गिरफ्तार होंगी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना? अंतरिम सरकार ने 96 व्यक्तियों के पासपोर्ट को रद्द किया, मुश्किलें बढीं
बरन पासपोर्ट गायब करने के आरोप में हसीना और 11 अन्य के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अगर शेख हसीना भारत से हिलती भी हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित...
Former Prime Minister Sheikh Hasina News.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना और 96 व्यक्तियों के पासपोर्ट को रद्द कर दिया है। बांग्लादेश इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल (ICT) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और 11 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इनमें पूर्व पुलिस प्रमुख और सेना के जनरल भी शामिल हैं। स्थानीय बांग्लादेशी मीडिया ने मंगलवार की शाम को बताया कि ये कार्रवाई जुलाई में देश में हुए विद्रोह के दौरान हुई मौतों और जबरन गायब करने की घटनाओं में शामिल होने के आरोपों के आधार पर की गई है। निरस्त किए गए पासपोर्टों में से 22 जबरन गायब किए जाने से जुड़े थे, जबकि हसीना सहित 75 लोग जुलाई के विद्रोह के दौरान हुई हिंसा से जुड़े थे, जिसके कारण कथित तौर पर कई मौतें हुईं। पिछले साल अगस्त में अवामी लीग सरकार के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। इसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। फिर वह भागकर भारत आ गईं। आईसीटी तबसे उनके खिलाफ अब तक तीन मामले दर्ज कर चुका है।
इसके अतिरिक्त, जबरन पासपोर्ट गायब करने के आरोप में हसीना और 11 अन्य के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अगर शेख हसीना भारत से हिलती भी हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित सभी आरोपी पक्षों की गिरफ्तारी और प्रस्तुति के लिए 12 फरवरी की समय सीमा जारी की है। आईसीटी के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति एमडी गोलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने मामले की गहन जांच के महत्व पर जोर देते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। पुलिस महानिरीक्षक को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि आरोपी व्यक्तियों को पकड़ा जाए और न्यायाधिकरण के समक्ष लाया जाए।
ICT के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘जज एम.डी. गुलाम मुर्तजा मजूमदार ने अभियोजन पक्ष की याचिका पर सुनवाई करने के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को शेख हसीना सहित 12 लोगों को गिरफ्तार करने और 12 फरवरी को उन्हें अधिकरण में पेश करने आदेश दिया गया है। यह मामला सैकड़ों लोगों की जबरन गुमशुदगी की शिकायतों से जुड़ा है। इस मामले में हसीना के पूर्व रक्षा सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक अहमद सिद्धिक और पूर्व आईजीपी बेनजीर अहमद सहित अन्य का नाम शामिल है। सिद्धिक अभी हिरासत में हैं, वहीं अहमद को फरार माना जा रहा है।’ICT के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है, ताकि जांच और गिरफ्तारी में कोई बाधा न आए। ताजुल इस्लाम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को होगी।
अगर जांच रिपोर्ट तैयार हो जाती है, तो उसे उस दिन पेश किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगर तब तक जांच रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई, तो कानून प्रवर्तन एजेंसियों को गिरफ्तारी की प्रगति रिपोर्ट सौंपनी होगी। पिछले महीने ढाका ने आधिकारिक रूप से भारत से शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। भारत ने भी आधिकारिक अनुरोध मिलने की पुष्टि की। लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। आईसीटी ने पहली बार 17 अक्तूबर को शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उन पर जुलाई और अगस्त के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों क आरोप हैं। अवामी लीग सरकार के पतन के बाद आईसीटी में हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं व विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ जबरन गुमशुदगी, हत्याएं, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों की कम से कम 60 शिकायतें दर्ज की गई थीं। मुख्य अभियोजक इस्लाम ने आईसीटी से कहा कि हसीना की सरकार के दौरान बांग्लादेश में राज्य की मदद से जबरन गुमशुदगी की संस्कृति शुरू हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने इन जबरन गुमशुदगियों को अंजाम दिया, उन्हें इनाम दिया गया। इसके लिए खासतौर पर रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी), पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी), काउंटर टेररिज्म और ट्रांसनेशनल क्राइम (सीटीटीसी) यूनिट और फॉर्सेज इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट (डीजीएफआई) का सबसे अधिक इस्तेमाल किया गया।
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