
ओ आसमां के मेघ, कभी तो धरा पर आ तू।
ओ आसमां के मेघ, कभी तो धरा पर आ तू। ओ आसमां के मेघकभी तो धरा पर आ तू।तू कैसे बरसता है?मुझको भी समझा जा तू। मैं भी तो चाहती हूं तेरी तरह बरसनातेरी तरह ही छुपना तेरी तरह उमड़नामेरे भी उर में जलती तेरी तरह ही ज्वालामैं भी गरजना चाहूं हृदय नहीं है माना।अब…