
सवाल एक छोटा सा था – डॉ. सुनीता चौहान कि रचना
सवाल एक छोटा सा था सवाल एक छोटा सा थाबवाल इतना क्यों मचा दिया? तुम्हारे घर को अपना बनायाउसे पावन मंदिर सा सजाया।थोड़ा सा प्रेम और सम्मान ही तो मांगा थाफिर क्यों इतना रुला दिया? कर्तव्यों की डोर में बंधी थीबहुत संयमित और सधी थी।थोड़ा सा अधिकार ही तो चाहा था, फिरघर को सिर पर…