आस्था और विश्वास के साथ धर्म नगरी अयोध्या में ऐतिहासिक 14 कोसी परिक्रमा पथ पर चल पड़े लाखों पग, जय श्री राम जयकारों से गूंज रही रामनगरी
अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या में लाखों लाख राम भक्तों ने 14 कोसी परिक्रमा करके पुणय अर्जित कियाl मंदिरों में दर्शन पूजन और सरजू की सलिल धारा में स्नान कियाl 14 कोस की परिधि में जय जय श्री सीताराम, जय जय श्री सियाराम की गूंज सुनाई पड़ रही है।
आस्था के पथ को नापने हुए श्रद्धालु जुटने लगे थे। शाम होने तक सरयू घाटों से लेकर मठ-मंदिर भक्तों से गुलजार हो उठे। ट्रेन व बसों समेत ट्रैक्टर-ट्रालियों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ने लगा।शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा। टिक-टिक करती घड़ी की सूइयां। उसी ओर श्रद्धालुओं की निगाह, लेकिन भीतर ही भीतर आस्था उमड़-घुमड़ रही थी।
अंतर्मन में बह रही भावनाओं की सलिला श्रद्धालुओं के चेहरे पर बयां हो रही थी। दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर आस्था की लहर मुहूर्त से पहले ही छलक उठी। 14 कोसी परिक्रमा शुरू होने के साथ ही कार्तिक मेला शुरू हो गया परिक्रमा का मुहूर्त 20 नवंबर की रात 2:09 बजे से था, लेकिन श्रद्धालुओं ने रात करीब एक बजे से ही परिक्रमा शुरू कर दी।
भोर हाेते-होते रामनगरी के 14 कोस की परिधि अटूट मानव-श्रृंखला में बंध सी गई। गगनभेदी जयघोष की सामूहिक आध्यात्मिक स्वरों से 14 कोसी परिक्रमा पथ गुंजायमान होने लगा। दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, मोदहा, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर, सआदतगंज, अफीम कोठी, नयाघाट आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति में परिक्रमा शुरू कर दिया है।
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह-जगह सेवा शिविर भी लगाए गए हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पूरे इतंजाम परिक्रमा पथ पर किए गए हैं। वहीं, रामनगरी में यातायात प्रतिबंध सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट कंट्रोल रूम में जिले के आला अधिकारी मंडलायुक्त डीएम, आईजी , एसएसपी ने कैंप कर रखा है, पूरे मेला क्षेत्र की पल-पल निगरानी की जा रही है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने गुरु स्थानों, मठ-मंदिर, आश्रम व धर्मशालाओं में आकर रुक गए थे। श्रद्धालुओं ने सुबह सरयू स्नान कर विभिन्न मंदिरों में दर्शन-पूजन किया और दिन में आराम कर रात में परिक्रमा शुरू की। परिक्रमा पथ पर रामचरित मानस की चौपाइयों की गूंज के साथ जय श्रीराम, राम-राम और सीताराम के स्वर ध्वनित हो रहे थे। परिक्रमा को देखते हुए रामनगरी में यातायात डायवर्जन लागू कर दिया गया है। अयोध्या में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
श्रद्धालुओं ने परिक्रमा पथ पर अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार पहले से निश्चित किए गए स्थान से परिक्रमा के लिए कदम बढ़ाया परिक्रमा करनी शुरू कर दी। नयाघाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रात में ही पावन सलिला सरयू में डुबकी लगाई।
चौदहकोसी परिक्रमा में प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सुरक्षा की कमान एटीएस व आरएएफ ने संभाल ली है। मेले की निगरानी सीसीटीवी व ड्रोन कैमरों से की जा रही है। परिक्रमा पथ के छह संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से प्रत्येक गतिविधि पर निगाह रखी जा रही है।
कार्तिक अक्षय नवमीं पर भगवान श्रीराम की नगरी की परिक्रमा करने से सभी पाप धुल जाते हैं इसी मान्यता के साथ देश भर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा करने पहुंचते है।
चौदह कोसी परिक्रमा 21 नवम्बर की रात्रि 11ः38 बजे तक चलेगी वहीं पंचकोसी परिक्रमा एकादशी 22 नवम्बर को रात्रि 09ः25 बजे से प्रारम्भ होकर 23 नवम्बर को सायं 07ः21 बजे तक व कार्तिक पूर्णिमा स्नान 26 नवम्बर को दोपहर 03ः11 बजे से प्रारम्भ होकर दिनांक 27 नवम्बर को दोपहर 02ः36 बजे तक आयोजित होगी।