लाई के लिए लाखों करोड़ों का बजट खर्च करने के बाद भी उपभोक्ताओं को समुचित बिजली नहीं मिल पा रही है। भीषण गर्मी में लोगों का बुरा हाल है तो वही लोकल फाल्ट लोगों की समस्या बढ़ा रहे हैं। लोकल फाल्ट के नाम पर कई घंटे कटौती की जा रही है। वही अधिकारी लोकल फाल्ट काम करने का दवा जरूर करते हैं लेकिन स्थिति जैसी की तैसी बनी हुई है।
बिजली विभाग गर्मियों में बिजली सुचारू रूप से देने के नाम लाखों करोड़ों रुपए का बजट खर्च कर चुका है लेकिन उसके बाद भी लोकल फाल्ट कम नहीं हो रहे हैं। पेड़ों की कटाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर विभाग के अधिकारियों ने लाखों का खेल कर दिया। लोकल फाल्ट के नाम से घण्टों कटौती की जाती है । जितनी बिजली ट्रांसमिशन से मिल रही वो भी विभाग उपभोक्ताओं को दे पाने में नाकाम साबित हो रही है। लेकिन अधिकारी एसी कमरों में बैठकर जल्द सुधार का राग अलाप रहे हैं।
कई बर्षो पुरानी लाईने हुयी जर्जर
नये उपकेंद्रों को छोड़ कर बाकी पुराने उपकेंद्रों की 11 हजार से लेकर 33 हजार वोल्ट की लाइने जर्जर हो चुकी है। मेंटीनेंस नहीं होने के कारण अक्सर ब्रेकडाउन में बनी रहती है । सबसे खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की लाइनों की है कब ब्रेकडाउन हो जाये पता कोई भरोसा नहीं।
अधिकारियों के उदासीन से लाइन मरम्मत व क्षमता वृद्धि का काम नहीं हुआ पूरा
रिवैव डिस्टीब्यूसन योजना के तहत जर्जर लाइनों की मरम्मत होनी थी लेकिन कम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि कब पूरा होगा यह किसी अधिकारी को नहीं पता वही क्षमता वृद्धि का काम भी बहुत धीरे चल रहा है जिसके कारण ट्रांसफार्मर ओवरलोड होकर जल रहे अधिकारी काम करने वाली कंपनी पर कोई दबाव नहीं बन पा रहे हैं जिसके कारण कंपनी अपनी मनमानी कर रही है ।
क्या बोले जिम्मेदार
उपभोक्ताओं को रोस्टर के अनुसार बिजली देने का प्रयास किया जा रहा है। लोकल फाल्ट की समस्या जरूर है जिस कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
रामकुमार अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल द्वितीय
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