शर्मनाक: कांग्रेस पार्षद की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए बने फर्जी दस्तावेज, रायपुर में ATS का सनसनीखेज खुलासा

ATS की जांच उस समय शुरू हुई जब रायपुर पुलिस और मुंबई ATS ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों—शेख इस्माइल, शेख अकबर, और शेख साजन—को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्ता....

May 22, 2025 - 23:43
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शर्मनाक: कांग्रेस पार्षद की मदद से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए बने फर्जी दस्तावेज, रायपुर में ATS का सनसनीखेज खुलासा

रायपुर- छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और रायपुर पुलिस की संयुक्त जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान रायपुर के टिकरापारा क्षेत्र से कांग्रेस पार्षद अमित दास ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को अवैध रूप से बसाने में अहम भूमिका निभाई। ATS ने पाया कि अमित दास ने अपने आधिकारिक लेटरहेड का दुरुपयोग कर घुसपैठियों को स्थानीय निवासी होने का प्रमाणपत्र जारी किया, जिसके आधार पर उनके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, और अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। यह खुलासा न केवल रायपुर में अवैध घुसपैठ की गंभीर समस्या को उजागर करता है, बल्कि राजनीतिक संरक्षण के गंभीर आरोपों को भी सामने लाता है।

मामले का विवरण

ATS की जांच उस समय शुरू हुई जब रायपुर पुलिस और मुंबई ATS ने तीन बांग्लादेशी नागरिकों—शेख इस्माइल, शेख अकबर, और शेख साजन—को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया। ये तीनों भाई टिकरापारा के ताजनगर क्षेत्र में रह रहे थे और फर्जी भारतीय दस्तावेजों का उपयोग कर इराक भागने की योजना बना रहे थे। पूछताछ में पता चला कि इन घुसपैठियों को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने में एक संगठित गिरोह शामिल था, जिसका मास्टरमाइंड शेख अली है। शेख अली ने सत्कार कंप्यूटर सेंटर के संचालक मोहम्मद आरिफ के साथ मिलकर फर्जी स्कूल मार्कशीट और अन्य दस्तावेज तैयार किए, जिनके आधार पर पासपोर्ट और वीजा बनाए गए।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कांग्रेस पार्षद अमित दास ने अपने लेटरहेड पर स्थानीय निवासी प्रमाणपत्र जारी कर इन घुसपैठियों को वैधता प्रदान करने में मदद की। इन फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर कई बांग्लादेशी नागरिक न केवल रायपुर में अवैध रूप से रह रहे थे, बल्कि कुछ दुबई, इराक, सीरिया, और पाकिस्तान जैसे देशों में भी चले गए। ATS ने शेख अली के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है, जो वर्तमान में फरार है। उसकी दूसरी पत्नी शहला परवीन भी फरार है, जबकि पहली पत्नी शेख फरीदा ने इस मामले में जानकारी होने से इनकार किया है।

ATS और पुलिस की कार्रवाई

ATS और रायपुर पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए तीनों बांग्लादेशी भाइयों को मुंबई से रायपुर लाकर तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया। रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) लाल उमेद सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, और इराक का वीजा बरामद किया गया है। पुलिस इन दस्तावेजों की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल है। मोहम्मद आरिफ को भी गिरफ्तार कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया है, और उसके खिलाफ गोल बाजार पुलिस स्टेशन में IPC की धारा 336(3), 337, 338, और 340(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि टिकरापारा पुलिस स्टेशन ने इन फर्जी दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन उस समय धोखाधड़ी का पता नहीं चल सका। अब इस मामले में टिकरापारा पुलिस की भूमिका भी जांच के दायरे में है। ATS ने नागपुर, मुंबई, उत्तर प्रदेश, और कोलकाता में शेख अली की तलाश तेज कर दी है, और उसके रिश्तेदारों को भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है।

राजनीतिक संरक्षण का आरोप

इस मामले ने छत्तीसगढ़ में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला बताया है। BJP नेताओं और सोशल मीडिया पर सक्रिय कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के दौरान घुसपैठियों को संरक्षण देने का यह एक सुनियोजित प्रयास था। X पर पोस्ट में BJP समर्थक @DeepakGoel_IND ने लिखा, “आज फिर साबित हुआ कि कांग्रेस का हाथ आतंकियों, अपराधियों और घुसपैठियों के साथ है।” इसी तरह, @Manasi_6 ने भी इस मामले में अमित दास की भूमिका को उजागर करते हुए कांग्रेस पर सवाल उठाए।

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, “अवैध घुसपैठिए शहर में कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। यह कार्रवाई नागरिकों और राज्य की सुरक्षा के लिए है, लेकिन कांग्रेस हर चीज को चुनाव से जोड़ देती है।” उन्होंने पिछले साल दिसंबर में 850 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को निर्वासित करने की कार्रवाई का जिक्र करते हुए इस मुहिम को और तेज करने की बात कही।

रायपुर में अवैध घुसपैठ की गंभीर समस्या

यह मामला रायपुर में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती समस्या को उजागर करता है। ATS की जांच में सामने आया कि कई बांग्लादेशी वर्षों से रायपुर में फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में छत्तीसगढ़ पुलिस ने बस्तर से 500 और कवर्धा से 350 सहित कुल 850 घुसपैठियों को निर्वासित किया था। जनवरी 2025 में रायपुर में 2000 से अधिक लोगों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिससे अवैध प्रवासियों की पहचान की जा रही है।

इसके अलावा, अप्रैल 2025 में रायगढ़ जिले में दो पाकिस्तानी नागरिकों—इफ्तिकार शेख और अर्निश शेख—को फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया था, जो वैध लॉन्ग-टर्म वीजा होने के बावजूद फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर रहे थे। ये घटनाएं रायपुर और छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों के नेटवर्क की गंभीरता को दर्शाती हैं।

इस खुलासे ने रायपुर में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। फर्जी दस्तावेजों के जरिए घुसपैठियों का विदेशों में जाना और स्थानीय स्तर पर कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बनना एक गंभीर मुद्दा है। विशेष रूप से, ऐसे मामले आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े होने की आशंका को बढ़ाते हैं। ATS और रायपुर पुलिस अब इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए गहन जांच कर रही है, जिसमें अन्य संदिग्धों और उनके सहयोगियों की तलाश जारी है।

स्थानीय लोगों में इस खुलासे से आक्रोश है, और वे प्रशासन से इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह मामला छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठ को रोकने और फर्जी दस्तावेजों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की जरूरत को रेखांकित करता है।

ATS और रायपुर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि अवैध घुसपैठ और फर्जी दस्तावेजों का रैकेट राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। कांग्रेस पार्षद अमित दास की इस मामले में संलिप्तता ने राजनीतिक संरक्षण के गंभीर सवाल खड़े किए हैं। शेख अली जैसे मास्टरमाइंड की तलाश और इस रैकेट के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए पुलिस की कार्रवाई जारी है। यह खुलासा छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध घुसपैठ को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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