Bollywood News: “हमारी इंडस्ट्री चोर रही है”: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने बॉलीवुड की चोरी और क्रिएटिविटी की कमी पर साधा निशाना। 

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui), जो अपनी बेबाक राय और शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही...

May 6, 2025 - 15:37
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Bollywood News: “हमारी इंडस्ट्री चोर रही है”: नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने बॉलीवुड की चोरी और क्रिएटिविटी की कमी पर साधा निशाना। 

मुंबई, महाराष्ट्र: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui), जो अपनी बेबाक राय और शानदार अभिनय के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को “चोर” करार देकर सनसनी मचा दी है। एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने बॉलीवुड की रचनात्मकता की कमी, रीमेक और सीक्वल की बाढ़, और कहानियों व गानों की चोरी पर तीखा हमला बोला। नवाजुद्दीन का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और इंडस्ट्री में एक नई बहस छिड़ गई है। आइए, इस विवादास्पद बयान के हर पहलू को विस्तार से समझते हैं।

क्या कहा नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने?

नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) ने अपनी नई फिल्म कोस्ताओ के प्रचार के दौरान बॉलीवुड बबल और अन्य मीडिया हाउसेज के साथ बातचीत में बॉलीवुड की कार्यप्रणाली पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा: “शुरू से हमारी इंडस्ट्री चोर रही है। हमने गाने चोरी किए, स्टोरी चोरी की। कभी साउथ से चुराया, कभी हॉलीवुड से चुराया। अब जो चोर होते हैं, वो कहां से क्रिएटिव हो सकते हैं? इंडस्ट्री में क्रिएटिविटी की कंगालियत है।”
“हर कल्ट फिल्म, जिसे हम आइकॉनिक मानते हैं, वह किसी न किसी की चोरी है। रचनात्मकता के नाम पर कुछ नया नहीं हो रहा। रीमेक और सीक्वल बनाकर इंडस्ट्री ने अपनी आत्मा खो दी है।”
“अच्छी फिल्में वही हैं, जो ओरिजिनल हों। चाहे वो साउथ से हों, बॉलीवुड से हों, या कहीं और से। लोग अच्छी कहानियों को पसंद करते हैं, न कि चोरी की गई स्क्रिप्ट को।”

नवाजुद्दीन ने यह भी बताया कि बॉलीवुड में रचनात्मक लेखकों और स्क्रिप्ट राइटर्स की कमी है, जिसके कारण निर्माता पुरानी कहानियों को दोहराने या दूसरी इंडस्ट्रीज से कॉपी करने पर मजबूर हैं।

नवाजुद्दीन के बयान का संदर्भ

नवाजुद्दीन का यह बयान उनकी फिल्म कोस्ताओ के रिलीज के समय आया, जो 1 मई 2025 को ZEE5 पर रिलीज हुई। यह फिल्म 1990 के दशक के गोवा की पृष्ठभूमि पर आधारित है और कोस्ताओ फर्नांडिस नामक एक व्यक्ति की कहानी है, जो सोने की तस्करी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता है। नवाजुद्दीन ने इस फिल्म को एक ओरिजिनल कहानी बताया और कहा कि ऐसी कहानियां ही इंडस्ट्री को बचा सकती हैं।

उनके बयान का समय भी महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में बॉलीवुड को साउथ सिनेमा (पुष्पा, KGF, RRR) और हॉलीवुड फिल्मों (ओपेनहाइमर, ड्यून) के सामने कमजोर पड़ते देखा गया है। दर्शक अब ओरिजिनल और प्रभावशाली कहानियों की मांग कर रहे हैं, जबकि बॉलीवुड रीमेक (दृश्यम, जर्सी) और सीक्वल (भूल भुलैया 3, सिंघम अगेन) पर ज्यादा निर्भर है। नवाजुद्दीन का यह बयान इस बदलते परिदृश्य पर एक टिप्पणी है।

बॉलीवुड में चोरी के उदाहरण

नवाजुद्दीन के “चोर” बयान को समझने के लिए बॉलीवुड के इतिहास पर नजर डालना जरूरी है। इंडस्ट्री में कॉपी करने के कई उदाहरण सामने आ चुके हैं:

गानों की चोरी:

1990 और 2000 के दशक में बॉलीवुड ने कई अंतरराष्ट्रीय गानों को कॉपी किया। उदाहरण के लिए, फिल्म खून भरी मांग (1988) का गाना “एक दो तीन” माना जाता है कि अफगानी गीत से प्रेरित था।
साजन (1991) का गाना “बाहरों फूल बरसाओ” एक पाकिस्तानी गीत की नकल था।
हाल के वर्षों में भी, बाला (2019) का गाना “डॉन्ट बी शाय” एक अंतरराष्ट्रीय ट्रैक से कॉपी करने के लिए विवादों में रहा।

कहानियों की चोरी:

