हरदोई अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड का खुलासा- 05 आरोपियों को किया गिरफ्तार, जाने क्या था पूरा मामला।

Aug 2, 2024 - 13:24
Aug 2, 2024 - 18:02
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हरदोई अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा हत्याकांड का खुलासा- 05 आरोपियों को किया गिरफ्तार, जाने क्या था पूरा मामला।

हरदोई। पुलिस ने अधिवक्ता कनिष्क मेहरोत्रा की हत्या का किया खुलासा, अधिवक्ता हत्याकांड में चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने देर रात मुठभेड़ में एक बदमाश को गिरफ्तार किया है। 30 जुलाई को शहर के पॉश इलाके में घर में घुसकर प्रॉपर्टी के विवाद में अधिवक्ता की हत्या की गई थी। घटना के बाद से ही पूरे प्रदेश में अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें पुलिस ने अबतक 05 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि तीन बदमाश फरार है। इन बदमाशों को चार लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। इसके बाद से यह मामला पूरे देश में चर्चा में बना हुआ था। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में इस मामले के बारे में बताया। कहा कि इस घटना में समाजवादी पार्टी का पूर्व जिलाध्यक्ष वीरे सिंह उर्फ वीरेंद्र यादव शामिल है। जिस पर पहले से 20 मुकदमे दर्ज है। 

खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि 30 जुलाई को हुए इस वीभत्स हत्याकांड के बाद पुलिस की 7 टीमें तैयार की गई थीं। इस संबंध में मृतक के भाई हर्ष मेहरोत्रा के द्वारा कोतवाली शहर पर मु0अ0सं0 486/24 धारा 61 (2)/103(1) बीएनएस बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया था। उच्च अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया गया एवं घटना के खुलासे के लिए पुलिस टीमें गठित कर लगायी गईं। पुलिस टीमों द्वारा सीसीटीवी फुटेज/सीडीआर व अन्य साक्ष्य संकलित कर अभियुक्तों को चिन्हित किया गया।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि घटना की पृष्ठभूमि वर्ष 2011 से बन रही थी। आदित्य भान सिंह पुत्र राजवर्धन सिंह निवासी सराय थोक पश्चिमी, वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे यादव निवासी ग्राम बरगदापुर थाना अरवल, शिखर गुप्ता निवासी धर्मशाला रोड व नृपेन्द्र त्रिपाठी निवासी रामनगर कालोनी ने मिलकर मृतक कनिष्क महरोत्रा के किराए के मकान को खाली कराने के क्रम में इस घटना को अंजाम दिया। बताया, इसके लिए आदित्य भान सिंह और वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे यादव से रामू महावत मिला था। रामू महावत इससे पूर्व सभी के साथ डेरी का काम कर चुका था। आदित्य भान सिंह, वीरे यादव, शिखर गुप्ता, नृपेन्द्र त्रिपाठी ने मिलकर रामू महावत के साथ कुल 04 लाख रूपये की डील की थी।

रामू महावत ने रामसेवक उर्फ लल्ला निवासी जोगीपुर मजरा तत्यौरा, राजवीर ग्राम जोगीपुर व नीरज निवासी झरोड्या थाना कोतवाली शहर से सम्पर्क कर घटना को अंजाम देने के लिये तैयार किया। बताया, आदित्य, वीरे, शिखर व नृपेन्द्र बीच बीच मे घटना को अंजाम देने के लिये आपस मे मिलते भी थे। इन चारो की अधिकतर मीटिंग रफी अहमद चौराहे के आस पास ही होती थी। घटना को अंजाम देने के लिये एडवान्स पेमेन्ट लगभग दो माह पूर्व कुल 01 लाख 40 हजार रूपये दिया गया था। जिसमे से 50 हजार रूपये नृपेन्द्र ने 50 हजार रूपये वीरे ने व 40 हजार रूपये आदित्य ने दिये थे। शिखर ने काम होने के बाद अपना हिस्सा देने की बात कही थी। आदित्य ने पल्सर मोटर साईकिल को उपलब्ध कराया था।

घटना वाले दिन रामसेवक उर्फ लल्ला, राजवीर और नीरज जोगीपुर में इकट्ठा हुये थे। रामसेवक उर्फ लल्ला ने उस दिन आदित्य को फोन किया था कि हम लोग आज काम करने जा रहे हैं। रामसेवक उर्फ लल्ला, राजवीर और नीरज दिन में कई बार शराब के ठेकों पर गये और शराब पी। इसके बाद दिन में मोटर साईकिल पंक्चर होने पर सिनेमा रोड पर पन्चर बनवाया फिर सरकुलर रोड गये जहाँ शराब पी। इसके बाद फिर नुमाइश चौराहा गये और शराब खरीदी व पी। इसके बाद ये लोग घटना को अंजाम देने के लिये चल दिये। मृतक के घर के पास पहुँच कर लल्ला और नीरज घर पर गये तथा पल्सर गाड़ी पर राजवीर बाहर खड़ा रहा। घर के अन्दर जाकर मुंशी से कार्य के लिये बताकर वकील साहब को बुलाया और फाइल देने के बहाने कमरे मे जाकर लल्ला ने कनपटी पर गोली मार दी। इसके बाद तीनों मोटर साईकिल से लखनऊ चुंगी से बिलग्राम चुंगी से सांडी चुंगी से दाहिने कट लेकर पुलिया वाला रोड पकड़ कर बावन रोड से जोगीपुर गांव गये।

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घटना के बाद लल्ला ने उसी मोबाइल नम्बर से आदित्य को फोन किया कि काम हो गया है। नीरज ने अपनी पहचान छिपाने के लिये उसी दिन शाहजहाँपुर रोड स्थित एक नाई की दुकान पर अपने बाल कटवा लिये। जनपद में अपराध की रोकथाम व वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु चलाये जा रहे अभियान के क्रम में थाना कोतवाली शहर/स्वाट/एसओजी व सर्विलांस टीम द्वारा उपरोक्त अभियोग में प्रकाश में आये अभियुक्त नीरज निवासी ग्राम झरोईया को कल 1 अगस्त को पुलिस मुठभेड़ में घायल अवस्था में गिरफ्तार किया। प्रकाश में आये अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी थे।

इस क्रम में आज पुलिस टीमों द्वारा मुखबिर की सूचना पर अभियोग में प्रकाश में आये वांछित अभियुक्त आदित्य भान सिंह उर्फ लालू सिंह, वीरेन्द्र सिंह उर्फ वीरे यादव, शिखर गुप्ता व नृपेन्द्र त्रिपाठी को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों द्वारा मकान खाली कराने के विवाद को लेकर आपराधिक षडयंत्र करके घटना की गयी थी। बताया, शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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