Gorakhpur : प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट गोरखपुर में स्थापित, सीएम योगी ने किया लोकार्पण

गोरखपुर में वाहनों के लिए सीएनजी और घरों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस सप्लाई की पहल करने वाले टोरेंट समूह ने स्वच्छ ऊर्जा में योगदान देने वाले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की

Aug 17, 2025 - 22:58
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Gorakhpur : प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट गोरखपुर में स्थापित, सीएम योगी ने किया लोकार्पण
प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट गोरखपुर में स्थापित, सीएम योगी ने किया लोकार्पण

सार-

  • यूपी में गोरखपुर से शुरू हुआ ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, 500 टन कार्बन उत्सर्जन की बचत
  • सीएनजी और पीएनजी में 2 प्रतिशत मिलाया जाएगा ग्रीन हाइड्रोजन को
  • ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 से मिले प्रोत्साहन से आगे बढ़ा टोरेंट का सफर

गोरखपुर : ग्रीन एनर्जी-क्लीन एनर्जी की दिशा में योगी सरकार की प्रतिबद्धता को रविवार को एक नया आयाम मिला। ग्रीन हाइड्रोजन नीति 2024 से मिले प्रोत्साहन से प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट गोरखपुर में टोरेंट समूह द्वारा स्थापित किया गया है। इस प्लांट का लोकार्पण रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।गोरखपुर में वाहनों के लिए सीएनजी और घरों के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस सप्लाई की पहल करने वाले टोरेंट समूह ने स्वच्छ ऊर्जा में योगदान देने वाले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की स्थापना की है।टोरेंट समूह के निदेशक जिनल मेहता के मुताबिक टोरेंट गैस और टोरेंट पॉवर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 72 टन प्रतिवर्ष की है।उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की प्रेरणा और योगी सरकार से मिले प्रोत्साहन से स्थापित यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट इस राज्य के लिए पहला और पूरे देश में अब तक का दूसरा है।यह एक तरफ का पायलट प्रोजेक्ट भी है। इस प्रोजेक्ट के तहत सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में प्राकृतिक गैस के साथ 2 प्रतिशत ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण किया जाएगा।प्लांट के उद्घाटन के साथ ग्रीन हाइड्रोजन आमजन के जीवन का हिस्सा बन गया है क्योंकि यह सीधे रसोई घरों और वाहनों तक पहुंचेगा।गोरखपुर के प्लांट में ग्रीन हाइड्रोजन 2 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा से विद्युत अपघटन द्वारा उत्पादित किया जाएगा। प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन का अपमिश्रण आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने तथा स्वच्छ सतत ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करने में सहायक होगा।जिनल मेहता के अनुसार ग्रीन हाइड्रोजन सौर, पवन या जल विद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा उत्पादित हाइड्रोजन है। इसे प्राकृतिक गैस के साथ मिलाने से कार्बन फुटप्रिंट कम होता है, पहले से स्थापित प्राकृतिक गैस संरचना का उपयोग होता है और हाइड्रोजन की शुरुआती मांग बढ़ाने में मदद मिलती है।उल्लेखनीय है कि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक विशिष्ट नीति भी बनाई है। इस नीति के अंतर्गत वर्ष 2028 तक 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन लक्षित किया गया है।

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