Mussoorie News: मसूरी के तुनेटा गाँव में नाग देवता मंदिर में भव्य मेले का हुआ आयोजन, शिव परिवार की हुई स्थापना।
मसूरी के पास स्थित एक सुंदर पहाड़ी क्षेत्र है, वहाँ का नाग देवता मंदिर स्थानीय आस्था और परंपरा का एक केंद्र है। इस मंदिर में हर वर्ष भव्य मेला ...

रिपोर्टर- सुनील सोनकर
तुनेटा गाँव, जो मसूरी के पास स्थित एक सुंदर पहाड़ी क्षेत्र है, वहाँ का नाग देवता मंदिर स्थानीय आस्था और परंपरा का एक केंद्र है। इस मंदिर में हर वर्ष भव्य मेला आयोजित किया जाता है यह परंपरा लगभग कई वर्षों से चली आ रही है और पूरे क्षेत्र के लिए यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बन चुका है। इस मौके पर शिव परिवार की स्थापना इस वर्ष मेले में एक विशेष आयोजन के अंतर्गत शिव परिवार (भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय) की मूर्तियों की भी स्थापना की गई। इससे मंदिर का धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है। इस मौके पर ग्राम तुनेटा के लोगों ने पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी को स्वागत किया व नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तुनेटा गांव के साथ अन्य स्थलो को विकसीत करने की मांग की गई वह खटटा पानी रोड के निर्माण की मांग की गई। पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने ग्रामीणो को भरोसा दिलाया कि क्षेत्र को र्प्यटन की दृश्टि से विकसीत किया जायेगा व खटटा पानी रोड के पुन निर्माण को लेकर एमडीडीए वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका परिशद सयुक्त स्प से रोड बनाने को करेगा जिसके लिये कार्य योजना तैयार की जा रही है।
ग्राम प्रधान सुनील रौछेला और स्थानीय निवासियों ने बताया कि नाग देवता मंदिर की स्थापना एक रहस्यमयी और चमत्कारिक घटना से जुड़ी है। वर्षों पहले गांव के एक गोशाला मालिक ने यह देखा कि उनकी गायों का दूध किसी कारण से कम हो रहा था। जब उन्होंने ध्यान दिया तो पाया कि नाग (सांप) आकर गायों के थनों से दूध पीते हैं, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। इस रहस्यमयी घटना को गांववालों ने दैवी संकेत माना और उस स्थान पर नाग देवता की मूर्ति स्थापित की। बाद में इसे गांव का कुलदेवता मान लिया गया और मंदिर का निर्माण किया गया। समय के साथ यह स्थान श्रद्धा और विश्वास का प्रमुख केंद्र बन गया। मेले की शुरुआत देवता की डोली यात्रा से होती है, जिसमें ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक लोक संगीत के साथ नाग देवता की डोली गांव में भ्रमण करती है।
श्रद्धालु रास्ते में पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लेते हैं। मंदिर समिति की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें गांव के लोग और बाहर से आए श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। उन्होने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ न सिर्फ मसूरी और आसपास के गांवों से, बल्कि दूरदराज़ से भी श्रद्धालु इस मेले में भाग लेने आते हैं। यह माना जाता है कि नाग देवता से सच्चे मन से मांगी गई मन्नतें जरूर पूरी होती हैं। विशेषकर संतान सुख, स्वास्थ्य और वर्षा की कामना करने वाले लोग यहां आते हैं। उन्होने कहा कि यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह गांव की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने वाला आयोजन भी है। इसमें लोक गीत, नृत्य, पारंपरिक वेशभूषा और स्थानीय खान-पान देखने को मिला। यह आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य भी कार्य करता है।
What's Your Reaction?






