SC की राज्य सरकारों को चेतावनी- प्रशासन जज नहीं बन सकता, Bulldozer Action पर पढ़ें कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने कहा कि प्रसिद्ध कवि प्रदीप ने आशियाना के महत्व का वर्णन इस तरह किया है। कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति एक घर का सपना देखता है। सवाल ये है कि क्या अधिकारियों को...
Supreme Court Order on Bulldozer Action
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने बुलडोजर एक्शन पर 95 पन्नों के फैसले को कवि प्रदीप की एक पंक्ति में ही बयां कर दिया। फैसले की शुरुआत उन्होंने अपना घर हो, अपना आंगन हो, इस ख्वाब में हर कोई जीता है, इंसान के दिल की ये चाहत है कि एक घर का सपना कभी ना छूटे से की। बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया तो इसकी शुरुआत कवि प्रदीप की पंक्तियों से की। कोर्ट ने कहा कि प्रसिद्ध कवि प्रदीप ने आशियाना के महत्व का वर्णन इस तरह किया है। कोर्ट ने कहा कि हर व्यक्ति एक घर का सपना देखता है। सवाल ये है कि क्या अधिकारियों को किसी अपराध के आरोपी को सजा देने के उपाय के रूप में उसके परिवार का घर छीनने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।
बुलडोजर एक्शन पर कोर्ट ने पूरे देश के लिए दिशानिर्देश जारी किए। कहा कि बिना कारण बताओ नोटिस दिए किसी भी संपत्ति को ध्वस्त न किया जाए। इसके साथ ही प्रभावितों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दें। अधिकारी जज का काम नहीं कर सकते। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्यायपालिका के रहते कोई सरकार तानाशाही न समझे। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी सिर्फ सरकार को खुश करने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई कर रहें हैं। आजाद ने कहा कि जब तक देश में न्यायपालिका है, तब तक कोई भी सरकार अपने आप को तानाशाह न समझे। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट उन अधिकारियों पर कार्यवाही कर दे, जिन्होंने सिर्फ सरकार को खुश करने के लिए बिना अपराध साबित हुए बुलडोजर की कार्रवाई की, तो भविष्य में कोई ऐसा काम नहीं करेगा।
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कोर्ट के फैसले पर बात करते हुए चंद्रशेखर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को उसकी हकीकत दिखाई है। चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का काम लोगों को सुरक्षा देना होता है, लेकिन यहां सीएम ‘बंटेंगे-कटेंगे’ जैसे नारों से लोगों को डराने का काम कर रहे हैं। प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे छात्रों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की युवा विरोधी सरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर फैसला देते हुए कहा कि अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं है। जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की पीठ ने राज्य सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन जज नहीं बन सकता। अपराधी को सजा देने का काम कोर्ट का है, न कि पुलिस और प्रशासन का। कोर्ट ने कहा कि जब तक अदालती फैसला न आ जाए, सरकार किसी भी आरोपी या उसके परिवार को सजा नहीं दे सकती।
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