भारतीय नौसेना ने बचाई दुश्मन की जान तो लोग बोल उठे- वाह भारत की सेना।

नई दिल्ली। सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें, आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत.. बशीर बद्र की ये लाइनें भारतीय नौसेना के कारनामे पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। जिसने मुसीबत में फंसे अपने दुश्मन को भी बचाकर एक नई मिशाल कायम कर दी। इस पर लोग कह उठे, वाह भारतीय सेना, वाह भारतीय नौसेना।
इन सब क्षणों को याद करके ही हर भारतवासी गर्व से कहता है कि धन्य है हमारा भारत, धन्य है यहां की धरा। भारत का पड़ोसी देश चीन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ बोलता है। चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में धुसपैठ की कोशिश करते हैं। भारत की तरक्की से चीन सबसे ज्यादा परेशान और हैरान रहता है। उसके बावजूद भारत जितना साथ मुश्किल वक्त में फंसे अपने मित्र देशों के नागरिकों का देता है। भारत की यही खूबी उसे अन्य देशों से अलग बनाती हैं। उतना ही सहयोग संकट में फंसे अपने शत्रु देशों के लोगों का भी करता है।
मुंबई से 200 समुद्री मील दूर, एक चीनी जहाज के नाविक को चोट लग गई। भारतीय नौसेना को झोंग शान मेन नाम के जहाज से मदद की गुहार मिली थी। नौसेना ने आनन-फानन में उसकी मदद की। भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर समुद्री बचाव समन्वय केंद्र के निर्देश पर नाविक को सुरक्षित लेकर आया।नौसेना ने कहा कि समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी), मुंबई को मंगलवार को मुंबई से 200 समुद्री मील (लगभग 370 किमी) दूर मालवाहक पोत ‘झोंग शान मेन' से एक आपात संदेश प्राप्त हुआ।
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उन्होंने बताया कि संदेश में 51 वर्षीय चीनी नाविक के गंभीर रूप से घायल होने और काफी खून बहने की जानकारी दी गई तथा उसे तत्काल सुरक्षित निकालने का अनुरोध किया गया। चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में भारतीय नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस शिकरा से सुबह 0550 बजे एक सीकिंग हेलीकॉप्टर भेजा गया। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद मरीज को जहाज के ब्रिज विंग से सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया गया। भारतीय नौसेना के इस जज्बे और प्रयास पर उन देशों को सोंचने के लिए मजबूर जरूर होना पड़ेगा, जो आए दिन बेबुनियादी विषयों को आधार बनाकर भारत देश पर कुतर्क करने से बाज नहीं आते और आस्तीन में सांप बनने का काम करते हैं।
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