Agra: महिला साहित्यकार भावना वरदान शर्मा को धमकाना, उनकी निजता का हनन और सोशल मीडिया पर उनका नाम लेकर अभद्र भाषा लिखने पर पवन आगरी के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ा
देश के वरिष्ठ कवि साहित्य एवं सामाजिक संगठन मेरे समर्थन में उतर आए। पवन आगरी के विरुद्ध सत्य और घटिया मानसिकता व अभद्रता के बीच जन आंदोलन चल पड़ा। अगर एक वरिष्ठ लेखिका के साथ इस तरह का मानसिक शोषण हो सकता है तो अपने सपनों..
By INA News Agra.
राष्ट्रीय स्तर की साहित्यकार लेखिका, समाजसेवी भावना वरदान शर्मा ने बताया, मुझे न्यायपालिका व देश के कानून पर पूरा भरोसा है तथा पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करती हूं। यह केवल मेरी नहीं पूरे शहर के लिए आशा की किरण है। भावना वरदान शर्मा ने कहा आगरा के साहित्य जगत में इतने बड़े पैमाने पर आज तक किसी का विरोध नहीं हुआ है। देश के वरिष्ठ कवि साहित्य एवं सामाजिक संगठन मेरे समर्थन में उतर आए। पवन आगरी के विरुद्ध सत्य और घटिया मानसिकता व अभद्रता के बीच जन आंदोलन चल पड़ा। अगर एक वरिष्ठ लेखिका के साथ इस तरह का मानसिक शोषण हो सकता है तो अपने सपनों को पंख देने के लिए जो नवोदित लेखिकाएं साहित्य जगत में उतर रही हैं उनके साथ क्या होता होगा यही सोच कर बस मैं आगे बढ़ी। आगरा ही नहीं देश भर के लेखकों और साहित्यकारों का पूरा समर्थन मिला और अंत में सत्य एक सीढ़ी आगे बढ़ा।
मेरी साहित्यिक संस्था ताज लिटरेचर क्लब है जो कि मेरे द्वारा कई वर्षों से संचालित है। आगरा निवासी पवन आगरी के द्वारा मेरी संस्था ताज लिटरेचर क्लब से मिलता जुलता नाम ताज लिटरेचर फेस्ट का आयोजन की घोषणा की गई जिसका संज्ञान मुझे कई व्हाट्सएप ग्रुप और शहर के बुद्धिजीवियों के द्वारा हुआ जब मैने व्हाट्सएप ग्रुप आगरा मीडिया क्लब में संस्था के नाम को लेकर आपत्ति जताई तो मुझे पवन आगरी के द्वारा ग्रुप में ही धमकाया गया कि अपने काम से काम रखो, नोटिस देने की धमकी दी गई, मेरे से अभद्र भाषा का उपयोग किया गया, लगातार देर रात्रि में व्हाट्सएप मैसेज और कॉल किए गए, मेरा नंबर वायरल कर के निजिता का हनन किया गया और कई अन्य लोगों से पवन आगरी के द्वारा फोन करा कर धमकाया गया और मेरे से ट्वीट हटाने तक की धमकी दी गई लगातार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
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सोशल मीडिया और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मुझे धमकाया गया, मेरी निजता का हनन किया गया, मेरे से अभद्र व्यवहार किया गया। मेरे समर्थन व बचाव में आये शहर के प्रबुद्ध जनों के प्रति अभद्र भाषा लिखी और नोटिस तक भेज दिए। अत्यधिक पीड़ित होने पर मैंने राष्ट्रीय महिला आयोग एवं पुलिस एवं प्रशासन से अपील की कि एक महिला के मान सम्मान स्वाभिमान की रक्षा करते हुए ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर मेरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस घटना के दोषी को सजा मिलने के बाद निश्चित रूप से आगरा ही नहीं बल्कि देश के साहित्य जगत में महिला साहित्यकारों के शोषण का काला अध्याय समाप्त होगा और साहित्य जगत में एक नई सुबह होगी। इस दौरान मैं और मेरा परिवार लगातार दहशत में रहे,मानसिक अवसाद में हैं मेरे बच्चों की परीक्षा बड़ी मुश्किल से हुई। क्योंकि जो व्यक्ति सोशल