आगरा: महिला उत्पीडन मामले में कवि पवन आगरी पर मुकदमा दर्ज, जनाक्रोश के बाद पुलिस ने लिया एक्शन
राष्ट्रीय स्तर की साहित्यकार लेखिका ,समाजसेवी भावना वरदान शर्मा ने बताया मुझे न्यायपालिका व देश के कानून पर पूरा भरोसा है तथा पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करती हूं। यह केवल मेरी नहीं पूरे शहर के लिए आशा की किरण है। भावना वरदान शर्मा ने कहा आगरा के साहित्य जगत में इ...
मुख्यांश-
- डीडी उर्दू, डीडी भोपाल,डीडी उत्तर प्रदेश, शिमारु टीवी,देश न्यूज चैनल भोपाल टेलीविजन के सुप्रसिद्ध हास्य कवि सुखप्रीत सिंह सुखी आए भावना वरदान शर्मा के समर्थन में
- कवि भवन आगरी द्वारा लेखिका भावना वरदान शर्मा के मानसिक उत्पीड़न के बाद साहित्य जगत में रोष। देश के वरिष्ठ साहित्यकार आए लेखिका का समर्थन में
- महिला साहित्यकार भावना वरदान शर्मा को धमकाना, उनकी निजता का हनन और सोशल मीडिया पर उनका नाम लेकर अभद्र भाषा लिखने पर पवन आगरी के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ा
By INA News Agra.
महिला साहित्यकार भावना वरदान शर्मा को धमकाना, उनकी निजता का हनन और सोशल मीडिया पर उनका नाम लेकर अभद्र भाषा लिखने पर पवन आगरी के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ा। उधर, कवि सुखप्रीत सिंह सुक्खी ने लेखिका भावना वरदान शर्मा के मानसिक उत्पीड़न एवं उन पर 10 लाख मानहानि लगाए जाने के लिए कवि पवन नागरिक को आड़े हाथों लिया। ब्रजभाषा के वयोवृद्ध वरिष्ठ कवि और सेवानिवृत्त पशुपालन अधिकारी डॉक्टर राम प्रकाश चतुर्वेदी जिन्होंने ब्रजभाषा काव्य पर अनेकों पुस्तकें लिखी है और ब्रजभाषा साहित्य सम्मान से पुरस्कार है उन्होंने कहा पावन नगरी द्वारा भावना वरदान शर्मा को धमकी दिए जाने की अभद्र भाषा में मैसेज भेजना कि और उनका नाम लेकर सोशल मीडिया पर मैसेज लिखने की घटना अत्यंत निंदनीय है। टाइटल चोरी की घटना से शुरू हुआ यह विवाद यहां तक पहुंच जाएगा उम्मीद नहीं थी।
पवन आगरी का नाम पूर्व में भी महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं में सामने आ चुका है। इस विषय में राष्ट्रीय महिला आयोग को ऐसा निर्णय लेना चाहिए जिससे भविष्य में महिला साहित्यकारों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित हो। सभी ने कवि पवन आगरी के द्वारा किए गए मानसिक उत्पीड़न की कड़ी निंदा की। विदित हो कि महिला साहित्यकार भावना वरदान शर्मा को धमकाना उसकी निजता का हनन और सोशल मीडिया पर उसका नाम लेकर अभद्र भाषा लिखता पवन आगरी को महंगा पड़ गया। जिसे लेकर कवि पवन आगरी पर कानून का शिकंजा कसा और Bns dhara 351(2) और 352 में मुकदमा दर्ज हुआ। थाना छत्ता का यह मामला महिला आयोग में भी पहुँच चुका है।
वरिष्ठ इतिहासकार सुप्रसिद्ध लेखक राजकिशोर शर्मा 'राजे ' ने इस मामले पर कहा कि ताज लिटरेचर क्लब ,आगरा भावना वरदान शर्मा द्वारा संचालित साहित्यिक गतिविधियों का प्रतिष्ठित केंद्र है। पहले अप्रत्यक्ष रूप से इस संस्था का आवरण ओढ़ कर आगरा में एक साहित्यिक कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की गई जो की पूर्णतः अनुचित है। इस कार्य के पीछे खुद को अंतरराष्ट्रीय हास्य कवि बताने वाले एक व्यक्ति का हाथ रहा जिसने इस कार्य के प्रति विरोध जताने पर जिस प्रकार विदुषी भावना वरदान शर्मा के प्रति अभद्रता का प्रदर्शन किया ,वह अत्यधिक निंदनीय है और महिला शक्ति का अपमान है। इस कार्य हेतु स्वयं को हास्य कवि बताने वाले पवन आगरी की घोर निन्दा किये जाना स्वाभाविक है तथा ऐसे व्यक्ति का सर्वत्र बहिष्कार किया जाना ही श्रेयस्कर है।
