संभल: शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा, दीवारों पर गुंबद पर कलश की आकृति व कमल के फूल, हिंदू पक्ष का दावा, यहां पहले हरिहर मंदिर था

हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिस पर मस्जिद बनाई गई है। सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के मूल परिसर में गुंबद के नीचे एक लंबी श्रृंखला

Nov 30, 2024 - 01:18
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संभल: शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा, दीवारों पर गुंबद पर कलश की आकृति व कमल के फूल, हिंदू पक्ष का दावा, यहां पहले हरिहर मंदिर था

हाईलाइट्स-

  1. मस्जिद परिसर के दक्षिण तरफ पड़े एएसआई के बोर्ड पर लिखा था कि मस्जिद एएसआई की संपत्ति है और छेड़छाड़ करने पर जुर्माना लगाया जाएगा
  2. मस्जिद की दीवारों पर कई मोटे खंभे पाए गए हैं और उन पर फूल और पेंटिंग भी प्रदर्शित हैं
  3. मस्जिद के अन्य बाहरी हिस्सों का सर्वेक्षण नहीं किया गया, जिसमें बाजार की ओर पूर्वी भाग, टीले के पास बंद तहखानों वाला उत्तरी भाग शामिल था
  4. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिस पर मस्जिद बनाई गई है
  5. सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के मूल परिसर में गुंबद के नीचे एक लंबी श्रृंखला लटकी हुई पाई गई, जिसे हिंदू पक्ष ने मंदिर की श्रृंखला बताया जिसमें एक घंटी लगी हुई थी
  6. सर्वे रिपोर्ट में मस्जिद के मुख्य गुंबद पर तार के कलश की आकृति और टूटे हुए तीर के निशान मिले हैं
  7. कई जगहों पर उर्दू और फ़ारसी शब्द लिखे हुए हैं और हिंदू पक्ष का आरोप है कि ये सभी लिखावट मंदिर को मस्जिद में बदलने के दौरान की गई थी
  8. मस्जिद के पश्चिमी गेट पर खंभे स्तंभों के रूप में हैं, जिन पर कमल के फूल और बीच में पेंटिंग हैं। उनके ऊपर एक घुमावदार प्रवेश द्वार है, जो एक तोरणद्वार जैसा दिखता है

शाही जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं हो सकी। कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है, इसलिए कोर्ट से अगली तारीख की अपील की गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। सूत्रों की मानें तो सर्वे रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं जो हिंदू पार्टी के दावे को मजबूत करते हैं। जानकारी के मुताबिक मस्जिद के अंदर शौचालय वाला एक बड़ा प्रांगण है। हिंदू पक्ष ने इस स्नानागार को तालाब बताया। उसी परिसर में एक बरगद का पेड़ मिला है, जिसकी पहचान सर्वे के दौरान ही की गई थी और हिंदू पक्ष ने सर्वे के दौरान इसे मंदिर और आस्था का प्रतीक बताया था।

मस्जिद के पश्चिमी गेट के पास एक कुआँ भी मिला है, जिसे अब ढक दिया गया है। सर्वे के दौरान दोनों पक्षों ने माना कि यहां कभी पूजा होती थी। मस्जिद के अंदर एक भूरे रंग का शिलालेख भी पाया गया है जिसमें बताया गया है कि इसे 933 हिजरी में बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर बेग ने बनवाया था। तहखाने की दीवारों पर वर्तमान युग के दो स्तंभ मिले हैं। मस्जिद की दीवारों पर कई मोटे खंभे पाए गए हैं और उन पर फूल और पेंटिंग भी प्रदर्शित हैं। सर्वेक्षण के दौरान मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण, पश्चिमी भाग के अलावा, मस्जिद के अन्य बाहरी हिस्सों का सर्वेक्षण नहीं किया गया, जिसमें बाजार की ओर पूर्वी भाग, टीले के पास बंद तहखानों वाला उत्तरी भाग शामिल था।

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इस बीच कई लोहे की छड़ों वाले आंगन भी मिले जिनका इस्तेमाल मस्जिद में कार्यक्रमों के लिए तंबू लगाने के लिए किया जाता है। मुख्य दीवार पर फारसी अक्षरों में लिखा है। मुख्य दीवार पर फारसी अक्षरों में लिखा है। संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिस पर मस्जिद बनाई गई है। सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के मूल परिसर में गुंबद के नीचे एक लंबी श्रृंखला लटकी हुई पाई गई, जिसे हिंदू पक्ष ने मंदिर की श्रृंखला बताया जिसमें एक घंटी लगी हुई थी।

मस्जिद की मीनारें छत्रीदार कलाकृति से बनी हैं, जिसे राजपूत शैली का बताया जा रहा है। जामा मस्जिद सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद में कई हिंदू प्रतीक पाए गए हैं। पश्चिमी द्वार पर कलाकृतियों से युक्त द्वारपाल शैली के स्तंभ हैं। इसके साथ ही दावा किया जाता है कि मस्जिद में 50 ताकें भी मिली हैं, जहां हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई थीं। इसके साथ ही सर्वे रिपोर्ट में मस्जिद के मुख्य गुंबद पर तार के कलश की आकृति और टूटे हुए तीर के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि मस्जिद के पश्चिमी गेट पर खंभे स्तंभों के रूप में हैं, जिन पर कमल के फूल और बीच में पेंटिंग हैं। उनके ऊपर एक घुमावदार प्रवेश द्वार है, जो एक तोरणद्वार जैसा दिखता है।

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दोनों स्तंभों के पास 2 और स्तंभ हैं जो द्वारपाल शैली के हैं। पश्चिमी द्वार पर मौजूद इन सभी स्तंभों, घाटों और प्रवेश द्वारों को हरे रंग से रंगा गया है। दावा किया गया है कि सर्वेक्षण के दौरान मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण, पश्चिमी भाग के अलावा, मस्जिद के अन्य बाहरी हिस्सों का सर्वेक्षण नहीं किया गया, जिसमें बाजार की ओर पूर्वी भाग, टीले के पास बंद तहखानों वाला उत्तरी भाग शामिल था। इस बीच कई लोहे की छड़ों वाले आंगन भी मिले जिनका इस्तेमाल मस्जिद में कार्यक्रमों के लिए तंबू लगाने के लिए किया जाता है।

इस मामले में स्थानीय जिला अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की निगरानी में मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया। इससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। 24 नवंबर को जब सर्वे टीम यहां पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया, जिसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। मस्जिद का मुख्य गुंबद अंदर से भूरे रंग का है और गुंबद पर और उसके पास कई जगहों पर उर्दू और फ़ारसी शब्द लिखे हुए हैं और हिंदू पक्ष का आरोप है कि ये सभी लिखावट मंदिर को मस्जिद में बदलने के दौरान की गई थी।

सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर के दक्षिण तरफ एएसआई का बोर्ड भी पड़ा हुआ था, जिस पर लिखा था कि मस्जिद एएसआई की संपत्ति है और छेड़छाड़ करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। बहरहाल, आगे का फैसला कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश होने के बाद ही हो पायेगा, गौरतलब है कि संभल शाही जामा मस्जिद को लेकर अब तक काफी हिंसा हो चुकी है, जिसके चलते यह देश का संवेदनशील मुद्दा बन गया हो, सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत को किसी भी तरह का एक्शन न लेने का आदेश दे दिया है, अब योगी सरकार के निर्देशन में पुलिस प्रशासन पर शांति व्यवस्था बनाये रखने का जिम्मा है।

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