कोलकाता केस: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को किया सस्पेंड, कोर्ट परिसर में लगे 'संदीप घोष चोर है' के नारे
पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को आखिरकार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विवादास्पद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार देर शाम जारी एक आधिकारिक आदेश में घोष के निलंबन की घोषणा की। हालांकि, इस आदेश पर स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम की बजाय विभाग में विशेष कार्य अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को यह आदेश दिया। संदीप घोष को अदालत ले जाते वक्त कोर्ट परिसर में 'धिक्कार', 'चोर संदीप' के नारे लगे। दोपहर के समय संदीप घोष को निज़ाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय से अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में ले जाया गया।

कोलकाता।
पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को आखिरकार कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विवादास्पद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार देर शाम जारी एक आधिकारिक आदेश में घोष के निलंबन की घोषणा की। हालांकि, इस आदेश पर स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम की बजाय विभाग में विशेष कार्य अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। आदेश में कहा गया है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के मद्देनजर घोष को पश्चिम बंगाल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1971 के नियम 7(1सी) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। हालांकि, चिकित्सा बिरादरी के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की देर से की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया है। राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की घोष को बचाने के लिए पहले से ही आलोचना हो रही है। संस्थान में महिला डॉक्टर के शव की बरामदगी के कुछ दिन बाद घोष ने आरजी कर के प्रिंसिपल पद के साथ-साथ राज्य चिकित्सा सेवाओं से भी इस्तीफा देने की घोषणा की।
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हालांकि, उसी दिन उनके इस्तीफे को स्वीकार करने की बजाय, स्वास्थ्य विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर घोष को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) का प्रिंसिपल नियुक्त करने की घोषणा की। इसकी हर तरफ से आलोचना हुई। इस कदम के बाद घोष और राज्य सरकार दोनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों की बाढ़ आ गई। राज्य सरकार पर घोष को बचाने का आरोप लगाया गया। घोष को 16 दिनों की पूछताछ के बाद सोमवार शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को एक अदालत ने उन्हें आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। घोष के खिलाफ सीबीआई दो समानांतर जांच कर रही है। एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का मामला है जबकि दूसरा मामला उनके कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। उन्हें इसी दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया है। हालांकि घोष सीएनएमसीएच के प्रिंसिपल का पदभार नहीं संभाल सके, क्योंकि कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने आरजी कर घटना की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए अगले आदेश तक उन्हें राज्य के किसी भी मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त करने पर भी रोक लगा दी।
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उधर आरजी कर कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को इस संस्थान में कथित वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में 8 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को यह आदेश दिया। संदीप घोष को अदालत ले जाते वक्त कोर्ट परिसर में 'धिक्कार', 'चोर संदीप' के नारे लगे। दोपहर के समय संदीप घोष को निज़ाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय से अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में ले जाया गया। दूसरी ओर आरोपियों के वकील ने अदालत में दावा किया कि जब भी उन्हें सीबीआई ने बुलाया, उन्होंने जांच के लिए सीबीआई को सहयोग किया। सीबीआई ने आरोपियों का बयान दर्ज कर लिया है। जज ने आरोपी के वकील से पूछा, 'अफसर अली को पूर्व सुरक्षा गार्ड के रूप में कैसे नियुक्त किया गया? आरोपी के वकील ने जवाब दिया, 'उन्हें स्वास्थ्य विभाग से नियुक्त किया गया था। दोनों पक्षों के सवाल-जवाब सुनने के बाद संदीप घोष समेत चारों को 8 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि सबूत जुटाने के लिए वित्तीय भ्रष्टाचार मामले में फंसे संदीप को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। सीबीआई का दावा है कि वित्तीय भ्रष्टाचार का एक बड़ा सर्कल है। सीबीआई ने कहा कि यह देखना जरूरी है कि इस घेरे में कौन-कौन है। इसके बाद सीबीआई को संदीप घोष की 8 दिन की हिरासत मिल गई।
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