Baba Siddiqui murder case: गोलियां मारने के बाद डेढ़ घंटे तक आसपास ही घूमता रहा आरोपी, स्नैप चैट पर रची थी हत्या की साजिश
हत्याकांड से पहले शिव कुमार और अन्य लोगों को 15 से 20 हजार रुपए मिले थे। फरारी के दौरान इसी रकम से खर्च चलाया। शूटर्स को हत्याकांड के बाद सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही संपर्क करने के निर्देश थे। फरारी के दौरान...
Baba Siddiqui murder case Update..
मुंबई पुलिस शिव कुमार समेत रविवार को बाबा सिद्दकी हत्या मामले में पकड़े गए पांचों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई है। STF व मुंबई स्पेशल क्राइम ब्रांच की पूछताछ में शिव कुमार ने बहुत सी बातें बताई हैं। शिव कुमार भीड़ भरे इलाके में बाबा सिद्दीकी को गोलियां मारने के बाद डेढ़ घंटे तक घटनास्थल के आसपास ही घूमता रहा, जबकि उसके दो साथी मौके पर ही पकड़े गए थे। वारदात के बाद शिव कुमार ने पिस्टल फेंककर टीशर्ट बदल ली थी। सिद्दीकी को जो छह गोलियां मारी गईं, जिनमें से तीन उनके लगी थीं और तीनों गोलियां शिव कुमार ने ही चलाई थीं। तय हुआ था कि सुपारी की रकम के भुगतान की पहली किस्त उज्जैन के महाकाल मंदिर में दी जानी थी, दूसरी किस्त का भुगतान वैष्णो देवी में होना था।
इन लोगों को यह नहीं बताया गया था कि वहां कौन मिलेगा। सिर्फ यह कहा गया था कि पहुंचकर बता देना तो वहां मौजूद व्यक्ति खुद संपर्क कर लेगा, लेकिन वारदात के बाद धर्मराज और गुरमेल के पकड़े जाने से पूरी योजना फेल हो गई। हत्याकांड से पहले शिव कुमार और अन्य लोगों को 15 से 20 हजार रुपए मिले थे। फरारी के दौरान इसी रकम से खर्च चलाया। शूटर्स को हत्याकांड के बाद सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही संपर्क करने के निर्देश थे। फरारी के दौरान शिव कुमार ने अपने हैंडलर्स और गैंग के अन्य लोगों से इंस्टाग्राम के जरिए ही संपर्क किया। स्नैप चैट पर लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की साजिश रचने के दौरान शिव कुमार से कहा था कि अगर बाबा सिद्दीकी न मिले तो उसके बेटे जीशान सिद्दीकी को ही उड़ा देना।
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इस हत्याकांड को अंजाम देने के पीछे सबसे बड़ा मकसद बॉलीवुड और मुंबई में दहशत फैलाकर बड़े पैमाने पर गुंडा टैक्स वसूली था। एसटीएफ द्वारा शिव कुमार के साथ गिरफ्तार किए गए उसके चारों साथी अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव और अखिलेंद्र प्रताप सिंह को जुलाई 2024 में मोहर्रम के दिन एक किशोरी से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। किशोरी की मां की तरफ से पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया था। बाद में चारों जमानत पर बाहर आ गए। शिव कुमार के फरारी काटने के लिए नेपाल के शमशेरगंज स्थित एक गौशाला में रुकने की व्यवस्था की थी। जानकारी के मुताबिक, शिव कुमार के नाना ने अपने एक करीबी संपर्क के जरिए यह व्यवस्था करवाई थी। STF और पुलिस को शिव कुमार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं मिला है। बहराइच के अलावा मुंबई, पुणे में उसके आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी की जा रही है।
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