ज्ञानवापी केस: सुनवाई के दौरान कोर्ट में बंदर टेबल पर बैठा रहा, लोगों ने कहा, बजरंग बली खुद आये हैं

यह बंदर पूरे समय तक कभी सीजेएम कोर्ट में टेबल पर तो कभी जिला जज के कोर्ट परिसर में घूमता रहा। इस बंदर ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और सुनवाई पूरी होने के बाद अपने आप वहां से चला गया। जिसने भी इस बंदर को देखा...

Jan 6, 2025 - 00:29
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ज्ञानवापी केस: सुनवाई के दौरान कोर्ट में बंदर टेबल पर बैठा रहा, लोगों ने कहा, बजरंग बली खुद आये हैं

By INA News Varanasi.

A Monkey entered in Court Room During the Gyanvyapi case hearing.

वाराणसी(Varanasi) की जिला अदालत में शनिवार को ज्ञानवापी केस(Gyanvapi case) की सुनवाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि 39 साल पुराना राममंदिर से जुड़ा घटनाक्रम याद आ गया। यह घटनाक्रम ही ऐसा था कि लोगों के बीच ज्ञानवापी केस(Gyanvapi case) की कम इस घटनाक्रम की चर्चा ज्यादा होने लगी। दरअसल इस सुनवाई में एक बंदर भी पहुंच गया था।

यह बंदर पूरे समय तक कभी सीजेएम कोर्ट में टेबल पर तो कभी जिला जज के कोर्ट परिसर में घूमता रहा। इस बंदर ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया और सुनवाई पूरी होने के बाद अपने आप वहां से चला गया। जिसने भी इस बंदर को देखा, हैरान रह गया। वाराणसी(Varanasi) के जिला अदालत में जहां एक तरफ 4 जनवरी के दिन काशी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई। वहीं इसी दिन वाराणसी(Varanasi) जिला अदालत के कोर्ट रूम से लेकर अधिवक्ताओं की चौकी तक एक बंदर के उछल कूद मचाने की खबर भी खूब सुर्खियों में रहीं। इसी बीच हिंदू पक्ष की तरफ से बड़ा दावा किया गया है।वादी अधिवक्ता का कहना है कि लंबे समय से ज्ञानवापी मामले की सुनवाई काफी धीरे हो रही थी। इसलिए यह भी संभावना जताई जा सकती है कि खुद महादेव ने हनुमान जी को यह संदेश देने के लिए भेजा हो कि ज्ञानवापी मामले की जल्दी सुनवाई हो। कई लोगों ने इस बंदर की हरकत को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में भी कैद किया। वहीं इस घटनाक्रम को देखने के बाद हिन्दू पक्ष के वकील उत्साह से भर गए। कहा कि अयोध्या की तरह अब काशी में भी विजय पताका फहराएगा। बता दें कि शनिवार को ज्ञानवापी केस(Gyanvapi case) की जिला जज की कोर्ट में सुनवाई थी। शैलेन्द्र पाठक और लक्ष्मी देवी के फास्ट ट्रैक कोर्ट से ट्रांसफर होकर यह मामला जिला जज की कोर्ट में पहुंचा है। इस मामले में हिन्दू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने जिला जज संजीव पाण्डेय की अदालत में लिखित प्रार्थनापत्र दिया।

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4 जनवरी के दिन ज्ञानवापी मामले की सुनवाई और कोर्ट रूम में बंदर के पहुंचने की बात को लेकर एबीपी न्यूज ने ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी से बातचीत की। इस पर अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने का कहना है कि इसको आप संयोग नहीं कह सकते हैं। जिस गति से ज्ञानवापी का मुकदमा चलना चाहिए था उस गति से नहीं चली बल्कि काफी सुस्त हो रही है।अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के दिन ही एक बंदर कोर्ट रूम में आता है, निश्चित ही इसके पीछे कुछ संदेश छुपा होगा।राम मंदिर(Ram Mandir) मामले से जुड़े विषय में बंदर की एंट्री चर्चा के केंद्र में रही है। इसलिए इसे ऐसे समझा जा सकता है कि यह एक संकेत हो, जिसमें ज्ञानवापी मामले की जल्दी से जल्दी सुनवाई करने का संदेश छुपा हो। ज्ञानवापी से जुड़े कई मामलों की सुनवाई अच्छी गति से नहीं हुई। इसलिए हो सकता है कि बजरंगबली संदेश देने के लिए कोर्ट रूम में पहुंचे होंगे। फिलहाल इन दोनों मामले में अब अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी। मामले की सुनवाई चल ही रही थी कि कोर्ट परिसर में एक बंदर की चर्चा होने लगी।

यह बंदर कभी जिला जज की अदालत परिसर में तो कभी सीजेएम कोर्ट के अंदर टेबल पर जाकर बैठ जा रहा था। इस दौरान कोर्ट रूम के कर्मचारी फाइलें देखते रहे, लेकिन इस बंदर ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद बंदर उठकर वहां से चला गया। हिन्दू पक्ष के वकीलों ने बंदर की इस हरकत को अयोध्या के राममंदिर की सुनवाई से जोड़ कर बताया। कहा कि वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक ठीक ऐसी ही घटना अयोध्या में हुई तो राम मंदिर(Ram Mandir) का रास्ता क्लियर हुआ।

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