अब America चलाएगा Hardoi में बनी 'रिवॉल्वर(Revolver)', 'Made In India' से दुश्मनों के हौसले होंगे पस्त
यूपी में पहली बार अमेरिका को करीब 10 हजार वेब्ले-455(Webley- 455) का निर्यात किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए लाइसेंस जल्द जारी हो जाएगा। उत्तर प्रदेश अब अमेरिका को हथियारों की सप्लाई करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। यहां 100 साल बाद फिर वेब्ले-455(Webley- 455) का निर्माण होगा।
हाईलाइट्स-
- एक मिनट में 20 से 30 राउंड फायर करने की है क्षमता, Webley Scott India की यूनिट कर रही मैन्युफैक्चरिंग
- वेब्ले ने यूपी को बनाया अपना मुख्यालय, अब विदेश में भी बजेगा यूपी के हरदोई का डंका
- 'Made In India' रिवॉल्वर(Revolver) के लिए UP Investor's Meet के तहत संडीला में कई इकाइयां स्थापित
- 1.1 किलो की इस रिवॉल्वर(Revolver) की लंबाई 11.25 इंच है, वियतनाम, कोरिया, इंडोनेशिया से लेकर भारत-चीन युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हो चुका है
Hardoi News INA.
Reported by - Vijay laxmi singh
यूपी की राजधानी लखनऊ की सीमा से सटे जिला हरदोई की डिफेंस कॉरिडोर में लगी फैक्ट्री में बन रही रिवॉल्वर(Revolver) अब दुनिया के कई हिस्सों में अपराधियों के हौसले पस्त करेगी। हरदोई जिले के संडीला में Webley Scott India की यूनिट ने इस रिवॉल्वर(Revolver) की मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू कर दिया है। अब भारत बड़े ही गौरव के साथ 'Made In India' रिवॉल्वर(Revolver) अमेरिका के हाथों में सौंपेगा। भारत को 10,000 से अधिक रिवॉल्वर(Revolver) की सप्लाई अमेरिका को देनी है। हरदोई, लखनऊ और यूपी के साथ-साथ यह पूरे देश के लिए गौरवान्वित करने वाला विषय है। वैसे तो हरदोई जिला आध्यात्मिक और पुरातन संस्कृति से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है लेकिन अब हरदोई की इस फैक्ट्री द्वारा निर्मित रिवॉल्वर(Revolver) की पॉवर का इस्तेमाल अमेरिका भी करेगा। बकौल डीएम मंगला प्रसाद सिंह, भारत के विकास के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ व पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है। UP Investor's Meet के तहत संडीला में कई इकाइयां स्थापित की गई हैं। जिसमें से यह World Class Arms Factory है। जो डिफेंस के लिए रिवॉल्वर(Revolver) सहित कई हथियार बना रही है। ब्रिटिश राज में इस हथियार का निर्माण 1887 में शुरू हुआ था। पहली बार इसे ग्लोबल कंपनी वेब्ले ने बाजार में उतारा था।
1924 तक इसका निर्माण होता रहा। इसके बाद निर्माण बंद कर दिया गया। दूसरे विश्व में भी इसका इस्तेमाल किया गया। अब एक बार फिर भारत में वेब्ले ने स्याल मैन्यूफैक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया है। कंपनी के निदेशक मनिंदर स्याल का कहना है कि वेब्ले ने यूपी को अपना मुख्यालय बना लिया है। इसके निर्माण के साथ ही अमेरिका का बाजार भी अब भारत के लिए खुल गया है। भारत में जब इस रिवॉल्वर(Revolver) का निर्माण शुरू किया गया तो 1924 तक इसके 1.25 लाख से अधिक पीस बनाए गए। इसका इस्तेमाल 1963 तक जारी रहा। 1.1 किलो की इस रिवॉल्वर(Revolver) की लंबाई 11.25 इंच है। इसके बैरल की लंबाई 6 इंच होती है। इससे एक मिनट में 20 से 30 राउंड फायर किए जा सकते हैं।
इसकी इफेक्टिव रेंज 46 मीटर बताई जाती है। इस रिवॉल्वर(Revolver) का इस्तेमाल प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में हो चुका है। इसके अलावा वियतनाम, कोरिया, इंडोनेशिया से लेकर भारत-चीन युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हो चुका है।
जानिए वेब्ले(Webley) रिवॉल्वर(Revolver) के बारे में कुछ ख़ास बातें...
वेब्ले(Webley) रिवॉल्वर(Revolver) 100 साल से भी अधिक पुरानी है। जब भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी आई तो वह इसे यूरोप से अपने साथ यहां ले आई। यह हथियार भारत में बैन है। वेब्ले स्काट इंडिया के निदेशक मनिंदर स्याल ने बताया कि भारत में 455 बोर की रिवॉल्वर(Revolver) प्रतिबंधित है लेकिन अमेरिका में वेब्ले-455(Webley- 455) की भारी मांग है। इसे देखते हुए यूपी में पहली बार अमेरिका को करीब 10 हजार वेब्ले-455(Webley- 455) का निर्यात किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए लाइसेंस जल्द जारी हो जाएगा। उत्तर प्रदेश अब अमेरिका को हथियारों की सप्लाई करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। यहां 100 साल बाद फिर वेब्ले-455(Webley- 455) का निर्माण होगा। इसके लिए भारत में वेब्ले बनाने के लिए स्याल मैन्यूफैक्चरर प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया गया है। पहले इसका निर्माण ब्रिटेन में किया जाता था। यह हथियार एंटीक रिवॉल्वर(Revolver) की कैटेगरी में आता है। पिछले दिनों ही अमेरिका ने इसके 10 हजार पीक का ऑर्डर दिया था। अमेरिका के अलावा ब्राजील और यूरोपीय देशों में भी इसकी भारी मांग है।
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वेबली रिवॉल्वर(Webley Revolver) में कई बदलाव हुए, जिसका समापन Mk VI में हुआ, जिसका उत्पादन 1915 और 1923 के बीच हुआ। बड़े .455 वेबली रिवॉल्वर(Webley Revolver) 1947 में सेवानिवृत्त हो गए, हालांकि वेबली Mk IV .38/200 एनफील्ड नंबर 2 Mk I रिवॉल्वर के साथ 1963 तक सेवा में रहे। सभी वेबली सर्विस रिवॉल्वर के व्यावसायिक संस्करण भी नागरिक बाजार में बेचे गए, साथ ही कई समान डिज़ाइन (जैसे वेबली-गवर्नमेंट और वेबली-विल्किन्सन) जिन्हें आधिकारिक तौर पर सेवा के लिए नहीं अपनाया गया था, लेकिन फिर भी सैन्य अधिकारियों द्वारा निजी तौर पर खरीदे गए थे। वेबली के रिकॉर्ड से पता चलता है कि आखिरी Mk VI 1957 में कारखाने से बेची गई थी, जिसमें प्रविष्टि के सामने "नाइजीरिया" लिखा हुआ था।
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