मध्यप्रदेश के बैतूल में जिला मुख्यालय पर ही वैन विभाग के अधिकारियों का खुला भ्रष्टाचार चल रहा है तो अन्य दूर दराज के वन क्षेत्रों के क्या होंगे हाल वो कहावत है ना “जंगल मे मोर नाचा किसने देखा ” पर यहाँ तो जंगल को छोड़ो जिला मुख्यालय पर ही सीसीएफ परिसर में ही डीएफओ की नाक के नीचे खुला भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है। पर डीएफओ साहब ही इस बात को नकारते नजर आ रहे है।
शासन के नियम है कि भवन निर्माण में कम से कम 12 mm का लोहा लगाना अनिवार्य है आपको बता दें कि सरकारी विभाग के भवन निर्माण में कॉलम में लगने वाला लोहा 12mm का होना अनिवार्य होता है और कॉलम में डेढ़ से ढाई फिट का जॉइंट अनिवार्य होता है परन्तु यहाँ पर तो 10mm का ही लोहा लगाया जा रहा है और कॉलम में जॉइंट भी 6 इंच के ही रखे जा रहे है और एक ही फर्म के नाम से टेंडर कर दिया गया है।
जबकि नियमानुसार क्रेशर जिसकी होती है उसका अलग टेंडर होना चाहिए सूत्रों की माने तो रेत कहीं और से बुलाई जा रही है और बिल टेंडर वाली फर्म के लगाए जा रहे है और स्टीमेट के आधार के विपरीत निर्माण कार्य करवाया जा रहा है । वहीं नियमानुसार कार्यस्थल पर पहले ही बोर्ड लगाया जाना चाहिए था।
पर यहाँ डीएफओ साहब अपनी मनमर्जी मुताबिक कार्य के पूर्ण होने की बात का हवाला देकर मामले से बचने का प्रयास कर रहे है जबकि नियमानुसार देखा जाए तो नींव रखने से पूर्व बोर्ड लगाया जाना अनिवार्य होता है ताकि निर्माण संबंधित पारदर्शिता दिखाई जा सके ।पर यहाँ तो खुद डीएफओ ही अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने के लिए प्रोत्सहित करते नजर आ रहे है ।
शशांक सोनकपुरिया, ब्यूरो बैतूल