मध्यप्रदेश न्यूज़: जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 3 करोड़ 35 लाख का डेम, डेम निर्माण में अधिकारियों की शह पर ठेकेदार की मनमानी।
- वहीं से पत्थर निकाल कर बेसाइज के पत्थरों से कर रहा पिचिंग,वेस्टवियर निर्माण में लगा रहा डस्ट का मसाला,अब तक नही लगाया गया बोर्ड
मध्यप्रदेश के बैतूल में जलसंसाधन विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शासन के करोड़ो रुपयों की बंदरबाट करने में लगा है ठेकेदार अधिकारियों की आंखों के सामने ठेकेदार कर रहा खुला भ्रष्टाचार आपको बता दें कि भीमपुर ब्लॉक के सिंगार चावड़ी ग्राम में जल संसाधन विभाग द्वारा 3 करोड़ 35 लाख की लागत से डेम का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।
जबकि टेंडर की नियम शर्तो में अनुसार डेम के लिए मिट्टी और पिचिंग के पत्थर दूसरी जगह से लाकर लगाना है पर ठेकेदार और इंजीनियर एसडीओ की मिलीभगत के चलते 3 करोड़ से ज्यादा की कीमत के डेम के पैसों की बंदरबाट की जा रही है ठेकेदार को फायदा पहुचाने की नीयत से नियमो को ताक पर रखकर काली मिट्टी नदी से ही निकाली जा रही है।
वही पिचिंग के लिए लगने वाले पत्थर भी वेस्टवियर से निकाले जा रहे है और पिचिंग पत्थर लगाने के बजाए डम्पर से लाकर डाल दिए जा रहे है मौके पर एक भी मजदूर मौजूद नही है सारे काम मशीनों से करवाये जा रहे है वही वेस्टवियर के निर्माण में रेत की जगह डस्ट का उपयोग किया जा रहा है और तो और मौके पर बोर्ड ही नही लगाया गया है।
वहीं जिले में बने इतने सारे अमृतसरोवर बनाये गए है जिनकी लागत ही 50 से 60 लाख है और उतना ही बड़ा डेम में जलसंसाधन विभाग का स्टीमेट आसमान छू रहा है सूत्रों की माने तो यह डेम आलमपुर में बने डेम के बराबर ही है और इतनी लागत के बावजूद भी डेम निर्माण के बाद पहली बारिश भी झेल पाए ये भी मुश्किल ही नजर आ रहा है।
शासन के करोड़ो रुपयों की बंदरबांट कर विभागीय अधिकारी भी मौज उड़ा रहे है अब देखना यह है कि खबर चलने के बाद इस मामले में उच्चस्तरीय जांच करवा ली जाए तो और भी कई खुलासे इस डेम के निर्माण के भ्रष्टाचार के सामने आ सकते है अब देखना यह है कि जांच के बाद क्या कार्यवाही की जाती है या शासन के करोड़ो रुपयों की बंदरबांट यूं ही जारी रहेगी।
शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
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