Mussoorie News: मसूरी में धूमधाम से मनाई गई बूढ़ी दीवाली, स्थानीय लोगों ने परम्परिक वेषभूषा में जमकर किया पराम्परिक नृत्य।
पहाड़ों की रानी मसूरी में निवासरत जौनपुर जौनसार तथा रवाईं के निवासियों की संस्था अगलाड़ यमुनाघाटी विकास मंच मसूरी के तत्वावधान ....
रिपोर्टर सुनील सोनकर
पहाड़ों की रानी मसूरी में निवासरत जौनपुर जौनसार तथा रवाईं के निवासियों की संस्था अगलाड़ यमुनाघाटी विकास मंच मसूरी के तत्वावधान में कैम्पटी रोड के पुराने चकराता टोल चौकी के समीप बूढ़ी दीवाली का भव्य समारोह आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत डिबसा पूजन व होलियात के साथ शुरू हुई। इसके बाद पारंपरिक वेषभूषा में महिलाओं व पुरुषों का रासो तांदी व धुमसू नृत्य जमकर किया। इस दौरान भिरूड़ी फेंकी गई व चिउड़ा बांटा गया। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं व पुरुषों के बीच भांड (रस्साकशी) का मुकाबला हुआ जिसमें महिलाओं ने बाजी मारी। मसूरी में बग्वाल (बूढ़ी दीपावली) पारंपरिक तरीके से मनाई गई। पारंपरिक वेशभूषा में लोगों ने ढोल-दमाऊ के साथ रासो, तांदी और जैंता नृत्य कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल और स्थानीय निवासी मीरा सकलानी ने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बचाने में जौनपुर जौनसार व रवाईं का विशेष योगदान है। यहां पर हर पर्व विशुद्ध लोक संस्कृति के साथ मनाये जाते हैं।उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश भागों की संस्कृति पर पाष्चात संस्कृति का प्रभाव पड़ा है लेकिन जौनपुर रवाईं व जौनसार के लोगों ने अपनी संस्कृति को बचाकर रखा है। मंत्री सुबोध उनियाल ने क्षेत्र के लोगों से औद्यानिकी को बचाने और इसको बढ़ावा देने का आह्वान किया। विकास मंच के अध्यक्ष शूरवीर सिंह रावत ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ों रखने के लिए मंच की ओर से हर साल आयोजन किया जाता ळें उन्होने कहा कि कि लोक संस्कृति को जीवंत रखने के लिए रवांई-जौनपुर और जौनसार का बड़ा योगदान है। कहा युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति और जड़ों से हमेशा जुड़ा रहना चाहिए।
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