19 सितंबर का दिन भारतीय लोकतंत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ। गणेश चतुर्थी के अवसर पर पुराने संसद से नए संसद की ओर सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूँच किया, वहीँ ऐतिहासिक विधेयक “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” को पारित करने के उद्देश्य से संसद के समक्ष प्रस्तुत किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री अंजली मिश्रा ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए अपने ग्राम प्रवास के दौरान कहा कि “देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में लाया गया यह बिल भारतीय संस्कृति में उल्लिखित “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता” को चरितार्थ करता है। 27 सालों के लटका यह बिल अपने मूर्त रूप में आने को तैय्यार है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लगातार प्रयास करने के बावजूद विपक्ष के षड्यंत्र के कारण यह बिल आज तक कानून नहीं बन पाया । मगर आज वाजपेयी जी का यह सपना साकार होता दिख रहा है।” महिलाओं से वार्ता के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए इस फैसले का स्वागत किया है।
बुधवार को इस विधेयक पर संसद में बहस की जाएगी। महिला सशक्तीकरण की ओर लिया गया यह फैसला किस दिशा में जाएगी, यह देखने योग्य होगा।