ठाणे में बिजली चोरी का सनसनीखेज मामला: मीटर बायपास कर साल भर मुफ्त बिजली ली, कंपनी को 4.19 लाख का नुकसान।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बिजली चोरी के एक बड़े मामले ने पुलिस और बिजली कंपनी को हिलाकर रख दिया है। मुंब्रा उपनगर के कौसा इलाके में एक युवक ने स्मार्ट मीटर को बायपास

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बिजली चोरी के एक बड़े मामले ने पुलिस और बिजली कंपनी को हिलाकर रख दिया है। मुंब्रा उपनगर के कौसा इलाके में एक युवक ने स्मार्ट मीटर को बायपास करके पिछले एक साल से मुफ्त बिजली का इस्तेमाल किया। इस चोरी से महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) को करीब 4.19 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। पुलिस ने शनिवार को शिकायत मिलने के बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। यह घटना ठाणे जिले में बिजली चोरी की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहां हाल के वर्षों में सैकड़ों ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्ट मीटरों के बावजूद चोर नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं, जिससे कंपनियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा। ठाणे पुलिस ने कहा कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और बकाया वसूली के साथ जुर्माना लगाया जाएगा।
घटना की जानकारी देते हुए एमएसईडीएल के अधिकारियों ने बताया कि कौसा इलाके में रूटीन जांच के दौरान एक घर का मीटर संदिग्ध पाया गया। वहां का स्मार्ट मीटर, जो डिजिटल तरीके से बिजली की खपत रिकॉर्ड करता है, लगभग एक साल से कोई डेटा नहीं भेज रहा था। जब तकनीशियनों ने मीटर चेक किया तो पाया कि आरोपी ने मीटर को बायपास कर दिया था। यानी बिजली की मुख्य लाइन से सीधे घर के वायरिंग को जोड़ दिया गया, जिससे मीटर से गुजरने वाली करंट ही रुक गई। इससे घर में बिजली तो आ रही थी, लेकिन बिलिंग सिस्टम में रिकॉर्ड नहीं हो रहा। आरोपी ने यह तीरिकब लगभग अक्टूबर 2024 से चला रखी थी। जांच में पता चला कि उसने करीब 1.2 लाख यूनिट बिजली चुराई, जिसकी कीमत 4.19 लाख रुपये बनती है। एमएसईडीएल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने कहा कि स्मार्ट मीटरों को बायपास करना जटिल काम है, लेकिन आरोपी ने लोकल इलेक्ट्रीशियन की मदद से ऐसा किया। कंपनी ने तुरंत ठाणे के कालवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया, जो बिजली चोरी को अपराध मानता है। इसमें सात साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है।
मुंब्रा-कौसा इलाका ठाणे का घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां ज्यादातर मध्यम वर्गीय परिवार रहते हैं। यहां बिजली की खपत ज्यादा है, लेकिन चोरी के मामले भी आम हैं। एमएसईडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, ठाणे जिले में पिछले एक साल में 66 से ज्यादा लोगों के खिलाफ 30.73 लाख रुपये की बिजली चोरी के मामले दर्ज हुए। मुंब्रा में ही 47 से 50 प्रतिशत तक बिजली लॉस होता है, यानी आधी बिजली चोरी या गैर-भुगतान से गायब हो जाती है। इस इलाके में 1.5 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं, लेकिन कई बिल नहीं भरते। 2018 से मुंब्रा-कालवा में बिजली वितरण प्राइवेट कंपनी को सौंपने की कोशिश हुई, लेकिन अभी एमएसईडीएल ही संभाल रही है। इस मामले में आरोपी की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन स्रोतों के अनुसार वह स्थानीय निवासी है और छोटा व्यापार करता है। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली और बायपास वाले वायर जब्त किए। आरोपी फरार है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज से उसकी तलाश की जा रही। पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि चोरी का नुकसान पूरे इलाके को पड़ता है, क्योंकि इससे लोड शेडिंग बढ़ जाती है।