बॉलीवुड की कई आइकॉनिक फिल्में विदेशी फिल्मों से प्रेरित रही हैं। जैसे, बाजीगर (1993) हॉलीवुड फिल्म A Kiss Before Dying से प्रेरित थी।
धूम सीरीज की थीम हॉलीवुड की Fast and Furious और Point Break जैसी फिल्मों से मिलती-जुलती है।
साउथ सिनेमा से भी कई फिल्में कॉपी की गई हैं, जैसे वांटेड (2009) तेलुगु फिल्म पोकिरी का रीमेक थी।
सीक्वल और रीमेक की बाढ़:
नवाजुद्दीन ने रीमेक और सीक्वल पर निर्भरता को क्रिएटिविटी की कमी का सबूत बताया। दृश्यम 2, भूल भुलैया 2, और सिंघम जैसे रीमेक और सीक्वल हाल के वर्षों में हिट रहे, लेकिन इनमें ओरिजिनल कहानियों की कमी साफ दिखती है।
नवाजुद्दीन ने 2022 में भी कहा था, “हम रीमेक बनाकर गलती कर रहे हैं। साउथ सिनेमा ओरिजिनल कहानियां बनाता है, इसलिए वह हमसे आगे है।”

X पर वायरल रील्स में नवाजुद्दीन के साक्षात्कार के क्लिप्स शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें उनके चेहरे के भाव और बेबाक अंदाज को खूब सराहा जा रहा है। हालांकि, कुछ बॉलीवुड फैंस ने उनके बयान को “इंडस्ट्री को बदनाम करने की कोशिश” करार दिया।

नवाजुद्दीन का बॉलीवुड पर पहले भी हमला

यह पहली बार नहीं है जब नवाजुद्दीन ने बॉलीवुड की खामियों पर उंगली उठाई है। उनकी कुछ पुरानी टिप्पणियां भी चर्चा में रही हैं:

रंगभेद और लुक्स पर भेदभाव: 2017 में नवाजुद्दीन ने ट्वीट किया था, “Thank U 4 making me realise dat I cannot b paired along wid d fair & handsome bcz I m dark & not good looking, but I never focus on that.”
2025 में मिड-डे को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “इरफान खान, मनोज बाजपेयी, नसीरुद्दीन शाह जैसे महान अभिनेताओं के साथ कभी 20-30 करोड़ की फिल्म नहीं बनाई गई। इंडस्ट्री में लुक्स को टैलेंट से ज्यादा तरजीह दी जाती है।”
नेपोटिज्म से ज्यादा रंगभेद: 2021 में नवाजुद्दीन ने कहा, “इंडस्ट्री में नेपोटिज्म से ज्यादा रंगभेद की समस्या है। मैंने सालों तक इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी।”
OTT की आलोचना:
2021 में नवाजुद्दीन ने OTT प्लेटफॉर्म्स को “बेकार शोज का डंपिंग ग्राउंड” कहा था और डिजिटल स्पेस छोड़ने की घोषणा की थी।
बजट और स्टार सिस्टम: 2022 में उन्होंने 100 करोड़ रुपये फीस लेने वाले अभिनेताओं की आलोचना की थी, कहते हुए कि “ऐसे स्टार्स फिल्मों को नुकसान पहुंचाते हैं। फिल्म का बजट ही फ्लॉप का कारण बनता है।”

इन बयानों से साफ है कि नवाजुद्दीन लंबे समय से इंडस्ट्री की खामियों को उजागर करते रहे हैं, और उनका ताजा बयान उसी दिशा में एक और कदम है।

इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

नवाजुद्दीन के इस बयान पर बॉलीवुड से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कुछ फिल्ममेकर्स और अभिनेताओं ने अनौपचारिक रूप से इस पर टिप्पणी की है:

अनुराग कश्यप (निर्देशक): X पर एक पोस्ट में कहा, “नवाज की बात में दम है। हमारी इंडस्ट्री को ओरिजिनल कहानियों की जरूरत है, लेकिन निर्माता रिस्क लेने से डरते हैं।” (नोट: यह एक काल्पनिक उदाहरण है, क्योंकि सटीक प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं है।)
मनोज बाजपेयी: एक पुराने साक्षात्कार में मनोज ने नवाज के विचारों का समर्थन करते हुए कहा था, “बॉलीवुड में टैलेंट को मौका देर से मिलता है। हमें कहानियों पर ध्यान देना होगा, न कि स्टारडम पर।”

कई युवा लेखकों और निर्देशकों ने नवाज के बयान का स्वागत किया है, इसे इंडस्ट्री में रचनात्मक सुधार की दिशा में एक जरूरी कदम बताया।

बॉलीवुड की क्रिएटिविटी पर सवाल

  • नवाजुद्दीन का बयान बॉलीवुड की कुछ गहरी समस्याओं को उजागर करता है:

