Kolkata Doctor Rape Murder: एक अलग ही कहानी बयां कर रहा है वो 45 सेकंड का ये वीडियो, जानिए क्या है राज की बात

कोलकाता।
सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी अब संदीप घोष के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. संदीप घोष पर क्राइम सीन से सबूतों को मिटाने के इल्जाम हैं. उसी क्राइम सीन की तस्वीरें भी पहली बार सामने आई हैं. जहां का मंजर देखकर हर कोई हैरान है. 45 सेकंड का वीडियो आया सामनेआरजी कर रेप और मर्डर केस के खिलाफ कोलकाता में चल रहे नबान्नो मार्च के बीच सामने आए एक वायरल वीडियो ने पश्चिम बंगाल सरकार और कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. 45 सेकंड का ये वीडियो 9 अगस्त की सुबह उसी सीन ऑफ क्राइम का बताया जाता है, जहां अस्पताल के अंदर ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और कत्ल जैसी भयानक वारदात हुई थी. यानी आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम का. क्राइम सीन पर भीड़ के साथ पुलिसवाले भी मौजूदलेकिन हैरानी की बात ये है कि उस वीडियो में ये दिख रहा है सीन ऑफ क्राइम में बीसियों लोग भीड़ लगा कर खड़े हैं. एक दूसरे से बातें कर रहे हैं, ताक-झांक कर रहे हैं, मोबाइल फोन चला रहे हैं और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि लोगों की इस भीड़ में पुलिस वाले भी मौजूद हैं.
यानी खुद पुलिस वालों की आंखों के सामने लोग सीन ऑफ क्राइम पर मजमा लगा कर खड़े हैं, लेकिन पुलिस उन्हें रोकने टोकने की कोशिश नहीं कर रही. कोलकाता पुलिस की इस सफाई से ही ये साफ है कि इतने सारे लोग उसी सेमिनार हॉल के अंदर तब घुस आए हैं, जब हॉल में लाश पड़ी है और सीन ऑफ क्राइम को सुरक्षित करना पहली और सबसे बड़ी जरूरत है. कुछ लोगों की पहचान का दावाउस वीडियो में कुछ लोगों की पहचान का दावा भी किया है. जिसमें आरजी कर अस्पताल की पुलिस चौकी के इंचार्ज संजीव चट्टोपाध्याय, वकील शांतनु दे, आरजी कर के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष के पीए प्रसून चट्टोपाध्याय और फॉरेंसिक डेमोंस्ट्रेटर देवाशीष सोम का नाम शामिल है.
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क्राइन सीन पर कोलकाता पुलिस की जवाबदेहीसवाल ये उठता है कि आखिर इतने सारे लोग सीन ऑफ क्राइम पर क्या कर रहे हैं. अजीब बात तो है कि इस भीड़ में अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के साथ-साथ कई बाहर के लोग भी हैं, जिनके कायदे से यहां होने का कोई तुक ही नहीं बनता है. जबकि खुद पुलिस ही पहले ये बता चुकी है कि सीन ऑफ क्राइम को पहले ही ढेर सारी लोगों की मौजूदगी के चलते खराब किया जा चुका है. अब सवाल ये उठता है कि जो पुलिस सीन ऑफ क्राइम को खराब करने की बात कह रही थी, उस पुलिस की मौजूदगी में ही यहां सीन ऑफ क्राइम पर लोगों की भीड़ लगी नजर आ रही है. जाहिर है सीन ऑफ क्राइम की इस हालत पर अब कोलकाता पुलिस को जवाब देते नहीं बन रहा. सवाल ये उठता है कि जब आरोपी संजय रॉय एक पुलिसकर्मी नहीं है, तो फिर वो सरकारी बाइक का इस्तेमाल कैसे कर रहा था. और कैसे ऐसे आपराधिक चरित्र वाले शख्स को कोलकाता पुलिस ने अपनी बाइक का इस्तेमाल करने की छूट दे रखी थी. बाइक का इस्तेमाल करने वाला संजय क़त्ल के मामले में गिरफ्तार तो हुआ ही, लेकिन इससे पहले भी उसने कानून तोड़ने में कोई कमी नहीं की. वो उसी बाइक से नशे की हालत में वारदात की रात कोलकाता की सड़कों पर घूमता रहा. उसने अलग-अलग रेड लाइट एरियाज़ का दौरा भी उसी बाइक से किया और कम से कम 15 किलोमीटर तक पुलिस लिखी बाइक शराब के नशे में धुत्त होकर चलाई.बाइक को लेकर कोलकाता पुलिस की सफाईहालांकि कोलकाता पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट लिख कर ये साफ किया है कि कोलकाता पुलिस की सारी बाइक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के नाम पर ही रजिस्टर्ड होती हैं और जिस बाइक का इस्तेमाल संजय रॉय कर रहा था, वो भी दूसरी बाइक्स की तरह ही कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर्ड है. कोलकाता पुलिस की डीसीपी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में सोमवार को ये माना कि ये वीडियो सेमिनार रूम के अंदर का ही है, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी दावा कि इस भीड़ की वजह से सबूतों से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई.
