छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर करारी चोट, बीजापुर मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पांच नक्सलियों को ढेर किया, दो जवान घायल
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सघन अभियान का हिस्सा है। हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने कई बड़े ऑपरेशन किए हैं, जिनमें नक्सलियों को भारी नुक.....

बीजापुर- छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच नक्सलियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर हुई, जिसमें सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया। हालांकि, इस ऑपरेशन में दो जवान भी घायल हुए हैं। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की एक और सफलता के रूप में देखी जा रही है, जो केंद्र और राज्य सरकार की नक्सल-मुक्त भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मुठभेड़...
हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने अपने ऑपरेशन को तेज किया है। ताजा मुठभेड़ नारायणपुर और बीजापुर जिलों की सीमा पर हुई, जहां डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और विशेष कार्य बल (STF) की संयुक्त टीम सर्च ऑपरेशन पर थी। विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किए गए इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के एक बड़े समूह को घेर लिया।
मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की, जिसका जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। इस तीव्र गोलीबारी में पांच नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। मुठभेड़ स्थल से हथियार, विस्फोटक सामग्री, और अन्य नक्सली उपकरण भी बरामद किए गए। हालांकि, इस ऑपरेशन में दो जवान घायल हो गए, जिन्हें तत्काल चिकित्सा के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
ऑपरेशन...
यह मुठभेड़ छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सघन अभियान का हिस्सा है। हाल के महीनों में सुरक्षाबलों ने कई बड़े ऑपरेशन किए हैं, जिनमें नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। उदाहरण के लिए, 9 फरवरी 2025 को बीजापुर में सुरक्षाबलों ने एक बड़े ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को ढेर किया था। इसी तरह, मई 2025 में नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर 26 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी।ये ऑपरेशन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और छत्तीसगढ़ सरकार की "नक्सल-मुक्त भारत" नीति के तहत चलाए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं और उनके नेटवर्क को कमजोर कर रहे हैं।
सुरक्षाबलों की रणनीति और चुनौतियां
छत्तीसगढ़ के बीजापुर, नारायणपुर, और दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबल कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। नक्सली अक्सर घने जंगलों और अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों में छिपकर आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) और घात लगाकर हमले करते हैं। इस साल जनवरी में बीजापुर के कुटरू क्षेत्र में नक्सलियों ने एक बड़े आईईडी विस्फोट से सुरक्षाबलों के वाहन को उड़ा दिया था, जिसमें आठ जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए थे।
इन चुनौतियों के बावजूद, सुरक्षाबल अपनी रणनीति को और प्रभावी बना रहे हैं। ड्रोन, सीसीटीवी, और खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है। डीआरजी और कोबरा जैसे विशेष बल नक्सलियों के खिलाफ जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं। इस मुठभेड़ में भी सुरक्षाबलों ने तकनीकी संसाधनों और समन्वित रणनीति का उपयोग कर नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया।
इस मुठभेड़ ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियां कमजोर पड़ रही हैं, क्योंकि सुरक्षाबल उनके ठिकानों को लगातार निशाना बना रहे हैं। स्थानीय लोगों में भी नक्सलियों के प्रति डर कम हो रहा है, और कई पूर्व नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
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हालांकि, नक्सलियों के आईईडी हमलों और घात लगाकर किए जाने वाले हमलों से सुरक्षाबलों को लगातार खतरा बना हुआ है। जनवरी और फरवरी 2025 में बीजापुर और नारायणपुर में कई आईईडी विस्फोटों में जवान घायल हुए हैं। इन घटनाओं ने रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) और अन्य सुरक्षा उपायों की जरूरत को और रेखांकित किया है।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव और बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने इस मुठभेड़ को नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी जीत बताया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नक्सलियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आह्वान किया है और जवानों के बलिदान को व्यर्थ न जाने देने की बात कही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शहीद जवानों के परिवारों के लिए मुआवजे और समर्थन की घोषणा की है, ताकि उनके बलिदान को सम्मान मिले।बीजापुर में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित किया है कि सुरक्षाबल नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पांच नक्सलियों को ढेर करना और उनके हथियार बरामद करना नक्सलियों के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि, दो जवानों के घायल होने ने यह भी याद दिलाया कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त रणनीति, सुरक्षाबलों की बहादुरी, और तकनीकी संसाधनों के उपयोग से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षाबलों की ताकत का प्रतीक है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि नक्सलियों के लिए अब छत्तीसगढ़ में कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है।
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