ऋतु बसंत मनभावन आई, छाई है हरियाली – गीत
ऋतु बसंत मनभावन आई, छाई है हरियाली।
चारों दिशि सभी लोग खुश है,आई है खुशहाली।।
चलती है बयार बासन्ती , बाग कचनार छाए।
सेंभल पलाश खिलते मोहक, मधुर गान खग गाए।।
मलयानिल बयार है चलती,लगती है मतवाली।
ऋतु बसंत मनभावन आई ,छाई है हरियाली।।
बौराए हैं रसाल शोभे, सबका मन हुलसाए
वृक्ष लाल पत्र हैं पाए ,कृषक खूब मुस्काए।
डाली डाली फूल लगे हैं, अमिया है रसवाली।
ऋतु बसंत मन भावन आई, छाई है हरियाली।।
गौरैया आंगन में फुदके, सबके मन को भाए ।
पिहु पिहु मोर पपीहा बोले,ठुमका खूब लगाए।
ऐसा मौसम पा कर समझें, सभी हम भाग्यशाली।
ऋतु बसंत मनभावन आई, छाई है हरियाली।।
लेखिका: सरला भंसाली