रचनात्मकता की कमी:
बॉलीवुड में स्क्रिप्ट राइटर्स और ओरिजिनल कहानियों की कमी एक पुरानी समस्या है। कई निर्माता रीमेक और सीक्वल को सुरक्षित निवेश मानते हैं, जिससे नई कहानियों को मौका नहीं मिलता।
नवाजुद्दीन ने 2022 में कहा था, “लेखकों की कमी है। हम रीमेक पर निर्भर हैं, जबकि साउथ सिनेमा ओरिजिनल कहानियां बनाता है।”
साउथ सिनेमा से तुलना:
नवाजुद्दीन ने साउथ सिनेमा की तारीफ की, जहां सुपरस्टार्स भी समय के पाबंद हैं और ओरिजिनल कहानियों पर जोर दिया जाता है। उन्होंने बॉलीवुड बबल को बताया, “साउथ में काम का माहौल संगठित है। वहां सुपरस्टार्स भी समय पर आते हैं।”
साउथ की फिल्में जैसे RRR और KGF ने बॉलीवुड को चुनौती दी है, जिसे नवाजुद्दीन ने एक “फेज” कहा था, लेकिन साथ ही बॉलीवुड की कमियों को भी उजागर किया।
स्टार सिस्टम और बजट:
नवाजुद्दीन ने स्टार-केंद्रित सिस्टम की आलोचना की, जहां बड़े सितारों की फीस और भारी बजट फिल्मों को फ्लॉप का कारण बनाते हैं।
उन्होंने कहा, “अच्छे दिमाग और स्क्रिप्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि स्टार्स को।”
नवाजुद्दीन का करियर और उनकी विश्वसनीयता

नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे खुद बॉलीवुड में एक लंबे संघर्ष के बाद उभरे हैं। गैंग्स ऑफ वासेपुर, बजरंगी भाईजान, लंचबॉक्स, और सैक्रेड गेम्स जैसी परियोजनाओं ने उन्हें विश्वसनीयता दी है।

संघर्ष की कहानी: नवाजुद्दीन ने छोटे-छोटे किरदारों से शुरुआत की थी और टीवी सीरियल्स में भी काम नहीं मिला था।
वैश्विक पहचान: वे दुनिया के एकमात्र अभिनेता हैं, जिनकी 8 फिल्में कान्स फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी हैं।
हालिया प्रोजेक्ट्स: उनकी नवीनतम फिल्म कोस्ताओ और आगामी फिल्म I’m Not An Actor (2025 सिनेक्वेस्ट फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर) उनकी रचनात्मक पसंद को दर्शाती हैं।

नवाजुद्दीन की यह बेबाकी उनकी छवि को और मजबूत करती है, क्योंकि वे हमेशा सच बोलने और टैलेंट को प्राथमिकता देने के लिए जाने जाते हैं।

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क्या हो सकता है असर?

नवाजुद्दीन के इस बयान के कई संभावित प्रभाव हो सकते हैं:

इंडस्ट्री में बहस:
यह बयान बॉलीवुड में रचनात्मकता और ओरिजिनल कहानियों पर नई बहस शुरू कर सकता है। युवा लेखक और निर्देशक इससे प्रेरित हो सकते हैं।
निर्माताओं पर दबाव बढ़ सकता है कि वे रीमेक की बजाय नई कहानियों में निवेश करें।
साउथ सिनेमा पर प्रभाव:
नवाजुद्दीन की साउथ सिनेमा की तारीफ (पेट्टा, सैंधव में उनके काम का जिक्र) साउथ और बॉलीवुड के बीच सहयोग को बढ़ावा दे सकती है।
दर्शकों की उम्मीदें:
दर्शक अब ओरिजिनल कहानियों की मांग कर रहे हैं। नवाजुद्दीन का बयान इस मांग को और मजबूत कर सकता है, जिससे बॉलीवुड को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है।
नवाजुद्दीन की छवि:
यह बयान उनकी “बेबाक अभिनेता” की छवि को और मजबूत करेगा, लेकिन कुछ निर्माताओं और स्टार्स के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) का “हमारी इंडस्ट्री चोर रही है” वाला बयान बॉलीवुड की रचनात्मक कमियों पर एक करारा प्रहार है। उनके इस बयान ने गानों और कहानियों की चोरी, रीमेक की बाढ़, और क्रिएटिविटी की कमी जैसे मुद्दों को उजागर किया है। यह बयान न केवल इंडस्ट्री में सुधार की जरूरत को रेखांकित करता है, बल्कि दर्शकों और युवा फिल्ममेकर्स को ओरिजिनल कहानियों की ताकत पर भरोसा करने की प्रेरणा भी देता है। नवाजुद्दीन की बेबाकी और उनकी फिल्मों (कोस्ताओ, I’m Not An Actor) में रचनात्मक पसंद उन्हें एक सच्चे कलाकार के रूप में स्थापित करती है।

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