Jammu & Kashmir Election Result: शगुन परिहार ने कमल खिलाकर रचा इतिहास, मुस्लिम बाहुल्य इलाके में जीत दर्ज की

शगुन परिहार भाजपा के दिग्गज नेता अनिल परिहार की भतीजी हैं। अनिल परिहार की एक आतंकी हमले में मौत हो गई थी जिसे हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था। इसी हमले में शगुन ने अपने पिता को भी खो दिया था।

Oct 8, 2024 - 20:26
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Jammu & Kashmir Election Result: शगुन परिहार ने कमल खिलाकर रचा इतिहास, मुस्लिम बाहुल्य इलाके में जीत दर्ज की

2018 में शगुन परिहार के पिता और चाचा की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी

Jammu & Kashmir Assembly Election Result
बीजेपी उम्मीदवार शगुन परिहार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार सज्जाद अहमद किचलू को 521 वोटों के अंतर से शिकस्त दे दी है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य किश्तवाड़ सीट पर करिश्मा हो गया। यहां पर लगभग 70 फीसदी वोटर मुस्लिम हैं और ऐसी विधानसभा में बीजेपी उम्मीदवार ने कमल खिला दिया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम के नतीजे मंगलवार (8 अक्टूबर, 2024) घोषित किए गए जिसमें बीजेपी की उम्मीदवार शगुन परिहार को कुल 29053 वोट मिले थे। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार सज्जाद अहमद किचलू को कुल 28532 वोट मिले। इस तरह से बीजेपी उम्मीदवार शगुन परिहार ने 521 वोटों के अंतर से ही ये चुनाव जीत लिया। शगुन ने चुनाव जीतने के बाद बातचीत करते हुए कहा, 'सबसे पहले मैं यहां सुरक्षा का मुद्दा सुलझाऊंगी, क्योंकि हमने बहुत से जवानों को और अपने लोगों को खोया है। मैंने अपने पिता को खोया है। किसी ने यहां अपने बेटे, किसी ने अपने भाई को खोया है। मेरी कोशिश रहेगी कि यहां के हर बच्चे के सर पर पिता का साया हो।' साल 2018 में शगुन परिहार के पिता और चाचा की किश्तवाड़ में इस्लामिक आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अपने आगे के प्लान को लेकर शगुन परिहार ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दों की वजह से यहां के कई लोगों ने अपनों को खोया है। हमने बड़ी संख्या में अपने जवानों को खोया है। मैंने अपने पिता को खोया है तो कितने ही लोगों ने अपने बेटों-भाईयों को खोया है। मेरी पहली कोशिश यही रहेगी कि यहां रहने वाले हर बच्चे के सिर पर पिता का साया बरकरार रहे, क्षेत्र में अमन रहे और खुशहाली रहे। शगुन परिहार भाजपा के दिग्गज नेता अनिल परिहार की भतीजी हैं। अनिल परिहार की एक आतंकी हमले में मौत हो गई थी जिसे हिजबुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था। इसी हमले में शगुन ने अपने पिता को भी खो दिया था। उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। राज्य की सियासी तस्वीर की बात करें तो नेशनल कॉन्फ्रेंस 36 सीटें जीतकर सबसे आगे चल रही है। वहीं, कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं।

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने 29 वर्षीय शगुन परिहार को पहली बार जम्मू-कश्मीर की किश्तवाड़ विधानसभा सीट टिकट दिया था। इस मौके का शगुन के समर्थकों ने भरपूर जवाब दिया और उन्हें उनकी विधानसभा से जीत से नवाजा। शगुन परिहार को जब बीजेपी ने टिकट दिया था तब उन्होंने जनता से कहा था,'वह काला दिन आज भी मेरी आंखों में बसा है, जिस दिन मेरा घर वीरान कर दिया गया। मेरे परिवार ने अपने खून का कतरा-कतरा किश्तवाड़ के लिए दे दिया, यह चुनाव उनके लिए है।' गौरतरलब हो कि किश्तवाड़ से मौजूदा विनिंग कैंडिडेट शगुन परिहार के चाचा अनिल परिहार की गिनती जम्मू कश्मीर में के बड़े नेताओं में होती थी। वो जम्मू-कश्मीर के बीजेपी सचिव थे। अपने सियासी करियर को और ऊंचाइयों की ओर ले जा रहे थे तभी हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों की निगाहों में वो चुभने लगे थे। इसके बाद आतंकियों ने उनकी और शगुन परिहार के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये साल 2018 की घटना है जब आतंकियों ने इस दुस्साहस कृत्य को अंजाम दिया था। शगुन परिहार के पिता और चाचा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के प्रबल समर्थक थे। शगुन के चाचा और पिता की हत्या के बाद किश्तवाड़ा में माहौल खराब हो गए थे हालात कुछ ऐसे बन गए कि इंटरनेट बंद करना पड़ा और कर्फ्यू भी लगाना पड़ा था। इस हमले के बाद 3 आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। अनुच्छेद 370 के हटाए जाने का समर्थन करने के चलते आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।

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