चौदहकोसी, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा मेले में 15 से 20 लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान
अयोध्याl यह सुहावनी पुरी भगवान राम की जन्मभूमि हैl इसके उत्तर दिशा में जीवों को पवित्र करने वाली सरयू नदी बहती हैl सप्तपुरिओं में श्रेष्ठ भगवान राम की नगरी अयोध्या में कार्तिक माह के अक्षय नवमी के दिन 14 कोस की परिक्रमा शुरू होती है।
कार्तिक माह शुरू होते ही अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं और नवमी के दिन दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु सरयू में स्नान कर भगवान की आराधना में लीन होकर 14 कोस की परिक्रमा करते हैंl14 कोस की परिक्रमा लगभग 45 किलोमीटर की है।
पंचकोसी परिक्रमा लगभग 16 किलोमीटर की हैl मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या में एक त्यौहार के बाद दूसरा पर्व आता जाता रहता है और अयोध्या में दिन प्रतिदिन भीड़ बढ़ती जा रही है अभी दीपोत्सव का कार्यक्रम सा कुशल संपन्न होने के बाद अब धर्म नगरी अयोध्या में 14 खुशी परिक्रमा पंचकोशी परिक्रमा वी 27 नवंबर इसी दो सप्ताह के अंदर होना है।
परिक्रमा मुहूर्त 14 कोसी परिक्रमा 21 नवंबर की भोर 2:09 से 21 नवंबर की रात्रि 11:38 तक व पंचकोसी परिक्रमा 22 नवंबर को रात 9:25 से 23 नवंबर की शाम 7:21 तक होगी,कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवंबर को दोपहर 3:11 से शुरू होकर 27 नवंबर की दोपहर 2:36 पर समाप्त होगा।
परिक्रमा कार्तिक पूर्णिमा स्नान को सकुशल संपन्न करने के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए जा रहे हैं ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न होने पाएl दीपोत्सव के बाद अब जिला प्रशासन की निगाहें 14 कोसी, पंच कोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले पर लग गई है।
जिला प्रशासन ने संबंधित विभाग की अधिकारियों के साथ परिक्रमा पथ का निरीक्षण,किया परिक्रमा पथ पर कर्मियों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
वहीं दूसरी तरफ एटीएस की निगरानी में होगी 14 कोसी व पंचकोसी परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेले पर भी एटीएस की होगी नजरl सुरक्षा के लिहाज से जोन व सेक्टर में विभाजित किया गया मेला क्षेत्र, यातायात प्लान पर भी पुलिस की नजर, जोन में अपर पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी,सेक्टर में पुलिस उपाधीक्षक रैंक के अधिकारी और विभिन्न पॉइंट पर इंस्पेक्टर सब इंस्पेक्टर कांस्टेबल महिला कांस्टेबल व एलआईयू को किया जाएगा तैनात।
परिक्रमा मुहूर्त 14 कोसी परिक्रमा 21 नवंबर की भोर 2:09 से 21 नवंबर की रात्रि 11:38 तक व पंचकोसी परिक्रमा 22 नवंबर को रात 9:25 से 23 नवंबर की शाम 7:21 तक होगी,कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवंबर को दोपहर 3:11 से शुरू होकर 27 नवंबर की दोपहर 2:36 पर समाप्त होगा।
जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि
उत्तर दिसि बह सरजू पावनि…
यह सुहावनी पुरी भगवान राम की जन्मभूमि हैl इसके उत्तर दिशा में जीवों को पवित्र करने वाली सरयू नदी बहती हैl सप्तपुरिओं में श्रेष्ठ भगवान राम की नगरी अयोध्या में कार्तिक माह के अक्षय नवमी के दिन 14 कोस की परिक्रमा शुरू होती है।
कार्तिक माह शुरू होते ही अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु कल्पवास करते हैं और नवमी के दिन दूर-दराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु सरयू में स्नान कर भगवान की आराधना में लीन होकर 14 कोस की परिक्रमा करते हैंl14 कोस की परिक्रमा लगभग 45 किलोमीटर की है।
पंचकोसी परिक्रमा लगभग 16 किलोमीटर की है 14 कोसपरिक्रमा व पंचकोश परिक्रमा का बहुत बड़ा महत्व हैl जैसा की अयोध्या का स्वयं अपने में बहुत बड़ा महत्व है जहां पर भगवान ने जन्म लिया था वह नगरी वर्तमान समय में धार्मिक पर्यटक के साथ धार्मिक अनुष्ठानों व मेलों की नगरी है जहां पर बड़ी संख्या में लोग आकर अपने आराध्य का दर्शन पूजन करते हैं और सरजू की सलिल धारा में स्नान कर मोक्ष प्राप्त करते हैंl, 14 कोसी परिक्रमा अक्षय नवमी को होता है पंचकुशी परिक्रमा प्रबोधिनी एकादशी को तथा कार्तिक पूर्णिमा को सरजू स्नान का बड़ा महत्व हैl दिव्य दीपोत्सव के बाद प्रशासन की नजर कार्तिक परिक्रमा व पूर्णिमा मेले पर है।
14 कोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा मेला अयोध्या के तीन प्रांतीय मेलों में से महत्वपूर्ण मेला है। इसमें प्रदेश के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु आते हैं।
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए मेले में श्रद्धालुओं की संख्या कम करने की रणनीति है। कई दिनों तक चलने वाले इस मेंले में चौदहकोसी, पंचकोसी और कार्तिक पूर्णिमा मेले में एक साथ 15 से 20 लाख लाख लोग अयोध्या पहुंचते हैं।