agra ek chote se khushe ke lie intazar mein hun

Agra: एक छोटी सी खुशी के लिए इंतज़ार में हूँ..वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मधु भारद्वाज के कहानी संग्रह का गणमान्य साहित्यकारों ने किया विमोचन।

आगरा की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मधु भारद्वाज के भावना प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कहानी- संग्रह ‘दरकते रिश्ते, ढहती दीवारें’ और निखिल पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित काव्य-संग्रह ‘भावों की टोकरी’ का विमोचन बुधवार शाम नागरी प्रचारिणी सभा में आगरा और देश के गणमान्य साहित्यकारों द्वारा किया गया। दोनों ही संग्रहों पर समग्र रूप से अपने मनोभाव प्रकट करते…

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o aasamaan ke megh kabhi to dhara par aa tu

ओ आसमां के मेघ, कभी तो धरा पर आ तू।

ओ आसमां के मेघ, कभी तो धरा पर आ तू। ओ आसमां के मेघकभी तो धरा पर आ तू।तू कैसे बरसता है?मुझको भी समझा जा तू। मैं भी तो चाहती हूं तेरी तरह बरसनातेरी तरह ही छुपना तेरी तरह उमड़नामेरे भी उर में जलती तेरी तरह ही ज्वालामैं भी गरजना चाहूं हृदय नहीं है माना।अब…

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मरुथल का सीना चीरकर “परजीवी” कथा

मरुथल का सीना चीरकर “परजीवी” कथा मरुथल का सीना चीरकर जीवित रहने के लिए पोषण प्राप्त कर कमजोर सी नागफनी धीरे धीरे टहनियों और कांटों को विकसित कर जीवन संघर्ष में विजयी हो अपना अस्तित्व स्थापित करने में तत्पर थी। उसी के पास से कई नन्ही नागफनी अंकुरित हो उसे लुभाने लगीं। कोमल तन मुरझाते…

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Maa Tere Aanchal Ki Chaya Amita Mishra

माँ तेरे आँचल की छाया – अमिता मिश्रा “मीतू”

माँ तेरे आँचल की छाया मां! तेरे आँचल की छायामुझको शीतल घनी लगे जलते उर पर चंदन जैसीतेरी मृदु वाणी का लेपहर पीड़ा मेरी हर लेती माँ तेरा ये नेह सरलतू धरती आकाश मेरा सबतुम बिन कोई ठौर कहाँबिन बोले सब तुम्हे पता हैमेरे उर की व्यथा कथातेरे सीने में छुप जाऊंहरदम दिल की अभिलाषा…

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सवाल एक छोटा सा था – डॉ. सुनीता चौहान कि रचना

सवाल एक छोटा सा था सवाल एक छोटा सा थाबवाल इतना क्यों मचा दिया? तुम्हारे घर को अपना बनायाउसे पावन मंदिर सा सजाया।थोड़ा सा प्रेम और सम्मान ही तो मांगा थाफिर क्यों इतना रुला दिया? कर्तव्यों की डोर में बंधी थीबहुत संयमित और सधी थी।थोड़ा सा अधिकार ही तो चाहा था, फिरघर को सिर पर…

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