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उन्होंने बताया कि पुलिस ने तब तक ट्रेनी डॉक्टर की शव वाली जगह को घेर लिया था और ये सेमिनार हॉल के अंदर की 11 फीट वाली वो जगह है, जो घेरे से बाहर था.सेमिनार हॉल में लोगों की एंट्री से बिगड़ा खेलहालांकि जानकार सवाल उठा रहे हैं कि तब तक जब जांच की शुरुआत भी नहीं हई थी, तो पुलिस ने ये कैसे समझ लिया कि जहां लाश पड़ी है वहीं कत्ल हुआ है. ऐसा भी तो हो सकता था कि कत्ल कहीं और हुआ हो या फिर सेमिनार हॉल के ही किसी दूसरे हिस्से में हुआ और लाश को खींच कर दूसरे कोने पर लाकर फेंक दिया गया हो, ऐसे में पुलिस ने सेमिनार हॉल में लोगों को एंट्री देकर केस का कबाड़ा कर दिया.पुलिस कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर्ड है संजय की बाइकलेकिन ये तो रही सेमिनार हॉल के उस वायरल वीडियो की बात, जिसने मामले की तफ्तीश के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी. अब सीबीआई की छानबीन में साफ हुआ है कि वारदात की रात आरोपी संजय रॉय ने जिस बाइक का इस्तेमाल कर आरजी कर अस्पताल तक की दूरी तय की, वो बाइक भी किसी और की नहीं बल्कि कोलकाता पुलिस की ही थी. और तो और ये बाइक कोलकाता पुलिस कमिश्नर के नाम पर रजिस्टर्ड है. सीबीआई ने फिलहाल इस बाइक को जब्त कर लिया है.
BJP नेता पर फायरिंग, रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी समेत कई नेता हिरासत में...
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई में 160 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए, जिनमें 17 महिलाएं शामिल हैं. पुलिस ने दावा किया कि इस झड़प में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. बंगाल में विपक्ष के नेता अधिकारी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा- “हम एक आम हड़ताल के लिए मजबूर हो गए हैं, क्योंकि यह तानाशाह शासन लोगों की आवाज को नजरअंदाज कर रहा है, जो पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे. यह बंद और विरोध प्रदर्शन आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के कारण हो रही देशव्यापी नाराजगी के बीच हुआ है. कई हिस्सों में जूनियर डॉक्टर गैर-आपातकालीन मरीजों को देखने से इनकार कर रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय और अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. कई इलाकों में टीएमसी और बीजेपी कार्यकर्ताओं में झड़प की खबरें हैं. नॉर्थ 24 परगना में गोलीबारी के बाद एक देसी बम बरामद हुआ है. बीजेपी नेता प्रियांगु पांडेय की कार पर भाटपाड़ा में हमला हुआ, फायरिंग की गई. ड्राइवर को गोली लगी. 7 राउंड फायरिंग की गई. यह सब ACP की मौजूदगी में हुआ. घटना में दो लोग घायल हुए, एक की हालत गंभीर है. बंगाल बंद के दौरान BJP नेता पर हुयी फायरिंग के मामले में पुलिस ने रूपा गांगुली, लॉकेट चटर्जी समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया है.
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