“बस सत्य देख सकूँ” छंद – स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता
"बस सत्य देख सकूँ" छंद - स्वधा रवींद्र उत्कर्षिता सुनो तथागत!!मानती हूँ…
हिंदी रचना: “सांझ” -रतन खंगारोत
हिंदी रचना: सांझ - रतन खंगारोत ढलती उम्र ने, ढ़लते सूरज से…
गीत: इतना प्रेम परोस गए हो तुम
गीत: इतना प्रेम परोस गए हो तुम इतना प्रेम परोस गए हो…
बचपन बहुत याद आता है – डॉ मिली मौर्या
बचपन बहुत याद आता है - डॉ मिली मौर्या तब याद आता…
Hindi Kavita: आइना तुम देख लेना
Hindi Kavita: आइना तुम देख लेना आइना तुम देख लेनानेह से तेरे…
Hindi Kavita: स्वांस की लय धरी की धरी रह गयी
Hindi Kavita: स्वांस की लय धरी की धरी रह गयी स्वांस की…
काव्य रचना: उजियारे का प्रथम आगमन
काव्य रचना: उजियारे का प्रथम आगमन उजियारे का प्रथम आगमन मन में…
Hindi Kavita: इसीलिए हूँ मौन
Hindi Kavita: इसीलिए हूँ मौन इसीलिए हूँ मौन की तुम तकमेरा अंतर्नाद…
एक कोना बुजुर्गों के लिए – मुक्तछन्द
एक कोना बुजुर्गों के लिए - मुक्तछन्द अपने ख़ूबसूरत घर मेंएक कोनामुख़्तसर…
पगडंडियाँ भी लड़कियों सी होती हैं” मुक्त छंद
पगडंडियाँ भी लड़कियों सी होती हैं" मुक्त छंद पगडंडियाँ भी लड़कियों सी…