यह पहला ऐसा मामला नहीं है। ठाणे में बिजली चोरी के सैकड़ों उदाहरण हैं। फरवरी 2025 में मुंब्रा के ही एक दुकानदार ने फ्यूज कट-आउट से दो कोर केबल से बिजली चुराई, जिससे 8.59 लाख का नुकसान हुआ। अप्रैल 2025 में 12 लोगों पर 12.21 लाख की चोरी का केस दर्ज हुआ, जो दो साल पुराना था। सितंबर 2025 में ग्रामीण ठाणे में 66 लोगों पर 30.73 लाख का मामला आया। 2021 में एक फैक्ट्री ने 24.72 लाख की चोरी की। 2017 में एक व्यापारी ने एडवांस टेक्नोलॉजी से 1.5 लाख का नुकसान किया। इन सभी मामलों में मीटर टैंपरिंग या डायरेक्ट टैपिंग का इस्तेमाल हुआ। एमएसईडीएल ने अब स्मार्ट मीटरों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि वे अब ड्रोन और एआई टूल्स से चेक कर रहे हैं। ठाणे में 132 पुलिस स्टेशन बिजली चोरी के केस दर्ज कर सकते हैं। 2023-24 में मुंबई उपनगरों में 774 एफआईआर दर्ज हुईं, जो दोगुनी हो गईं। इससे लॉस 5.47 से 4.70 प्रतिशत तक कम हुआ। लेकिन मुंब्रा जैसे इलाकों में समस्या बरकरार है।
बिजली चोरी का असर सिर्फ कंपनी पर नहीं, पूरे समाज पर पड़ता है। चोरी से राजस्व कम होता है, जिससे नई लाइनें नहीं बिछाई जा सकतीं। मुंब्रा में लोड शेडिंग आम है, क्योंकि 50 प्रतिशत बिजली चोरी हो जाती है। 2010 में यहां 11 घंटे की पावर कट हुई थी। 2012 में पालघर में चोरी से अनिश्चित कटौती हुई। विशेषज्ञ कहते हैं कि जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। एमएसईडीएल ने अब कैंप लगाए हैं, जहां लोग स्मार्ट मीटर की जानकारी ले सकते हैं। चोरी पकड़े जाने पर बकाया तीन गुना वसूला जाता है। इस मामले में भी आरोपी को 12.57 लाख (तीन गुना) चुकाना पड़ेगा। पुलिस ने कहा कि जांच में लोकल इलेक्ट्रीशियन की संलिप्तता भी मिल सकती है। अगर साबित हुआ तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। ठाणे के एसपी ने कहा कि बिजली चोरी को अब क्राइम के रूप में लिया जा रहा। हम साप्ताहिक रेड बढ़ाएंगे।
यह घटना महाराष्ट्र की बिजली व्यवस्था की कमजोरियों को दिखाती है। राज्य में सालाना करोड़ों का नुकसान होता है। मुंबई में आदानी इलेक्ट्रिसिटी ने 2024-25 में 1166 एफआईआर दर्ज कीं, जिससे लॉस कम हुआ। लेकिन ठाणे जैसे क्षेत्रों में समस्या ज्यादा। सरकार ने 2018 में प्राइवेटाइजेशन की कोशिश की, लेकिन पूरी नहीं हुई। अब नए नियमों से सजा सख्त हो रही। एनजीटी ने भी चोरी पर जुर्माना बढ़ाने को कहा। इस मामले से इलाके के लोग सतर्क हो गए। कई ने कहा कि चोरी से बिल बढ़ जाते हैं। एमएसईडीएल ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया। लोग शक होने पर रिपोर्ट करें।
पुलिस जांच तेज है। आरोपी को दो दिनों में पकड़ने का दावा। अगर गिरफ्तार हुआ तो कोर्ट में पेश होगा। कंपनी ने बकाया वसूली के लिए नोटिस भेजा। यह मामला अन्य चोरों के लिए चेतावनी है। ठाणे में बिजली चोरी रोकने के लिए अब जागरूकता कैंप लगेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि स्मार्ट ग्रिड से समस्या हल हो सकती। फिलहाल, यह घटना राज्य की ऊर्जा सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही। उम्मीद है कि सख्त कार्रवाई से चोरी रुकेगी।
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