उन्होंने कहा कि साहित्य एक विशाल सागर है। और हम सब मां सरस्वती के उपासक। सच्चा साहित्यकार वह होता है जो महिलाओं का सम्मान करें। जिसमें संवेदनाएं और मानव मूल्य नहीं वह कवि और साहित्यकार हो ही नहीं सकता। ऐसे व्यक्ति का साहित्यिक जगत में बहिष्कार होना चाहिए जो साहित्यिक क्षेत्र की महिलाओं का सम्मान ना कर सके। वरिष्ठ कवि, लेखक, साहित्यकार व अध्यक्ष संगीत सरिता, इंदौर दिनेश दुग्गड ने कहा कि ताज लिट्रेक्चर काफी पुराना और प्रतिष्टित ग्रुप है, जिसका नेतृत्व भावना जी शर्मा कर रही है। यह नाम पवन भाई सिर्फ स्वार्थ के लिए उपयोग कर रहै थे। भावना वरदान शर्मा को धमकी और अभद्र मैसेज भेजने की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।
राष्ट्रीय स्तर की साहित्यकार लेखिका ,समाजसेवी भावना वरदान शर्मा ने बताया मुझे न्यायपालिका व देश के कानून पर पूरा भरोसा है तथा पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त करती हूं। यह केवल मेरी नहीं पूरे शहर के लिए आशा की किरण है। भावना वरदान शर्मा ने कहा आगरा के साहित्य जगत में इतने बड़े पैमाने पर आज तक किसी का विरोध नहीं हुआ है। देश के वरिष्ठ कवि साहित्य एवं सामाजिक संगठन मेरे समर्थन में उतर आए। पवन आगरी के विरुद्ध सत्य और घटिया मानसिकता व अभद्रता के बीच जन आंदोलन चल पड़ा। अगर एक वरिष्ठ लेखिका के साथ इस तरह का मानसिक शोषण हो सकता है तो अपने सपनों को पंख देने के लिए जो नवोदित लेखिकाएं साहित्य जगत में उतर रही हैं उनके साथ क्या होता होगा यही सोच कर बस मैं आगे बढ़ी। आगरा ही नहीं देश भर के लेखकों और साहित्यकारों का पूरा समर्थन मिला और अंत में सत्य एक सीढ़ी आगे बढ़ा।
मेरी साहित्यिक संस्था ताज लिटरेचर क्लब है जो कि मेरे द्वारा कई वर्षों से संचालित है। आगरा निवासी पवन आगरी के द्वारा मेरी संस्था ताज लिटरेचर क्लब से मिलता जुलता नाम ताज लिटरेचर फेस्ट का आयोजन की घोषणा की गई जिसका संज्ञान मुझे कई व्हाट्सएप ग्रुप और शहर के बुद्धिजीवियों के द्वारा हुआ जब मैने व्हाट्सएप ग्रुप आगरा मीडिया क्लब में संस्था के नाम को लेकर आपत्ति जताई तो मुझे पवन आगरी के द्वारा ग्रुप में ही धमकाया गया कि अपने काम से काम रखो , नोटिस देने की धमकी दी गई , मेरे से अभद्र भाषा का उपयोग किया गया , लगातार देर रात्रि में व्हाट्सएप मैसेज और कॉल किए गए , मेरा नंबर वायरल कर के निजिता का हनन किया गया और कई अन्य लोगों से पवन आगरी के द्वारा फोन करा कर धमकाया गया और मेरे से ट्वीट हटाने तक की धमकी दी गई लगातार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
सोशल मीडिया और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मुझे धमकाया गया , मेरी निजता का हनन किया गया , मेरे से अभद्र व्यवहार किया गया। मेरे समर्थन व बचाव में आये शहर के प्रबुद्ध जनों के प्रति अभद्र भाषा लिखी और नोटिस तक भेज दिए। अत्यधिक पीड़ित होने पर मैंने राष्ट्रीय महिला आयोग एवं पुलिस एवं प्रशासन से अपील की कि एक महिला के मान सम्मान स्वाभिमान की रक्षा करते हुए ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर मेरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस घटना के दोषी को सजा मिलने के बाद निश्चित रूप से आगरा ही नहीं बल्कि देश के साहित्य जगत में महिला साहित्यकारों के शोषण का काला अध्याय समाप्त होगा और साहित्य जगत में एक नई सुबह होगी। इस दौरान मैं और मेरा परिवार लगातार दहशत में रहे,मानसिक अवसाद में हैं मेरे बच्चों की परीक्षा बड़ी मुश्किल से हुई क्योंकि जो व्यक्ति सोशल मीडिया पर मेरे एक पंक्ति लिखने पर धमकियां, अभद्र भाषा का प्रयोग और मानहानि का दावा कर सकता है वह अपने विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने पर क्या करेगा यह सोचकर मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