मीडिया पर मेरे एक पंक्ति लिखने पर धमकियां, अभद्र भाषा का प्रयोग और मानहानि का दावा कर सकता है वह अपने विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने पर क्या करेगा यह सोचकर मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसके द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न से अपने बच्चों की परीक्षा के दौरान मैं और मेरा परिवार जिस मानसिक तनाव से गुजरे हैं उससे हमारी मानसिक शांति प्रभावित हुई है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है।
पिछले 15 दिनों से मैं और मेरा परिवार लगातार मेरी सुरक्षा को लेकर हर पल तनाव और आशंका के साए में जीने को मजबूर हैं। जैसा कि सभी को ज्ञात है कि पवन आगरी हमेशा ही प्रभावशाली एवं रसूखदार लोगों के साथ अपने कांटेक्ट बताकर प्रभावित करने का प्रयास करता है। अपने वीडियो में भी इसने कहा है कि मेरी कमिश्नर आगरा समेत अन्य पुलिस अधिकारियों से भेंट हुई है और उन्होंने जांच के उपरांत इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है। यह कहकर इसने स्वयं को क्लीन चिट दी है एवं पुलिस की कार्य प्रणाली एवं पुलिस विभाग के नाम का लेकर दुष्प्रचार किया है। जैसा कि इसने वीडियो में कहा है कि मैंने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष से भेंट की है और उन्होंने भी मामले को लेकर मुझे आश्वासन दिया है यह कहकर इसने इन सम्मानित संवैधानिक संस्थाओं के नाम का दुरुपयोग करके उनकी गरिमा को प्रभावित करने का प्रयास किया है। जांच को प्रभावित करने का प्रयास है। और लगातार आगे भी ऐसे ही कृत्य जारी होंगें। लगातार समझौते व केस वापिस लेने का दवाब बनाया जा रहा है।
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हम अपने परिजनों व शुभचिंतकों की सुरक्षा के लेकर व्यथित हैं। मुझे पीड़ा व वेदना है कि शहर के किसी भी कार्यक्रम का आयोजन व संरक्षक उक्त कार्यक्रम का ही नहीं बल्कि शहर का भी हितेषी होता है संरक्षक होता है और जब किसी आयोजन पर कोई बात आती है या शहर की बेटी बहू पर कोई बात आती है तो आयोजक व संरक्षक को उससे भी अपना परिवार समझ कर उसकी मदद करनी चाहिए न्याय दिलाना चाहिए उसके पास जाना चाहिए। बड़ा दुखद और पीड़ा देने वाला एहसास है कि यह सब कुछ जानने के बावजूद भी शहर के धनाढ्य उद्यमी सिरमौर और समाजसेवी चुप्पी साधे रहे। थोड़ा भी ध्यान रखकर बीच में आकर ना न्याय किया न मेरी पीड़ा सुनी ना उसे सम्मान दिलाया न उसके हक को सही ठहराया।
उसके पीड़ित परिवार जो धमकी के साये में था उसको ढांढस बंधाया। पवन आगरी ने कार्यक्रम को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। और मुकदमा दर्ज होने के बाद वो किसी भी हद तक जा सकतें है। कार्यक्रम में सेशन का लोभ देकर लोगो को जोड़ने का भरकस प्रयास करेंगे और जांच के बीच मे लगातार वीडियो व सोशल मीडिया के माध्यम से गलत बयानबाजी कर कुछ भी कर सकते हैं। कार्यक्रम का नाम बदलना स्वतः बताता है कि उनकी मंशा क्या थी और वो कितने गलत थे। पार्टी द्वारा भी किसी भी वजह से लिया गया एक्शन उनकी कलई खोलता है। उनके द्वारा मेरे प्रति ही नहीं शहर के अन्य लोगो के लिए लिखे बोले गए शब्द सोशल मीडिया पर हैं। उनकी संस्था की महिला व पुरुष सदस्य खुलकर उनके व्यवहार और चरित्र का बखान कर रहे हैं।
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