Mussoorie: मसूरी में नगर पालिका और गढ़वाल जल संस्थान आमने-सामने, पानी के कनेक्शन और कमरे पर कब्जे को लेकर बढ़ा विवाद, हुआ हाइ वोल्टेज ड्रामा।
Mussoorie News: पहाड़ियों की रानी मसूरी इन दिनों प्रशासनिक हलचलों से गरमाई हुई है। नगर पालिका प्रशासन और गढ़वाल जल संस्थान के बीच में हुए ...

रिपोर्टर सुनील सोनकर।
Mussoorie: पहाड़ियों की रानी मसूरी इन दिनों प्रशासनिक हलचलों से गरमाई हुई है। नगर पालिका प्रशासन और गढ़वाल जल संस्थान के बीच में हुए टकराव ने एक गंभीर विवाद का रूप ले लिया है। जहां एक ओर जल संस्थान ने पालिका कर्मचारियों द्वारा उनके स्टाफ रूम पर कब्जा करने का आरोप लगाया, वहीं नगर पालिका ने जल संस्थान पर उनके कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काटने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामले की शुरुआत उस समय हुई जब गढ़वाल जल संस्थान के एक स्टाफ रूम को लेकर नगर पालिका का एक कर्मचारी वहाँ पहुंचा। जल संस्थान का आरोप है कि उक्त कर्मचारी बिना किसी आधिकारिक आदेश के स्टाफ रूम पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहा था। जल संस्थान के कर्मचारियों ने मौके पर पहुँच कर कमरे में रखा सामान बाहर निकालकर रूम को अपने कब्जे में ले लियज्ञं इस घटना के बाद नगर पालिका प्रशासन भी सामने आया और गढ़वाल जल संस्थान पर बिना पूर्व सूचना के नगर पालिका कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काटने का आरोप लगाया।
अधिषासी अधिकारी तंवीर महवाह ने कहा कि जल संस्थान ने बिना किसी जानकारी के हमारे कर्मचारियों के पानी के कनेक्शन काट दिए, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमने जल संस्थान को अपना ऑफिस खोलने के लिए नगर पालिका की जमीन दी थी, लेकिन अब वही संस्थान हमारे कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।
गढ़वाल जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पालिका का एक कर्मचारी हमारे स्टाफ रूम पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहा था। वह बिना किसी अधिकारी की अनुमति के कमरे में घुसने और उसमें रहने की कोशिश कर रहा था, जिसे हमारे स्टाफ ने तुरंत रोका। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति बर्दाश्त करने योग्य नहीं थी, इसलिए उन्होंने कार्रवाई करते हुए कक्ष को दोबारा अपने नियंत्रण में लिया।
हालांकि दोपहर बाद कटे हुए पानी के कनेक्शन दोबारा जोड़ दिए गए, जिससे स्थिति थोड़ी सामान्य हुई, लेकिन दोनों विभागों के बीच तनाव अभी भी बना हुआ है। अब यह मामला उच्च अधिकारियों तक पहुँच चुका है। आगामी सोमवार को एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें नगर पालिका और जल संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने बैठकर पूरे प्रकरण की समीक्षा करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। इस विवाद से आम नागरिकों में भी नाराजगी देखी जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दो प्रशासनिक विभागों के बीच आपसी समन्वय की कमी का खामियाजा कर्मचारियों और आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि प्रशासनिक विभागों के बीच आपसी संवाद और समन्वय कितना जरूरी है। एक कमरे और पानी के कनेक्शन से शुरू हुआ यह विवाद अब एक सिस्टम फेल्योर की तरह सामने आ रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि सोमवार की बैठक से समाधान निकलेगा और मसूरी में प्रशासनिक शांति बहाल होगी।
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