बिहार: डीएम ने छात्र को थप्पड़ जड़ा, BPCS पेपर लीक को लेकर हंगामा कर रहे थे छात्र, वीडियो वायरल
डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस पर सेंटर सुपरिटेंडेंट ने बच्चों को समझाने का प्रयास किया है। इसलिए 10 से 15 मिनट की देरी हुई। सेंटर सुपरिटेंडेंट ने समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर अतिरिक्त समय लगता है...
By INA News Bihar.
बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को BPCS पेपर लीक को लेकर अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा काटा और विरोध प्रदर्शन किया। हंगामा और विरोध प्रदर्शन के बाद पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह बापू सभागार में कैंडिडेट्स को समझाने पहुंचे थे।
डीएम को देख अभ्यर्थी डीएम के ऊपर भी आरोप लगाने लगे, जिसके बाद वो भड़क गए और एक कैंडिडेट को थप्पड़ जड़ दिया। डीएम के थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस पर सेंटर सुपरिटेंडेंट ने बच्चों को समझाने का प्रयास किया है। इसलिए 10 से 15 मिनट की देरी हुई।
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सेंटर सुपरिटेंडेंट ने समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अगर अतिरिक्त समय लगता है तो अतिरिक्त वक्त दिया जाएगा, लेकिन करीब 100 से 150 बच्चे हंगामा करते हुए बाहर चले आए और परीक्षा का बहिष्कार किया, बाकी बच्चों ने परीक्षा दी है। डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि यह बात हमने BPSC को बता दी है। BPSC का जो भी निर्णय होगा, वह मीडिया के माध्यम से सभी बच्चों को बता दिया जाएगा, जिन्होंने ओएमआर शीट नहीं जमा की है, उनसे बार-बार आग्रह किया गया कि वह जमा कर दें।
जिनका मकसद हंगामा करना है, उनके लिए हमें कुछ नहीं कहना है। छात्रों के बवाल पर डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि आज BPSC की परीक्षा थी। कुम्हरार स्थित बापू परीक्षा केंद्र पर करीब 12,000 बच्चों का सेंटर था। एक परीक्षा कक्ष में 273 बच्चों का सीटिंग प्लान था। उसके अनुसार एक परीक्षा कक्ष के लिए करीब 288 का 12 -12 के सेट में एनवेलप था।
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एक परीक्षा कक्षा में जो परीक्षा का प्रश्न पत्र बॉक्स में आया था, वह 192 था। इसलिए एक हॉल में खोलने के बाद दूसरे हॉल से भी लेना पड़ा। इस प्रकार से जब एक हॉल से दूसरे हॉल से परीक्षा प्रश्न पत्र ले जाया जा रहा था, उस पर बच्चों ने आपत्ति जताई। डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि मुख्य मुद्दा यही था कि खुला हुआ बॉक्स परीक्षा केंद्र में क्यों आया? उसका कारण यही है कि एक हाल में 288 प्रश्न पत्र आने चाहिए थे, लेकिन 192 प्रश्न पत्र ही आए। इसके अलावा अन्य कोई समस्या नहीं थी। प्रश्न पत्र को बांटने में देरी हुई। अतिरिक्त वक्त दिया गया। 12,000 में से साढ़े 11 हजार के करीब बच्चों ने शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा दी है, लेकिन 150 से 200 की संख्या में बच्चों ने बाहर आकर के हंगामा किया।
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