Betul: सावधान- अगर आप भी जा रहे है एटीएम से पैसा निकालने तो जान लीजिये ये बात

… एचडीएफसी बैंक का एटीएम उगल रहा नकली नोट, लगातार दो दिनों से आ रही शिकायतें, बैंक मैनेजर ने झाड़ा पल्ला।
मध्यप्रदेश के बैतूल में ताजा मामला सामने आया है जहाँ जिला मुख्यालय पर लगे एटीएम से नकली नोट निकलने के 2 मामले सामने आए है
अब सवाल यहाँ यह है कि हम बाजार में चल रहे नकली नोटों से तो किसी तरह पहचान कर फसने से बच भी जाएं पर जब एटीएम मशीन ही नकली नोट उगले और उसके मामले में बैंक का मैनेजर ही अपना पल्ला झाड़ ले कि हमे नही पता आप जो पैसा एटीएम में डालते है सीएमएस वाले उनसे बात करो।

दरअसल मामला यह है कि रविवार की शाम साढ़े छह बजे के आसपास आज़ाद वार्ड में रहने वाले दिलशाद खान थाना रोड कोठी बाजार में मरही माता मंदिर के पास वाले एचडीएफसी बैंक के एटीएम पैसे निकालने पहुँचे और उन्होंने अपने बैंक ऑफ इंडिया के एकाउंट के एटीएम से 500 रुपये निकाले और पैसे लेकर वो मेडिकल दवा लेने पहुँचे।
जहाँ मेडिकल के संचालक ने बताया कि यह 100 रुपये का नोट फटा हुआ है बीच से 2 टुकड़ो में जुड़ा है और यह नोट नकली है इसकी जानकारी लगते ही दिलशाद ने मीडिया से संपर्क कर बताया कि उसे एटीएम से नकली नोट मिला है जिसके बाद मीडिया कर्मी एचडीएफसी बैंक पँहुचे और मैनेजर से संपर्क किया।

तब बैंक मैनेजर अंकित चौबे पहले तो मीडियाकर्मियों को इधर उधर की बाते करके मामले में टालमटोल करते रहे पर जब मीडियाकर्मियों ने उनसे जवाब मांगा तो यह कहकर उन्होंने पल्ला झाड़ लिया कि यह सीएमएस जो कि एटीएम में कैश जमा करने का काम करती है उनकी गलती है।
आप उनसे सवाल करें पर यहां बात यह आती है कि सीएमएस कंपनी जो कि एटीएम में पैसे डालती है वो क्या घर मे नोट छाप रही है वो भी पैसा तो बैंक से ही लेती है ना और वही कैश वह एटीएम मशीन में डालती है तो यहाँ इस मामले में सारी गलती तो बैंक की ही दिखाई दे रही है पर बैंक मैनेजर की बातों से तो यह प्रतीत हो रहा है एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी।

कल जिस तरह से एचडीएफसी शाखा प्रबंधक अंकित चौबे पत्रकारों को जवाब देते समय घबराए हुए थे उससे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कहीं ना कहीं उन्हें इस बात की जानकारी है कि एचडीएफसी बैंक के एटीएम में वाकई में नकली नोट निकल रहे हैं।
जब शाखा प्रबंधक से पत्रकारों ने बाईट मांगी तो उन्होंने कहा कि वह सारे मामले की जानकारी लेकर आधे घंटे में उन्हें सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे परंतु आज इस बात को लगभग 13 घंटे गुजर चुके हैं ना ही शाखा प्रबंधक का कोई फोन आया और ना ही उन्होंने इस संबंध में कोई जानकारी भेजी है।
अब शाखा प्रबंधक के इस रवैया को समाचार देखने सुनने वाले क्या समझे यह उनके विवेक पर निर्भर करता है।
शशांक सोनकपुरिया
बैतूल ब्यूरो