Hardoi News: ऋष्यमूक पर्वत से राम-सुग्रीव मैत्री तक: हनुमान जन्म, भक्तिभाव, और जीवन मूल्यों से जुड़ी श्रीराम कथा के भावपूर्ण प्रसंगों ने श्रोताओं को किया भावविभोर। 

श्रीराम कथा के 11वें दिन श्रद्धालुओं ने मानस के अनुपम प्रसंगों का रसास्वादन किया। कथा व्यास शिवानंद भाई जी महाराज (वृंदावन धाम) ने भावपूर्ण ...

Jul 2, 2025 - 20:18
Jul 2, 2025 - 20:19
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Hardoi News: ऋष्यमूक पर्वत से राम-सुग्रीव मैत्री तक: हनुमान जन्म, भक्तिभाव, और जीवन मूल्यों से जुड़ी श्रीराम कथा के भावपूर्ण प्रसंगों ने श्रोताओं को किया भावविभोर। 

हरदोई। श्रीराम कथा के 11वें दिन श्रद्धालुओं ने मानस के अनुपम प्रसंगों का रसास्वादन किया। कथा व्यास शिवानंद भाई जी महाराज (वृंदावन धाम) ने भावपूर्ण शैली में ऋष्यमूक पर्वत पर राम-सुग्रीव मिलन, हनुमान जन्म, बाली-सुग्रीव संवाद, रामेश्वरम की स्थापना और रामराज्याभिषेक जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया।

कथा की शुरुआत आपकी आर्त पुकार, करुण पुकार, दीन दयाल कौशल्या नन्दन प्रकट हो जाते हैं जैसे भावों से हुई, जहाँ भगवान श्रीराम के करुणामय रूप का स्मरण कराया गया। कथा में बताया गया कि ऋष्यमूक पर्वत केवल एक स्थल नहीं, बल्कि सत्संग का प्रतीक है। जहाँ काम नहीं, केवल राम आते हैं। यही वह स्थल था जहाँ श्रीराम और सुग्रीव की ऐतिहासिक मित्रता हुई।

इस अवसर पर हनुमान जी के जन्म की कथा भी सुनाई गई। पुंजिका नामक अप्सरा ने रूप के घमंड के कारण श्राप पाया और धरती पर अंजना बनकर जन्मी। उनके तप से वायुदेव के आशीर्वाद से हनुमान जी का जन्म हुआ। कथा व्यास ने बताया कि रूप का घमंड नहीं होना चाहिए, क्योंकि ईश्वर भाव से रीझते हैं, बाह्य आडंबर से नहीं।

उन्होंने बताया कि शिव आशुतोष हैं, शीघ्र प्रसन्न होते हैं। सदगुरु यदि समर्थ हो तो वह धर्म की पीठ पर बैठाकर ही जीव को भवसागर से पार कर देता है। साथ ही यह भी कहा कि सलाहकार को चटोर नहीं, कड़क होना चाहिए, जिससे राजा को कटु सत्य भी स्वीकार हो।

"सचिव, वैद्य, गुरु, तीनि जो प्रिय बोलहिं भय आश" – इस दोहे के माध्यम से उन्होंने आज के समाज में धैर्य की कमी, पति-पत्नी, पिता-पुत्र के रिश्तों की असहिष्णुता और गुरुजनों के महत्व को समझाया।

डॉक्टरों के नेता परशुराम नहीं, ब्राह्मणों के असली आदर्श कार्तिकेय बताए गए। कथा में “हरे रामा रिमझिम बरसे पनिया, झूले राधा रनिया रे हरी” जैसे भजन भावों को और गहरा करते रहे।

कथा के समापन पर रावण वध, रामेश्वरम में शिवलिंग स्थापना और अयोध्या में राम का राजतिलक हुआ। सुबह हवन की पूर्णाहुति के साथ पूरे वातावरण में श्रद्धा और भक्तिभाव की गंगा बहती रही। श्रद्धालुओं ने भावविभोर होकर “जय श्रीराम” और “बोलो बजरंगबली  के साथ कथा को सराहा। 11 दिवसीय कथा के विश्राम दिवस की इस बेला में  अयोध्या से परम पूज्य संत राजू दास भी रहे। 

प्रातः हवन की पूर्णाहुति में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती पीके वर्मा के द्वारा संपन्न हुई। आज विश्राम दिवस  की आरती में श्री राम परिवार मित्र मंडली हरदोई  से आशीष गुप्ता,  राघवेंद्र शर्मा , अपूर्व माहेश्वरी , मनोज मिश्रा, सौरभ सिंह, हिमांशु गुप्ता,  हिमांशु गुप्ता पेशकार भगवान शरण गुप्ता एवं कुबेर लाल जन सेवा संस्थान की संस्थापिका निरमा देवी,त्रिपुरेश मिश्रा ब्लॉक प्रमुख, अविनाश गुप्ता, शशांक सिंह, आदि लोग मौजूद रहे। 

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