पिछले दस वर्षों में काशी ने अपने रूप और पहचान में अद्भुत बदलाव को देखा : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने काशी के विकास की सराहना करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में काशी ने अपने रूप और पहचान में अद्भुत बदलाव को देखा है। पहले जहां गंगा के जल को स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था...
मुख्यांश-
- स्नान के लिए 'असुरक्षित' गंगाजल पीएम के प्रयासों से आचमन योग्य बना : योगी आदित्यनाथ
- वाराणसी में नमो घाट के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
- मुख्यमंत्री ने देव दीपावली, गुरु नानक जी के प्रकाश पर्व और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती की दी शुभकामनाएं
- बोले मुख्यमंत्री, देश का सबसे सुंदर और सबसे बड़ा घाट है 'नमो', काशीवासी इसे 'नरेन्द्र मोदी घाट' कहते हैं
- काशी को विकास और विरासत के संगम के रूप में मिली है एक नई वैश्विक पहचान : मुख्यमंत्री
- पहले विश्वनाथ धाम में 50 श्रद्धालु भी दर्शन नहीं कर पाते थे, आज 50 हजार लोग आसानी से कर सकते हैं दर्शन : योगी
- बनारस वालों ने अपनी आंखों से बदलती हुई काशी का किया है साक्षात्कार : योगी आदित्यनाथ
Varanasi News INA.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नमो घाट के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे देव दीपावली के इस अद्वितीय पर्व के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने गुरुनानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस की सभी को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने काशी के विकास की सराहना करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में काशी ने अपने रूप और पहचान में अद्भुत बदलाव को देखा है। पहले जहां गंगा के जल को स्नान के लिए भी असुरक्षित माना जाता था, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नमामी गंगे परियोजना के तहत किए गए प्रयासों के कारण जल आचमन के योग्य हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसे 'नमो घाट' के रूप में जाना जाता है, उसे काशी की जनता 'नरेन्द्र मोदी घाट' कहकर प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपना आभार प्रकट करती है। इस दौरान उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बतौर मुख्य अतिथि समारोह में मौजूद रहे।
देश का सबसे लंबा और खूबसूरत घाट है 'नमो घाट'
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से काशी की पहचान अब उसके स्वच्छ और सुंदर घाटों, विश्वनाथ धाम, चौड़ी फोर लेन और सिक्स लेन सड़कों, उत्कृष्ट ट्रेन कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी तमाम परियोजनाओं से होती है। उन्होंने विशेष रूप से नमो घाट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल एक घाट नहीं है बल्कि एक अद्वितीय स्थल है।
पहले यह क्षेत्र गंदगी और अंधेरे में डूबा रहता था, जहां लोग आने से डरते थे, लेकिन अब यह सबसे सुंदर और लंबा घाट बन चुका है। यहां जी 20 शिखर सम्मेलन और काशी तमिल संगमम जैसे भव्य कार्यक्रम भी आयोजित हुए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पांच साल पहले काशी विश्वनाथ धाम में मात्र 50 श्रद्धालु मुश्किल से दर्शन कर पाते थे, जबकि आज 50 हजार से अधिक श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकते हैं। विशेष अवसरों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। काशी के विकास और विरासत को विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिली है।
काशी को विकास और विरासत के संगम के रूप में एक नई वैश्विक पहचान मिली है
मुख्यमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में काशी के बदलते स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि काशीवासियों ने नये भारत के साथ काशी के नये कलेवर का अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि काशी को विकास और विरासत के संगम के रूप में एक नई वैश्विक पहचान मिली है, जिसका काशीवासियों ने अपनी आंखों से साक्षात्कार किया है। यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नई गति मिली है और अनेक कार्य संपन्न हुए हैं।
उन्होंने कहा कि देश का पहला वाटर वे जो हल्दिया तक जाता है, यहीं से शुरू होता है। सीएम योगी ने बताया कि काशी में 700 से अधिक नावें सीएनजी इंधन से संचालित होती हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है।
उन्होंने कहा कि नमो घाट के उद्घाटन ने देव दीपावली के आनंद को कई गुना बढ़ा दिया है। देव दीपावली को देवताओं की दीपावली बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह पर्व अब वैश्विक मंच पर विशेष पहचान बना चुका है। अपने संबोधन के अंत में उन्होंने बाबा विश्वनाथ से कामना की कि देव दीपावली का पर्व सभी के जीवन में उल्लास और आनंद लेकर लाए।
इस अवसर पर उप राष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजियन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, सौरभ श्रीवास्तव, महापौर अशोक तिवारी, एमएलसी धर्मेन्द्र राय, हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, सुनील पटेल समेत अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
शंखों के नाद और डमरुओं की गड़गड़ाहट के बीच लोकार्पित हुआ नमो घाट
वाराणसी में कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर आयोजित देव दीपावली के अवसर पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भव्य नमो घाट का लोकार्पण किया। काशी की जनता द्वारा हर हर महादेव का जयघोष और डमरू वादन और शंखनाद के बीच शिलापट्ट का अनावरण कर नमो घाट को लोकार्पित किया गया।
सीएम योगी ने उप राष्ट्रपति का काशी में किया स्वागत एवं अभिनंदन
इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप राष्ट्रपति को अंगवस्त्र पहनाकर और नमो घाट पर स्थापित नमो मुद्रा को स्मृति चिह्न के रूप में भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया। वहीं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उप राष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ का स्वागत विघ्न विनाशक गणेश जी की प्रतिमा भेंटकर किया। विधायक कैंट सौरभ श्रीवास्तव ने राज्यपाल का स्वागत किया, वहीं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टांप एवं पंजीयन रविंद्र जायसवाल ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का अभिनंदन किया। विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत एवं अभिनंदन किया।
पांच-पांच दीप जलाकर देव दीपावली महोत्सव का हुआ शुभारंभ
नमो घाट पर स्थित नमो मुद्रा के समीप पांच-पांच दीप प्रज्ज्वलित कर सभी गणमान्य अतिथियों ने काशी में देव दीपावली महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया। वहीं समारोह की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई, जिसमें ओडिशा के कलाकारों के ग्रुप ने 'नमो नमो' गीत पर नृत्य किया। इसके बाद, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया के कलाकारों ने कुचीपुड़ी डांस फॉर्म में 'कॉस्मिक शिवा' थीम पर प्रस्तुति दी, जिससे उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए
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