पीलीभीत न्यूज़: बाघ मित्र इस बात का पूरा पूरा ध्यान रखते हैं कि बाघों और इंसानों के बीच टकराव न हो- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

- मन की बात के 112 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत में चल रहे बाघ मित्र कार्यक्रम की प्रशंसा की
कुँवर निर्भय सिंह \ पीलीभीत। मन की बात का 112 वां एपिसोड रविवार को प्रसारित हुआ देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में पीलीभीत में चल रहे बाघ मित्र कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि पीलीभीत में चल रहे बाघ मित्र की बहुत चर्चा है यहां स्थानीय लोगों को बाघ मित्र के रूप काम करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है और यह इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं कि बाघों और इंसानों के बीच टकराव की स्थिति ना हो। दुनिया के 70% बाघ हमारे देश में है।बाघ भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
रविवार को विश्व बाघ दिवस के एक दिन पूर्व मन की बात के 112 वें एपिसोड के प्रसारण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मेरे प्यारे देशवासियों कल दुनिया भर में (29 जुलाई) टाइगर दिवस मनाया जाएगा भारत में तो टाइगर यानी बाघ हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है हम सब बाघों से जुड़े किस्से कहानियां सुनते हुए ही बड़े हुए हैं भारत में बाघों के संरक्षण के लिए इस समय अभूतपूर्व प्रयास चल रहे हैं देश में प्रतिवर्ष बाघों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि विश्व के 70% बाघ भारत में पाए जाते हैं यह प्राणी भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है गांव के लोगों को यह पता होता है कि बाघों साथ कैसे तालमेल मिलाकर रहना होता है। प्रधानमंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिजर्व में चल रहे बाघ मित्र कार्यक्रम की बहुत चर्चा है। इसके तहत स्थानीय लोगों को बाघ मित्र के रूप में काम करने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह बाघ मित्र इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखते हैं कि बाघों और इंसान के बीच टकराव की स्थिति ना बने। उन्होंने कहा देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह के प्रयास जारी है मैंने यहां कुछ प्रयासों की ही चर्चा की है मुझे इस बात की खुशी है बाघों के संरक्षण में जन भागीदारी काम आ रही है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ मित्रों ने भी मनकी बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुना और उन सभी को इस बात का गर्व महसूस कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके काम के खुलकर प्रशांसा की देश दुनिया में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाघ मित्रों की सराहना सुनी गई।
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9 जून 2014 को पीलीभीत टाइगर रिजर्व बना
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में 9 जन 2014 को टाइगर रिजर्व की स्थापना हुई। यहां जंगल में पांच रेंज है पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सीमा उत्तर में पड़ोसी देश नेपाल की शुक्ला फंटा सेंचुरी से सटा हुआ है। एवं उत्तराखंड राज्य के सुरही जंगल से लगा हुआ है। देश विदेश में सुप्रसिद्ध पीलीभीत टाइगर जहां प्रतिवर्ष पर्यटन सीजन में देश-विदेश के सैलानी बाघ सहित अन्य वन्य जीव जंतुओं के दीदार करने के लिए आते। जंगल सफारी कर पर्यटक जंगल का आंनद उठाते हैं। मिनी गोवा के रूप में प्रसिद्ध चूका पिकनिक स्पॉट भी देश विदेश में सुप्रसिद्ध है। जंगल में बने ब्रिटिश कालीन गेस्ट हाउस भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
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कौन है बाघ मित्र
पीलीभीत टाइगर रिजर्व वन्यजीव जंतुओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है यहां बड़ी संख्या में बाघ सहित अन्य जीव जंतु पाए जाते हैं। जंगल से अक्सर बाघ गांव की ओर चले आते जिससे बाघ और मानव संघर्ष बढ़ जाता है वर्ष 2016-17 पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघ मानव संघर्ष बढ़ गया था। विश्व प्रकृति निधि के द्वारा वर्ष 2019 में मानव संघर्ष को रोकने के लिए एक जनसहभागिता आयोजन शुरू किया गया जिसमें बाघ मित्र को लांच किया गया जंगल के किनारे गांव के ऐसे ग्रामीण लोगों को बाघ मित्र के लिए चयनित किया गया जो स्वरुचि से बाघ मित्र बनने को तैयार हुए उनको विश्व प्रकृति निधि एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वारा प्रशिक्षित करने के बाद बाघ मित्र के नाम से नवाजा गया। कोरोना कल में भी इन बाघ मित्रों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाता रहा। यह बाघ मित्र अवैतनिक होने के बावजूद भी बाघों की रखवाली करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में इस समय 120 बाघ मित्र बाघ संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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