अयोध्या में उधैला झील बनेगी इको-टूरिज्म का प्रमुख केंद्र, 3.81 करोड़ रूपये की धनराशि से सौंदर्यीकरण कराया जाएगा- जयवीर सिंह
Lucknow News: उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने अयोध्या को इको-पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक नई....

Lucknow News: उत्तर प्रदेश इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने अयोध्या को इको-पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक नई पहल की है। इस पहल के तहत मिल्कीपुर स्थित उधैला झील को लगभग 3.81 करोड़ रुपए की लागत से एक आकर्षक इको-टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह झील खास तौर पर सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की बहुलता के लिए विख्यात है। यह स्थान पक्षी प्रेमियों, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद खास है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अयोध्या शहर से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थल भगवान श्रीराम के मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श प्राकृतिक गंतव्य के रूप में उभर रहा है। पर्यटन विभाग का मानना है कि धार्मिक यात्रा के साथ-साथ पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर भी मिलेगा। उधैला झील में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड द्वारा यहां पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इनमें मुख्य प्रवेश द्वार, कैफेटेरिया, टिकट काउंटर, वॉकवे, दो विश्राम स्थल, गजेबो हट, शौचालय, बच्चों के खेलने का क्षेत्र और एक वॉच टावर आदि शामिल हैं। पर्यटकों को झील और उसके आस-पास आने वाले रंग-बिरंगे पक्षियों का विहंगम दृश्य भी देखने को मिलेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और सतत पर्यटन (सस्टेनेबल टूरिज्म) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से झील के बीचों-बीच एक विशेष मिट्टी का टीला तैयार किया जा रहा है। यह टीला विशेष रूप से पक्षियों के लिए सुरक्षित प्रजनन स्थल के रूप में कार्य करेगा। परियोजना के तहत न केवल पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना है, बल्कि स्थानीय जैव विविधता और पक्षियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह प्रयास पर्यटन और संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश ईको पर्यटन का हब बनता जा रहा है। प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या इको पर्यटन के रूप में भी पर्यटकों को आकर्षित करेगी। हमारा उद्देश्य सिर्फ पर्यटकों को आकर्षित करना नहीं, बल्कि उन्हें प्रकृति से गहराई से जुड़ने का अवसर प्रदान करना है। उधैला झील जैव विविधता, सौंदर्य और नई सुविधाओं के साथ शीघ्र ही प्रदेश के सबसे अधिक संभावना वाले इको-पर्यटन स्थलों में से एक बनकर उभरेगी। उन्होंने बताया कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालु एवं पर्यटक उधैला झील की ओर भी रूक करेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर के साथ ही आमदनी का जरिया बनेगी।
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