Maharashtra News: विधानसभा निर्वाचन चुनाव में 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया, अन्तिम दो घंटों में लगभग 116 लाख मतदाताओं ने दिया मत
महाराष्ट्र सहित भारत में मतदाता सूचियाँ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की जाती हैं। विधि के अनुसार, या तो चुनावों से ठीक पहले और / या ...

By INA News Maharashtra.
महाराष्ट्र विधानसभा निर्वाचन के दौरान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान केंद्र पर पहुंचे 6,40,87,588 मतदाताओं ने मतदान किया। औसतन प्रति घंटे करीब 58 लाख वोट डाले गए। इन औसत रुझानों के अनुसार, मतदान के अन्तिम दो घंटों में लगभग 116 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। इसलिए, दो घंटों में मतदाताओं द्वारा 65 लाख वोट डालना औसत प्रति घंटे मतदान रुझानों से काफी कम है। अग्रेतर, हर मतदेय स्थल पर, मतदान उम्मीदवारों /राजनीतिक दलों द्वारा औपचारिक रूप से नियुक्त किए गए मतदान एजेंटों के सामने हुआ। कांग्रेस के नामित उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों ने अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और निर्वाचन प्रेक्षकों के समक्ष जाँच के समय किसी भी तरह के असामान्य मतदान के संबंध में कोई सिद्ध आरोप नहीं लगाया है।
महाराष्ट्र सहित भारत में मतदाता सूचियाँ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की जाती हैं। विधि के अनुसार, या तो चुनावों से ठीक पहले और / या प्रत्येक वर्ष एक बार, मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण आयोजित किया जाता है और मतदाता सूचियों की अंतिम प्रति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) सहित सभी राष्ट्रीय / राज्यीय राजनीतिक दलों को उपलब्ध करायी जाती है। महाराष्ट्र निर्वाचन के दौरान इन मतदाता सूचियों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, 9,77,90,752 मतदाताओं के सापेक्ष, प्रथम अपीलीय प्राधिकारी (डीएम) के समक्ष केवल 89 अपीलें दायर की गईं और द्वितीय अपीलीय प्राधिकारी (सीईओ) के समक्ष केवल 01 अपील दायर की गई। इस प्रकार यह पर्याप्त रूप से स्पष्ट है कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा निर्वाचन के पहले कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल को कोई शिकायत नहीं थी।
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मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के दौरान 1,00,427 मतदेय स्थलों के लिए EROS द्वारा नियुक्त 97,325 बूथ लेवल अधिकारियों के साथ-साथ कांग्रेस के 27,099 एजेंटों सहित सभी राजनीतिक दलों द्वारा 1,03,727 बूथ लेवल एजेंट भी नियुक्त किए गए। अतः महाराष्ट्र की मतदाता सूची के विरूद्ध लगाए गए ये निराधार आरोप विधि के शासन का अपमान है। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को दिनाँक 24 दिसंबर 2024 को ही भेजे अपने उत्तर में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसे प्रकरण बार-बार उठाते समय इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।
सभी भारतीय चुनाव विधि के अनुसार आयोजित किए जाते हैं। भारत में जिस पैमाने और सटीकता के साथ चुनाव आयोजित किए जाते हैं, उसकी दुनिया भर में व्यापक प्रशंसा की जाती है। पूरे देश को ज्ञात है कि मतदाता सूची तैयार करने, मतदान और मतगणना आदि सहित प्रत्येक चुनाव प्रक्रिया सरकारी कर्मचारियों द्वारा और वह भी मतदेय स्थल से लेकर निर्वाचन क्षेत्र स्तर तक राजनीतिक दलों / अभ्यर्थियों द्वारा औपचारिक रूप से नियुक्त अधिकृत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संचालित की जाती है।
किसी भी व्यक्ति द्वारा फैलाई गई कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि उनके स्वयं के राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों के लिए भी अपयश लाती है तथा लाखों निर्वाचन कर्मचारियों का मनोबल गिराती है, जो चुनावों के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं। मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल निर्णय के बाद, इसे समझौतापूर्ण कहकर निर्वाचन आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से असंगत है।
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