सब्जी और फल के साथ ही अब फूलों के भी निर्यातक बन रहे किसान, वाराणसी से बुधवार को पहली बार संयुक्त अरब अमीरात निर्यात किया गया गेंदे के फूल,गेंदे के साथ ही गुलाब के फूल का भी सैंपल भेजा गया।
वाराणसी। काशी के फूलों की खुशबू विदेशों में अब तेजी से महकेगी। सब्जी और फल के साथ ही अब फूलों के किसान भी निर्यातक बन रहे हैं। डबल इंजन की सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का सपना साकार होता जा रहा है। वाराणसी से बुधवार को पहली बार गेंदे का फूल)ल संयुक्त अरब अमीरात निर्यात किया गया। करीब 400 किलो गेंदे का फूल वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतररास्ट्रीय हवाईअड्डे से भेजा गया है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के चेयरमैन अभिषेक देव ने वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके कंसाइनमेंट को रवाना किया। गेंदे के साथ ही गुलाब के फूल का भी सैंपल भेजा गया है। फेस्टिव सीजन हो या शादियां सजावट हर कोई चाहता है। अब दुबई में भारत के फूलों से त्योहारों और अन्य मौकों पर सजावट की जाएगी। इसके लिए वाराणसी की मिट्टी में खिले फूल बुधवार को दुबई निर्यात किए गए।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के चेयरमैन अभिषेक देव ने कहा कि कृषि उत्पादों के निर्यात में किसान उत्पाद संगठनों (एफपीओ) को जोड़ा जा रहा है। इसका सकरात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है। वाराणसी स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक ने बताया कि 200 विशेष डिब्बों में 400 किलो मेरीगोल्ड का फूल भेजा गया है। पहली बार वाराणसी के किसानों के गेंदे का फूल दुबई निर्यात हो रहा है।
इसके साथ ही गुलाब के फूलों का भी सैंपल भेजा गया है। ये पहला मौका नहीं है जब वाराणसी के मिट्टी के उत्पाद विदेशों की सैर करेंगे। पहले भी बड़ी तादाद में सब्जी और फलों की खेप विदेशों में भेजी गई है। एपीडा के मदद से वाराणसी से 90 से 100 मीट्रिक टन कृषि निर्यात प्रति महीने किया जा रहा है। अब फूलों के विदेश जाने से किसानों का एक और वर्ग भी निर्यातक बन गया है। वाराणसी स्थित एफपीओ मधुजनसा फ़ीड फार्मर प्रोडूसेर आर्गेनाइजेशन लिमिटेड ने फूलों की खेप का निर्यात किया है।