इसके द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न से अपने बच्चों की परीक्षा के दौरान मैं और मेरा परिवार जिस मानसिक तनाव से गुजरे हैं उससे हमारी मानसिक शांति प्रभावित हुई है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है। पिछले 15 दिनों से मैं और मेरा परिवार लगातार मेरी सुरक्षा को लेकर हर पल तनाव और आशंका के साए में जीने को मजबूर हैं। जैसा कि सभी को ज्ञात है कि पवन आगरी हमेशा ही प्रभावशाली एवं रसूखदार लोगों के साथ अपने कांटेक्ट बताकर प्रभावित करने का प्रयास करता है। अपने वीडियो में भी इसने कहा है कि मेरी कमिश्नर आगरा समेत अन्य पुलिस अधिकारियों से भेंट हुई है और उन्होंने जांच के उपरांत इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है। यह कहकर इसने स्वयं को क्लीन चिट दी है एवं पुलिस की कार्य प्रणाली एवं पुलिस विभाग के नाम का लेकर दुष्प्रचार किया है।
जैसा कि इसने वीडियो में कहा है कि मैंने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष से भेंट की है और उन्होंने भी मामले को लेकर मुझे आश्वासन दिया है यह कहकर इसने इन सम्मानित संवैधानिक संस्थाओं के नाम का दुरुपयोग करके उनकी गरिमा को प्रभावित करने का प्रयास किया है। जांच को प्रभावित करने का प्रयास है। और लगातार आगे भी ऐसे ही कृत्य जारी होंगें। लगातार समझौते व केस वापिस लेने का दवाब बनाया जा रहा है। हम अपने परिजनों व शुभचिंतकों की सुरक्षा के लेकर व्यथित हैं। मुझे पीड़ा व वेदना है कि शहर के किसी भी कार्यक्रम का आयोजन व संरक्षक उक्त कार्यक्रम का ही नहीं बल्कि शहर का भी हितेषी होता है संरक्षक होता है और जब किसी आयोजन पर कोई बात आती है या शहर की बेटी बहू पर कोई बात आती है तो आयोजक व संरक्षक को उससे भी अपना परिवार समझ कर उसकी मदद करनी चाहिए न्याय दिलाना चाहिए उसके पास जाना चाहिए। बड़ा दुखद और पीड़ा देने वाला एहसास है कि यह सब कुछ जानने के बावजूद भी शहर के धनाढ्य उद्यमी सिरमौर और समाजसेवी चुप्पी साधे रहे। थोड़ा भी ध्यान रखकर बीच में आकर ना न्याय किया न मेरी पीड़ा सुनी ना उसे सम्मान दिलाया न उसके हक को सही ठहराया। उसके पीड़ित परिवार जो धमकी के साये में था उसको ढांढस बंधाया। पवन आगरी ने कार्यक्रम को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। और मुकदमा दर्ज होने के बाद वो किसी भी हद तक जा सकतें है। कार्यक्रम में सेशन का लोभ देकर लोगो को जोड़ने का भरकस प्रयास करेंगे और जांच के बीच मे लगातार वीडियो व सोशल मीडिया के माध्यम से गलत बयानबाजी कर कुछ भी कर सकते हैं।
कार्यक्रम का नाम बदलना स्वतः बताता है कि उनकी मंशा क्या थी और वो कितने गलत थे। पार्टी द्वारा भी किसी भी वजह से लिया गया एक्शन उनकी कलई खोलता है। उनके द्वारा मेरे प्रति ही नहीं शहर के अन्य लोगो के लिए लिखे बोले गए शब्द सोशल मीडिया पर हैं। उनकी संस्था की महिला व पुरुष सदस्य खुलकर उनके व्यवहार और चरित्र का बखान कर रहे हैं। इस मामले पर सभी के सहयोग व प्रशासनिक कार्रवाई के बाद वरिष्ट लेखिका भावना वरदान शर्मा ने कहा कि एक सबको ले डूबा.... आप सब के सहयोग के बिना यह संभव न था हृदय से धन्यवाद करती हूं सभी को जिन्होंने किसी न किसी रूप में सहयोग और समर्थन दिया.. इस घटना ने प्रमाणित कर दिया कि सत्य की सदा ही जीत होती है... हृदय से धन्यवाद राष्ट्रीय लोकदल पार्टी , जयंत सिंह का। आज चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्होंने ये साहसिक कदम उठाया और मेरी प्रार्थना को स्वीकार किया... पवन आगरी का निष्कासन इस बात का प्रमाण है कि ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं। इस निष्कासन ने आगरा की महिला साहित्यकारों के शोषण का एक काला अध्याय समाप्त कर दिया आगरा के साहित्य जगत में अब एक नई सुबह होगी। गरीबों और किसानों के सच्चे हितैषी पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती पर यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मैंने जयंत सिंह को अपने प्रार्थना पत्र में यही लिखा था की आगरा के सभी महिला संगठन चौधरी चरण सिंह की पार्टी का महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के हित को ध्यान में रखकर निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है बहुत धन्यवाद आभारी रहूंगी।
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